प्रिंस सलमान ने बदली रूढ़िवादी परंपरा,महिलाएं डेटिंग एप पर कर रही जीवनसाथी की तलाश
नई दिल्ली – धार्मिक-सामाजिक बंधनों के बाद सऊदी अरब परिवर्तनकारी बदलाव से गुजर रहा है। सऊदी अब अपनी युवा आबादी को उन बंधनों से मुक्त कर रहा है, जो पिछली पीढ़ियों को अपने सपने पूरा करने से रोकते थे। 20वीं सदी की सख्ती के उलट सऊदी के युवा अब अपनी पसंद के करियर को आगे बढ़ा सकते हैं और मनोरंजन स्थलों पर घूम रहे है, जहां पुरुषों और महिलाओं को आपस में मिलने-जुलने की अनुमति है। ये ऐसी सामाजिक स्वतंत्रताएं हैं, जिन्हें लंबे समय तक सऊदी के समाज में वर्जित माना जाता था। सऊदी महिलाओं को खासतौर से बीते सालों में कई अधिकार मिले हैं। महिलाओं को ड्राइविंग, शैक्षिक और यात्रा विकल्पों में आजादी मिली है। आर्थिक, कानूनी और सामाजिक परिवर्तनों ने महिलाओं के अधिकारों को व्यापक सुधार एजेंडे के तहत बदल दिया है। इन बदलावों के पीछे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की सोच है।
विजन 2030 के तह सऊदी में हो रहे बड़े परिवर्तन
वाशिंगटन स्थित अरब गल्फ स्टेट्स इंस्टीट्यूट की रेजिडेंट स्कॉलर क्रिस्टिन स्मिथ दीवान ने बताया कि महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर जाने की अनुमति मिलने के बाद सऊदी में बड़ा बदलाव आया है. इसकी वजह से पारिवारिक जीवन में परिवर्तन देखे गए हैं।सऊदी की युवा पीढ़ी जीवनसाथी की तलाश में डेटिंग कर रही है. सऊदी अरब में हुआ यह ऐतिहासिक परिवर्तन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 से प्रेरित है। इस विजन को साल 2016 में शुरू किया गया था, जिसे एक ट्रिलियन डॉलर का मास्टर प्लान के तौर पर देखा जाता है।
महिलाओं की भागीदारी 36 प्रतिशत
पिछले वर्ष वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी 36 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो 2016 के आंकड़े से दोगुनी है। ऐसा संरक्षकता कानूनों में ढील के कारण हुआ है। अब सऊदी में 21 साल से ज्यादा की महिलाओं को घर से बाहर जाने, विवाह का पंजीकरण कराने या पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए किसी पुरुष रिश्तेदार की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। वाशिंगटन स्थित अरब गल्फ स्टेट्स इंस्टीट्यूट की वरिष्ठ रेजिडेंट स्कॉलर क्रिस्टिन स्मिथ दीवान ने कहा, ‘सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के प्रवेश ने वास्तव में युवा सउदी लोगों के लिए सामाजिक और व्यावसायिक स्थान खोल दिया है। इससे आए बदलाव को कार्यस्थल, पारिवारिक जीवन और डेटिंग तथा विवाह जैसे क्षेत्रों में देखा जा सकता है।’