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भारत और EFTA के बीच हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट,जानिए क्या होगा फायदा


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नई दिल्लीः भारत ने यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (European Free Trade Association-EFTA) के चार देशों के साथ एग्रीमेंट पर साइन किया है. ये एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (Free Trade Agreement) है. 7 मार्च को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस समझौते को मंजूरी मिल गई थी. बता दें कि समझौते में शामिल चार देश आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं.

समझौते में क्या-क्या है?

इंडिया टुडे से जुड़ीं गीता मोहन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत और EFTA जनवरी 2008 से ही आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर चर्चा कर रहे थे. समझौते को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि समझौता लागू होने के बाद भारत ने EFTA से पहले दस सालों में करीब 41 हजार करोड़ रुपए और अगले पांच सालों में बाकी के 41 हजार करोड़ रुपए निवेश करने की बात कही है. समझौते के तहत व्यापार की जाने वाली चीजों में अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क को कम या खत्म किया जाएगा.

केंद्रीय मंत्रिमंडल से मिली मंजूरी

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस समझौते को सात मार्च को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई। ईएफटीए देश यूरोपीय संघ (ईयू) का हिस्सा नहीं हैं।यह मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने और तेज करने के लिए एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना उन देशों के लिए एक विकल्प के रूप में की गई थी, जो यूरोपीय समुदाय में शामिल नहीं होना चाहते थे। इस समझौते के तहत चौदह चीजों को लेकर सहमति बनी है. जिसमें उत्पत्ति के नियम, सेवाओं में व्यापार, निवेश में बढ़ावा और सहयोग देना, सरकारी खरीद, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (IPRs), व्यापार में तकनीकी बाधाएं और व्यापार सुविधा शामिल हैं.

व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते

भारत और ईएफटीए आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी, 2008 से आधिकारिक तौर पर व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर बातचीत कर रहे हैं। समझौते में 14 अध्याय हैं।इनमें वस्तुओं का व्यापार, उत्पत्ति के नियम, बौद्धिक संपदा अधिकार (आइपीआर), सेवाओं में व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, सरकारी खरीद, व्यापार में तकनीकी बाधाएं और व्यापार सुविधा शामिल हैं।

देश में आएगा 100 अरब डॉलर का निवेश

गोयल ने कहा कि व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) के तहत ईएफटीए देश अगले 15 साल में भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश करेंगे. यह एक बाध्यकारी समझौता है.

ये डील क्यों जरूरी है?

इस डील के तहत भारत ये निर्यात की जाने वाली लगभग सभी चीजों में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत फायदा मिलेगा. इसे लेकर एक अधिकारी ने बताया, ‘भारत में बनने वाले लगभग सभी कृषि उत्पादों को EFTA में शामिल चार देशों की एक बड़ी मार्केट में हिस्सा मिलेगा. साथ ही फार्मा सेक्टर, मेडिकल डिवाइस बनाने वाली कंपनियों और प्रोसेस्ड फूड भी एक बड़ा मार्केट कैप्चर कर सकती है.’

मेक इंडिया को मिलेगी तेजी

स्विट्जरलैंड के आर्थिक मामलों के मंत्री गाइ पार्मेलिन ने कहा कि समझौते के परिणामस्वरूप देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और नवीन प्रौद्योगिकी का प्रवाह बढ़ेगा, जिससे देश में विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और अधिक रोजगार का सृजन होगा. उन्होंने कहा कि इससे ‘मेक इन इंडिया’ अभियान में और तेजी आएगी.

40 देशों के साथ 29 FTA

ईएफटीए के कनाडा, चिली, चीन, मैक्सिको और कोरिया सहित 40 भागीदार देशों के साथ 29 एफटीए हैं। मुक्त व्यापार समझौते के तहत, दो व्यापारिक साझेदार सेवाओं और निवेश को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को आसान बनाएंगे।इसके अलावा उनके बीच व्यापार की जाने वाली वस्तुओं की अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क को काफी कम या समाप्त कर देते हैं।ईएफटीए देशों को भारत का निर्यात 2021-22 में 1.74 अरब डॉलर के मुकाबले 2022-23 के दौरान 1.92 अरब डॉलर रहा। वहीं पिछले वित्त वर्ष के दौरान कुल आयात 16.74 अरब डॉलर था, जबकि 2021-22 में यह 25.5 अरब डॉलर था।

10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार का फायदा

पार्मेलिन ने कहा, यूरोपीय देश, अपनी ओर से, भारत के विशाल बाजार और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था द्वारा प्रदान किए जाने वाले आर्थिक अवसरों तक पहुंच प्राप्त करेंगे. भारत ने समझौते के कार्यान्वयन के बाद ब्लॉक के सदस्य देशों से पहले 10 वर्षों के दौरान 50 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता और अगले पांच साल में 50 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता मांगी है. इससे देश में विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे.

