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दूरदर्शन का मोस्ट पॉपुलर सीरियल की ‘चंद्रकांता’ अब करने लगी है ऐसा काम ,देश का नाम किया रोशन


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मुंबई – बात साल 1994 की है. संडे के दिन टीवी पर फंतासी सीरियल शुरू हुआ. यह सीरियल हिंदी साहित्यकार देवकीनंदन खत्री के उपन्यास पर आधारित था और इसका टीवी रूपांतरण हिंदी के जाने-माने साहित्यकार कमलेश्रर ने किया. टीवी सीरियल का नाम था चंद्रकांता. इस सीरियल के कैरेक्टर राजकुमारी चंद्रकांता, राजकुमार कुंवर वीरेंद्र विक्रम सिंह, जांबाज, विष पुरुष शिवदत्त और विलेन क्रूर सिंह इतने लोकप्रिय हो गए कि हर किसी की जुबान पर इन्हीं का नाम रहता था. टीआरपी की रेटिंग में भी यह सीरियल सातवें आसमान था. यही नहीं,

चंद्रकांता उपन्यासा को देवकी नंदन खत्री ने लिखा था

जब चंद्रकांता सीरियल दूरदर्शन पर शुरू होता था, चंद्रकांता उपन्यासा को देवकी नंदन खत्री ने लिखा थापसर जाता था और हम जैसे बच्चे क्रिकेट को छोड़ टीवी के आगे चिपक जाते थे. वह कमाल का दौर था. टीवी पर चंद्रकांता के जरिये हम बच्चों के लिए एक ऐसी जादुई दुनिया खुली जिसमें विष पुरुष और अय्यार जैसे पात्र हमें देखने को मिले. दूरदर्शन के इस सीरियल की राजकुमारी चंद्रकांता तो हरदिल अजीज हो गई. लेकिन आप जानते हैं जो चंद्रकांता टीवी पर नजर आई, वह मेकर्स की पहली पसंद नहीं थी. इस शो का दोबारा प्रसारण स्टार प्लस और सोनी पर भी हो चुका है. चंद्रकांता सीरियल के 133 एपिसोड एयर हुए थे.

शिखा स्वरूप कहां हैं और क्या काम करती हैं

‘चंद्रकांता की कहानी, ये माना है पुरानी…’, नीरजा गुलेरी के टीवी शो ‘चंद्रकांता’ का टाइटल सॉन्ग जब भी सुनते हैं, तो हम अनायास ही 90 के दशक में पहुंच जाते हैं। तब ‘विक्रम और बेताल’ और ‘शक्तिमान’ जैसे सुपरहीरो की तरह कुंवर वीरेंद्र विक्रम सिंह और चंद्रकांता का भी जलवा था। देवकी नंदन के उपन्यास ‘चंद्रकांता’ पर आधारित इसी नाम के सीरियल में एक्ट्रेस शिखा स्वरूप ने चंद्रकांता का किरदार निभाया था, जबकि एक्टर शाहबाज खान, कुंवर वीरेंद्र प्रताप के रोल में थे। इस सीरियल में कई बड़े कलाकार थे, जिन्होंने बाद में खूब नाम कमाया। शिवदत्त बने पंकज धीर से लेकर क्रूर सिंह बने अखिलेंद्र मिश्रा और बद्रीनाथ-सोमनाथ के किरदार में इरफान को लोग आज भी याद करते हैं। चंद्रकांता को तो कोई भी नहीं भूला है। शिखा स्वरूप ने ‘चंद्रकांता’ से पहले कई फिल्मों में काम किया था। बाद में भी वह कई फिल्मों और टीवी सीरियलों में नजर आईं, पर चंद्रकांता का चार्म उन पर हमेशा हावी रहा। ‘चंद्रकांता’ को टेलिकास्ट हुए 30 साल हो चुके हैं। इतने साल बाद इसकी हीरोइन शिखा स्वरूप कहां हैं और क्या काम करती हैं जानते हैं?

