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पंजाब के तरन तारन में भूकंप के झटके,कई जिलों में लगे भूकंप के झटके


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नई दिल्ली – पंजाब के तरन तारन में 26 फरवरी को भूकंप के झटके महसूस किए गए. तरन तारन रीजन में केंद्र था. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.8 मापी गई. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने सोशल मीडिया एक्स पर जानकारी दी कि 26 फरवरी की रात नौ बजकर 23 मिनट पर भूकंप जिसका रीजन तरन तारन दर्ज किया गया. इसकी गहराई 40 किलोमीटर मापी गई. इससे पहले 11 जनवरी को पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इसका केंद्र अफगानिस्तान में था.

पंजाब में भूकंप के झटके लगे

पंजाब में भूकंप के झटके लगे हैं। प्रदेश के अनेक हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक सोमवार की रात 9 बजकर 23 मिनट पर भूकंप के झटके लोगों ने महसूस किए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई है। भूकंप का केंद्र पंजाब के तरनतारन जिले में जमीन से करीब 40 किमी नीचे रहा.तरनतारन के अलावा फिरोजपुर जिले में भी लोगों ने हल्के झटके महसूस किए.हालांकि भूकंप से फिलहाल जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं.पंजाब में भूकंप के ये झटके तरनतारन और फिरोजपुर में ज्यादा महसूस किये गए. झटका महसूस करते ही लोग अपने घरों और दुकानों से बाहर आ गए. लोगों ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर भी दी.एक शख्स ने लिखा, पूरा घर हिल गया, अभी अभी यहां भूकंप आया.

भूकंप से पहले क्या करें

अपने घर को भूकंप प्रतिरोधी बनाने हेतु स्ट्रक्चरल इंजीनियर से परामर्श करें;
दीवारों और छतों की दरारों की मरम्मत कराएं;
खुले टांड़ दीवार से मज़बूती से बांधे और भारी सामान निचली टांड़ों पर रखें;
आपातकालीन किट तैयार रखें;
अपने परिवार के साथ एक निजी आपातकालीन योजना तैयार करें;
‘झुको-ढको-पकड़ो’ की तकनीक सीखें.

भूकंप के दौरान

घबराएं नहीं, शांत रहें;
टेबल के नीचे जाएं, एक हाथ से अपने सिर को ढकें और भूकंप के झटके समाप्त होने तक टेबल को पकड़े रहें;
झटके समाप्त होते ही फौरन बाहर निकलें – लिफ्ट का इस्तेमाल न करें;
बाहर आने के बाद इमारतों, पेड़ों, दीवारों और खंभों से दूर रहें;
अगर आप गाड़ी के अंदर हैं तो गाड़ी रोककर झटके समाप्त होने तक अंदर ही रहें, पुल इत्यादि पर जाने से बचें.

क्यों आते हैं भूकंप

धरती के भीतर टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से ऊर्जा बाहर की ओर निकलती है और जो उथल-पुथल पैदा होती है वह भूकंप के रूप में हमारे सामने आती है.नेपाल में बार-बार भूकंप आने और दिल्ली तक महसूस होने की भी वजह है. नेपाल दुनिया के उन सबसे खतरनाक क्षेत्र में शामिल है, जहां टेक्टोनिक प्लेटें सबसे ज्यादा एक्टिव मोड में हैं। उसका असर उत्तर भारत तक होता है क्योंकि वह उससे जुड़ा है. अगर 6 से ज्यादा तीव्रता का भूकंप आता है तो बड़े नुकसान की आशंका रहती है.इसमें इमारतें गिर सकती हैं। नींव दरक सकती है और नुकसान हो सकता है. 7-8 की तीव्रता का भूकंप बेहद विनाशकारी होता है.

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