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विश्व

PM मोदी आज अबू धाबी में करेंगे पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन, राष्‍ट्रपति नाहयान की दरियाद‍िली की तारीफ

नई दिल्लीः यूएई के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम अबू धाबी में बने पहले मंदिर का उद्धाटन करेंगे। इस भव्‍य मंदिर को बनाने की शुरुआत खुद पीएम मोदी के गुजारिश पर हुई थी। प्रधानमंत्री ने अहलन मोदी कार्यक्रम के दौरान खुद बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के बनाए इस शानदार मंदिर की कहानी बताई। पीएम मोदी ने बताया कि साल 2015 में उन्‍होंने यूएई के राष्‍ट्रपति और अपने ‘भाई’ नहयान से इस मंदिर के लिए जमीन देने की गुजारिश की थी। इस पर यूएई के राष्‍ट्रपति ने तुरंत एक पल भी गंवाए बिना हां कर दी। उन्होंने कह दिया कि जिस जमीन पर तुम लकीर खींच दोगे, मैं वो दे दूंगा। अब इस इस्‍लामिक देश में मंदिर बनने की चर्चा पूरी दुनिया में है।

राष्‍ट्रपति नाहयान की दरियाद‍िली की तारीफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबू धाबी के शेख जायद स्टेडियम में भारतीय समुदाय के कार्यक्रम ‘अहलान मोदी’ को संबोधित करते हुए कहा कि बीते दस वर्षों में यूएई की ये मेरी सातवीं यात्रा है। यूएई के राष्ट्रपति नाहयान आज भी मुझे एयरपोर्ट पर रिसीव करने आए थे। उनकी गर्मजोशी वही थी, उनका अपनापन वही था। यही बात उन्हें खास बना देती है। उन्‍होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि हमें भी चार बार भारत में उनका स्वागत करने का अवसर मिला। कुछ दिन पहले ही वो गुजरात आए थे। तब, वहां लाखों लोग उनका आभार व्यक्त करने के लिए सड़क के दोनों ओर जमा हो गए थे। वो जिस तरह यूएई में आप सभी का ध्यान रख रहे हैं, वो जिस तरह आपके हितों की चिंता करते हैं। वैसा कम ही देखने को मिलता है। इसलिए उन्हें धन्यवाद बोलने के लिए वो सारे लोग घरों से बाहर निकल आए।”

हिंदू मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बना

पीएम मोदी ने आगे कहा कि 2015 में उनके सामने आप सबकी ओर से अबू धाबी में एक मंदिर का प्रस्ताव मैंने रखा। राष्‍ट्रपति नहयान ने तत्‍काल इसके लिए हां कर दिया था। उन्‍होंने कहा कि अबू धाबी में भव्य दिव्य मंदिर के लोकार्पण का ऐतिहासिक समय आ गया है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी अबू धाबी में जिस पहले हिंदू मंदिर का बुधवार को उद्घाटन करेंगे उसे वैज्ञानिक तकनीकों और प्राचीन वास्तुकला विधियों का उपयोग करके बनाया गया है। दुबई-अबू धाबी शेख जायेद हाइवे पर अल रहबा के समीप स्थित बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) द्वारा निर्मित यह हिंदू मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बनाया गया है।

मंदिर की विशेषता

इस मंदिर में तापमान मापने और भूकंपीय गतिविधि पर नजर रखने के लिए उच्च तकनीक वाले 300 से अधिक सेंसर लगाए गए हैं। मंदिर के निर्माण में किसी भी धातु का उपयोग नहीं किया गया है और नींव को भरने के लिए उड़न राख यानी ‘फ्लाई ऐश’ (कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से निकलने वाली राख) का उपयोग किया गया है। इस मंदिर को करीब 700 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। मंदिर प्राधिकारियों के अनुसार, इस भव्य मंदिर को ‘शिल्प’ और ‘स्थापत्य शास्त्रों’ में वर्णित निर्माण की प्राचीन शैली के अनुसार बनाया गया है। ‘शिल्प’ और ‘स्थापत्य शास्त्र’ ऐसे हिंदू ग्रंथ हैं, जो मंदिर के डिजाइन और निर्माण की कला का वर्णन करते हैं।

मंदिर बनाने के लिए UAE सरकार की तारीफ

पीएम मोदी ने कहा कि, “बीएपीएस मंदिर का निर्माण आपके सहयोग के बिना संभव नहीं होता.” इसके साथ ही पीएम मोदी ने याद किया कि राष्ट्रपति शेख मोहम्मद के साथ उनकी पहली मुलाकात में उन्होंने केवल मंदिर के लिए जमीन की ही बात की थी और उन्होंने किस तरह तत्काल प्रतिक्रिया दी थी. पीएम ने कहा कि इस तरह का विश्वास और प्रेम अपने आप में हमारे विशिष्ट संबंध की मजबूती को दिखाता है.

अबू धाबी में बना पहला मंदिर

अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के तीन हफ्ते बाद UAE में बीएपीएस मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा. बता दें कि यूएई में तीन अन्य हिंदू मंदिर हैं, जो दुबई में हैं. बीएपीएस मंदिर खाड़ी क्षेत्र का सबसे बड़ा मंदिर होगा और यह अबू धाबी का पहला मंदिर होगा.

गंगा और यमुना का पवित्र जल बह रहा

बीएपीएस के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहरिदास ने कहा, ”इसमें वास्तुशिल्प पद्धतियों के साथ वैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। तापमान, दबाव और गति (भूकंपीय गतिविधि) को मापने के लिए मंदिर के हर स्तर पर उच्च तकनीक वाले 300 से अधिक सेंसर लगाए गए हैं। सेंसर अनुसंधान के लिए लाइव डेटा प्रदान करेंगे। यदि क्षेत्र में कोई भूकंप आता है, तो मंदिर इसका पता लगा लेगा।” मंदिर के निर्माण प्रबंधक मधुसूदन पटेल ने कहा ”हमने मंदिर में गर्मी प्रतिरोधी नैनो टाइल और भारी ग्लास पैनल का उपयोग किया है जो पारंपरिक सौंदर्यात्मक पत्थर संरचनाओं और आधुनिक कार्यक्षमता का मेल है। संयुक्त अरब अमीरात में अत्यधिक तापमान के बावजूद श्रद्धालुओं को गर्मी में भी इन टाइल पर चलने में दिक्कत नहीं होगी। मंदिर में अलौह सामग्री का भी प्रयोग किया गया है।” मंदिर के दोनों ओर गंगा और यमुना का पवित्र जल बह रहा है जिसे बड़े-बड़े कंटेनर में भारत से लाया गया है। मंदिर प्राधिकारियों के अनुसार, जिस ओर गंगा का जल बहता है वहां पर एक घाट के आकार का एम्फीथिएटर बनाया गया है।

पीएम मोदी ने अपनी गारंटी को दोहराया

दरअसल, पीएम मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर यूएई में हैं. ‘अहलन मोदी’ कार्यक्रम के तहत पीएम ने अबू धाबी के मोहम्मद शेख जायद स्पोर्ट्स स्टेडियम में 60 हजार से अधिक भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया. इस दौरान पीएम ने भारतीय मूल के लोगों के लिए यूपीआई और रूपे कार्ड के समझौते पर साइन भी किया. मोदी ने अपने भाषण के दौरान अपनी गारंटी को भी दोहराया. पीएम ने कहा मोदी की गारंटी, गारंटी पूरा होने की गारंटी है.

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