चंद्रकांता के किरदार के लिए शिखा स्वरूप परफेक्ट चॉयस थीं

चंद्रकांता सीरियल में चंद्रकांता बन सबका दिल जीतने वाली शिखा स्वरूप इस किरदार के लिए पसंद नहीं थी. आखिरी क्यों? तो बताते हैं कि यह बात 1980 के दशक की है. उस समय भी चंद्रकांता सीरियल को बनाने की कोशिश की गई थी. उस समय चंद्राकांता के रोल के लिए अनुराधा पटेल को चुना गया था. इसके अलावा कई अन्य बड़े सितारों दिलीप धवन और सतीश कौशिक को साइन किया गया था. लेकिन यह प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ सका और अटका ही रह गया. लेकिन जब दोबारा चंद्रकांता की शूटिंग की गई तो इस बार चंद्रकांता के किरदार के लिए शिखा स्वरूप परफेक्ट चॉयस थीं. इस सीरियल से वह घर-घर में पहचाना नाम बन गईं और उनकी लोकप्रियता तो कमाल की थी.

1990 में फिल्मों से शुरुआत, ‘चंद्रकांता’ से मिला स्टारडम

शिखा स्वरूप ने साल 1990 में बॉलीवुड में एंट्री की थी। उनकी पहली फिल्म ‘आवाज दे कहां है’ थी। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया। पर जब 1994 में नीरजा गुलेरी ने ‘चंद्रकांता’ सीरियल ऑफर किया तो उनकी किस्मत बदल गई। साल 2011 में वह इसके रीमेक ‘कहानी चंद्रकांता की’ में महारानी चंद्रकांता के रोल में नजर आई थीं और फिर ‘रामायण’ में कैकेयी बनी थीं।

चंद्रकांता उपन्यासा जबरदस्त तरीके से पॉपुलर हुआ

चंद्रकांता उपन्यासा को देवकी नंदन खत्री ने लिखा था. यह 1888 में प्रकाशित हुआ था. यह अपने प्रकाशन के समय ही पाठकों में बहुत ही जबरदस्त तरीके से पॉपुलर हुआ. कहा जाता है कि इस उपन्यास को पढ़ने के लिए उस दौर में कई लोगों ने हिंदी पढ़ना सीखा. देवकी नंदन खत्री ने इस उपन्यास को अपनी ही प्रेस लहरी प्रेस से प्रकाशित किया था.

‘मिस इंडिया’ रहीं ‘चंद्रकांता’ शिखा स्वरूप

एक्ट्रेस बनने से पहले शिखा स्वरूप मिस इंडिया थीं। उन्होंने साल 1988 में मिस इंडिया का ताज जीता था। तब वह कॉलेज में पढ़ रही थीं। वह साल 1991 तक मिस इंडिया रहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि 1989 और 1990 में कोई ब्यूटी कॉन्टेस्ट आयोजित नहीं किया गया था।

पिस्टल शूटिंग चैंपियन में देश के लिए जीता गोल्ड मेडल

बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि शिखा स्वरूप खिलाड़ी भी रही हैं। वह पिस्टल शूटिंग में चैंपियन रही हैं। शिखा स्वरूप ने साल 1988 में ऑल इंडिया पिस्टल शूटिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था, और गोल्ड मेडल जीता था। वह एक्ट्रेस नहीं होतीं तो आज शूटर ही होतीं।

​नेशनल लेवल की बेडमिंटन प्लेयर भी रहीं ‘चंद्रकांता’ शिखा स्वरूप

​यही नही, शिखा स्वरूप नेशनल लेवल की बेडमिंटन प्लेयर भी रह चुकी हैं। बेशक शिखा स्वरूप ने इतने सारे फील्ड में काम किया, खेल से लेकर एक्टिंग और थिएटर में जगह बनाई, पर उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकनॉमिक्स ऑनर्स किया।

सुपरमॉडल थीं शिखा स्वरूप, दुनियाभर में किए शोज

शिखा स्वरूप एक पॉपुलर सुपरमॉडल भी रहीं। उन्होंने बतौर फैशन मॉडल देश और दुनिया में 400 से ज्यादा शोज किए। फिल्मों में आईं तो 1995 तक तो काम किया, लेकिन फिर फिल्में छोड़ दीं। बताया जाता है कि शिखा स्वरूप को अपनी लंबाई के कारण कई फिल्मों के ऑफर्स से हाथ धोना पड़ा था।

एक्टिंग छोड़ मोटिवेशनल स्पीकर बन गईं

जब शिखा फिल्मों में नहीं चलीं, तो उन्होंने टीवी की दुनिया में ही काम करना बेहतर समझा और वहां अपना परचम लहरा दिया। शिखा स्वरूप ने साल 2012 में एक्टिंग से दूरी बना ली और आज वह एक मोटिवेशनल स्पीकर हैं। वह सोशल मीडिया पर कम एक्टिव रहती हैं।

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