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आईपीओ से पहले स्विगी ने बदला अपना नाम,ये नया नाम


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नई दिल्ली – बेंगलुरु स्थित फूड और ग्रोसरी डिलीवरी ऐप स्विगी (Swiggy) ने अपना रजिस्टर्ड नाम बदल दिया है। स्विगी का पंजीकृत नाम बंडल टेक्नोलॉजीज (Bundl Technologies Pvt Ltd ) से जिसे कंपनी ने शेयरहोल्डर्स की मंजूरी मिलने के बाद बदल दिया है। अब इसे बदलकर स्विगी प्राइवेट लिमिटेड (Swiggy Pvt Ltd) कर दिया गया है। बेंगलुरु स्थित कंपनी को इस महीने की शुरुआत में नाम परिवर्तन के लिए RoC से मंजूरी मिली थी। दरअसल स्विगी अपना आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। आईपीओ को इसी साल लाने की तैयारी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसका साइज करीब 100 करोड़ डॉलर का हो सकता है। स्विगी की प्रतिद्वंदी जोमैटो ने साल 2021 में स्टॉक मार्केट में एंट्री मारी थी। इसके बाद से ही स्विगी ने आईपीओ लाने की योजना बनाई है। जोमैटो की लिस्टिंग से स्विगी को काफी कुछ समझने में मदद मिली है। स्विगी और जोमैटो एक ही कारोबारी रास्ते पर हैं।

स्विगी ने अपने कार्यबल को 6% तक कम करने की योजना बनाई है, जिससे तकनीकी, कॉल सेंटर और कॉर्पोरेट जैसे विभागों में 350-400 लोगों की नौकरियां जाने की संभावना जताई जा रही है.फूड-डिलीवरी के अलावा कंपनी का काम क्विक-कॉमर्स स्पेस यानी स्विगी इंस्टामार्ट ब्रांड के तहत ग्रोसरी सामान की डिलीवरी करना भी है। कंपनी डाइन आउट ब्रांड के तहत डाइनिंग आउट सेगमेंट और जिनी ब्रांड के तहत पार्सल डिलीवरी सेवाएं प्रदान करती है. साल 2014 में नंदन रेड्डी और श्रीहर्ष मजेटी द्वारा बंडल टेक्नोलॉजीज की स्थापना की गई थी. इस समय श्रीहर्ष मजेटी फर्म के सीईओ हैं।

स्विगी के अपना रजिस्टर्ड नाम बदलने की एक वजह आईपीओ लाना है। नाम बदलने से स्विगी को कंपनी के कॉर्पोरेट नाम को पहचान स्थापित करने में मदद मिलेगी। आईपीओ के लिए स्विगी चालू वित्त वर्ष के अंत तक अपना ड्रॉफ्ट दाखिल करने की तैयारी कर रही है। कंपनी का मुख्य लक्ष्य अपनी लागत को कम करने के साथ अच्छा मुनाफा हासिल करना है। मार्च 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए स्विगी का परिचालन राजस्व साल दर साल 45 फीसदी बढ़कर 8,265 करोड़ रुपये हो गया था। हालांकि, इस अवधि में कंपनी का नेट लॉस 15 फीसदी बढ़कर 4,179 करोड़ रुपये हो गया। फूड-डिलीवरी के अलावा कंपनी स्विगी इंस्टामार्ट ब्रॉन्ड (Swiggy Instamart Brand) के तहत ग्रोसरी डिस्ट्रीब्यूट करती है।

कंपनी आईपीओ दस्तावेज दाखिल करने की तो तैयारी कर रही है।लेकिन इसका लक्ष्य लागत को कम करने के साथ ही लाभ को बढ़ाना है।स्विगी के ओपरेटिंग रेवेन्यू की बात की जाए तो यह हर साल लगभग 45 फीसदी बढ़ रहा है, जो 8,265 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।इसके साथ ही शुद्ध घाटे में भी 15 फीसदी यानी 4,179 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई।

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