क्या होता है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट?

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत होने वाले समझौते में शामिल दो पार्टनर एक दूसरे के देशों में आयात, निर्यात होने वाली चीजों में कस्टम ड्यूटी या तो कम कर देते हैं या तो हटा देते हैं. साथ ही आयात-निर्यात के नियमों में भी सख्ती नहीं बरती जाती है.

ईयू के साथ वार्ता

भारत और ईएफटीए आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी, 2008 से आधिकारिक तौर पर व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) समझौते पर बातचीत कर रहे थे। दोनों पक्षों ने अक्टूबर, 2023 में वार्ता फिर शुरू की और इसे तेजी से पूरा किया। ईएफटीए देश यूरोपीय संघ (ईयू) का हिस्सा नहीं हैं। यह मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने और तेज करने के लिए एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना उन देशों के लिए एक विकल्प के रूप में की गई थी जो यूरोपीय समुदाय में शामिल नहीं होना चाहते थे। भारत 27 देशों के समूह यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ अलग से एक वृहद मुक्त व्यापार करार के लिए बातचीत कर रहा है। भारत-ईफएटीए का द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 18.65 अरब डॉलर रहा था। यह 2021-22 में 27.23 अरब डॉलर था। पिछले वित्त वर्ष में व्यापार घाटा 14.8 अरब डॉलर था। इन देशों में स्विट्जरलैंड, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। इसके बाद नॉर्वे का स्थान है।

पीएम मोदी ने किया स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समझौते पर हस्ताक्षर का स्वागत करते हुए कहा, “कई पहलुओं में संरचनात्मक विविधताओं के बावजूद हमारी अर्थव्यवस्थाओं में पूरकताएं हैं जो सभी देशों के लिए लाभकारी होने का वादा करती हैं. विशाल व्यापार और निवेश के अवसरों के खुलने के साथ, हम विश्वास और महत्वाकांक्षा के एक नए स्तर पर पहुंच गए हैं. व्यापार समझौता निष्पक्ष, न्यायसंगत व्यापार खोलने के साथ-साथ युवाओं के लिए विकास और रोजगार पैदा करने के हमारे साझा समझौते का प्रतीक है.”उन्होंने कहा, “भारत ईएफटीए देशों को हरसंभव समर्थन देगा और उद्योग तथा व्यवसायों को न केवल प्रतिबद्ध लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बल्कि उनसे आगे बढ़ने में भी मदद करेगा. यह समझौता हम सभी के लिए एक अधिक समृद्ध भविष्य की ओर हमारे देशों की यात्रा में एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक बने.”

2008 से चल रही थी बातचीत

ईएफटीए की ओर से हस्ताक्षर समारोह में भाग लेने वाले चार मंत्री हैं: स्विस फेडरल काउंसलर और आर्थिक मामलों, शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के प्रमुख गाइ पार्मेलिन; आइसलैंड के विदेश मंत्री बजरनी बेनेडिक्टसन; लिकटेंस्टीन के विदेश मामलों के मंत्री डोमिनिक हस्लर; और नॉर्वे के व्यापार एवं उद्योग मंत्री जान क्रिश्चियन वेस्ट्रे. भारत और ईएफटीए आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी 2008 से समझौते पर बातचीत कर रहे हैं.

11 वीं से 5वीं सबसे बड़ी इकॉनोमी बना भारत : मोदी

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ईएफटीए देशों के मंत्रियों और अधिकारियों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री का संदेश पढ़ा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पिछले 10 साल में भारत की अर्थव्यवस्था ने एक लंबी छलांग लगाई है। दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से आज भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।’’ यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के सदस्य देशों में आइसलैंड, लीशटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं।

समझौते में हैं 14 अध्याय

इस समझौते को सात मार्च को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई थी। भारत और ईएफटीए आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी, 2008 से आधिकारिक तौर पर व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) समझौते पर बातचीत कर रहे थे। समझौते में 14 अध्याय हैं। इनमें माल में व्यापार, उत्पत्ति के नियम, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), सेवाओं में व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, सरकारी खरीद, व्यापार में तकनीकी बाधाएं और व्यापार सुविधा शामिल हैं। ईएफटीए के कनाडा, चिली, चीन, मैक्सिको और कोरिया सहित 40 भागीदार देशों के साथ 29 एफटीए हैं। मुक्त व्यापार समझौते के तहत, दो व्यापारिक साझेदार सेवाओं और निवेश को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को आसान बनाने के अलावा, उनके बीच व्यापार की जाने वाली वस्तुओं की अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क को काफी कम या समाप्त कर देते हैं।

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