नई दिल्ली – अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर मौजूद नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और क्रू के आठ अन्य सदस्यों के लिए एक बार फिर एक बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। नासा ने शुक्रवार को जानकारी दी कि अंतरिक्ष यात्रियों के पहले दल को ले जाने वाले बोइंग स्टारलाइनर की वापसी को फिलहाल टाल दिया गया है। यहां तक कि नासा ने वापसी की कोई नई तारीख भी नहीं बताई है।
सुनीता विलियम्स ने 5 जून को उड़ान भरी थी
अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स ने 5 जून को उड़ान भरी थी। 2019 के बाद से इसे दो बार बिना मनुष्यों के अंतरिक्ष में भेजा गया है। इसके थ्रस्टर्स को पांच विफलताओं और पांच हीलियम रिसाव का सामना करना पड़ा है। नासा और बोइंग को खराबी का सामना करना पड़ा और अतिरिक्त परीक्षण करने पड़े, जिससे यह सवाल उठता है कि वास्तव में स्टारलाइनर अपने चालक दल को कब तक वापस ला सकेगा। इसके आलावा इस अंतरिक्ष यान की कई समस्याएं सामने आई हैं।
खर्च हुए करीब 6 अरब डॉलर
इस प्रोजेक्ट के लिए कंपनी ने 4.5 अरब डॉलर के नासा डेवलपमेंट कॉन्ट्रैक्ट के अलावा लागत में वृद्धि पर 1.5 अरब डॉलर खर्च किए हैं. नाशा की कोशिश है कि स्टारलाइनर स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन के साथ दूसरा ऐसा अमेरिकी अंतरिक्ष यान बने, जो अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक ले जा सके.
वापसी सबसे मुश्किल
स्टारलाइनर को वापस पृथ्वी पर लौटाना अंतरिक्ष यान के परीक्षण मिशन के सबसे जटिल चरणों में से एक है। नासा अधिकारियों का कहना है कि वे स्टारलाइनर की लगभग छह घंटे की वापसी यात्रा शुरू करने से पहले थ्रस्टर फेलियर, वाल्व समस्या और हीलियम रिसाव के कारणों को बेहतर ढंग से समझना चाहते हैं। स्टारलाइनर की वर्तमान उड़ान में केवल एक थ्रस्टर डेड है। बोइंग को 2022 में चालक रहित स्पेस कैप्सूल की वापसी के दौरान चार थ्रस्टर समस्याओं का सामना करना पड़ा था।
सुनीता का रिकॉर्ड
सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में रिकॉर्ड 322 दिन बिता चुकी हैं। वह पहली बार 9 दिसंबर 2006 को अंतरिक्ष में गई, और 22 जून 2007 तक वहां रहीं। इसके बाद वह 14 जुलाई 2012 को दूसरी बार अंतरिक्ष यात्रा पर गईं और 18 नवंबर 2012 तक अंतरिक्ष में रहीं।