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चीनी डिप्टी-PM से मिली बाइडेन की वित्तमंत्री,ऐसा क्या कर रहा है ड्रैगन


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नई दिल्ली – अगर चीन में पूंजी का प्रवाह किया गया, तो एक दिन चीनी शासन कम्युनिस्ट विचारधारा को छोड़कर पूंजीवादी आस्था को मानने लगेगा।’ कुछ ऐसे ही विचार थे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड मिल्हौस निक्सन के प्रशासन के, जिन्होंने पहली बार अमेरिका के संबंध चीन से जोड़े थे।21 फरवरी से 28 फरवरी 1972 के बीच निक्सन ने चीन का दौरा किया था, और आज दुनिया की जो स्थिति, चीन जितना ताकतवर और दुनिया के लिए जितना बड़ा खतरा बन चुका है, उसकी बुनियाद उसी एक हफ्ते के दौरे पर रखी गई थी। उस वक्त चीन के राष्ट्रपति माउत्से तुंग ने निक्सन का स्वागत किया था और इस मुलाकात को दुनिया की पांच सबसे बड़ी राजनीतिक मुलाकातों में शीर्ष पर रखा जा सकता है।

येलेन दूसरी बार चीन की यात्रा पर

येलेन एक साल से भी कम समय में दूसरी बार चीन की यात्रा पर आई हैं। गुरुवार को वह चीन के दक्षिणी शहर ग्वांगझू पहुंचीं। उन्होंने अमेरिकी और अन्य देशों की कंपनियों को कमजोर करने वाली चीन की नीतियों पर चिंता जताई। चीन सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वीकल और बैटरियों जैसी इंडस्ट्रीज को भारी सब्सिडी दे रही है। इससे चीन से आने वाले सस्ते सामान से दुनिया के बाकी देशों की इंडस्ट्री तबाह हो सकती है। येलेन ने शुक्रवार को ग्वांगझू में एक प्रोग्राम में कहा कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सरकारी समर्थन से चीन की इंडस्ट्री घरेलू मांग से कहीं ज्यादा माल बना रही है जो ग्लोबल मार्केट के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की आशंकाएं चीन विरोधी नीति का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि चीनी नीतियों में कोई बदलाव नहीं होने से ग्लोबल इकॉनमी को खतरा हो सकता है।

अमेरिका की ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन

चीन दौरे पर अमेरिका की वित्त मंत्री अमेरिका की ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन (वित्तमंत्री) और चीनी उप प्रधान मंत्री हे लिफेंग ने चीन के दक्षिणी निर्यात केंद्र गुआंगजौ में मुलाकात की है। एशियाई देश की अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान, येलेन ने वाशिंगटन के आर्थिक हितों को आगे बढ़ाने पर व्यापक रूप से ध्यान केंद्रित किया है। चीनी उप-प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद ऐसा महसूस हो रहा है, कि अमेरिका को कुछ फायदे मिलने वाले हैं।

अमेरिका की चिंता

अमेरिका की वित्त मंत्री ने कहा कि वॉशिंगटन अमेरिका-चीन संबंधों को मैनेज करना चाहता है ताकि वे लचीले हों और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना कर सकें। उन्होंने कहा कि वह चीन में काम कर रही अमेरिकी कंपनियों के सामने आ ही मुश्किलों के बारे में चीन के अधिकारियों के साथ बात करेंगी। वॉशिंगटन की चिंताएं ऐसे समय में सामने आई हैं जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन स्वच्छ ऊर्जा में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए जोर दे रहे हैं। नीति निर्माताओं ने चेतावनी दी है कि चीन की अतिरिक्त क्षमता उन उद्योगों के विकास को नुकसान पहुंचा सकती है। जानकारों का कहना है कि बाइडन प्रशासन ईवी सेक्टर में चीन की बढ़ती ताकत से चिंतित है।

महत्वहीन हो गया QUAD

अब महत्वहीन हो गया QUAD? अमेरिकी वित्तमंत्री के चीन दौरे को अगर समझने की कोशिश करें, तो ये साफ बताता है, कि बाइडेन प्रशासन जब चीन के कम्युनिस्ट शासन को कंट्रोल नहीं कर पाया, तो उसने अब घुटने टेक दिए हैं। वहीं, आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे चीन को अमेरिकी वित्त मंत्री के दौरे से फायदे ही फायदे हैं और उसे अपनी आर्थिक संकटों को सुलझाने के लिए वक्त के साथ साथ अमेरिकी रियायत भी हासिल हो रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है, कि अमेरिका एक बार फिर से बड़ी भूल करने जा रहा है, क्योंकि उसकी एक गलती की सजा पहले से ही दुनिया भुगत रही है।

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