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गोवा का शहर मापुसा ने गोभी मंचूरियन पर लगाया बैन -जाने क्यों ?


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नई दिल्ली – गोवा में इन दिनों गोभी मंचूरियन को लेकर बवाल मचा हुआ है.गोवा के मापुसा में तो गोभी मंचूरियन पर बैन लगा दिया गया है.अब कोई भी दुकानदार या रेहड़ी वाला गोभी मंचूरियन नहीं बेच सकता है.दरअसल मापुसा पार्षद तारक अरोलकर ने पिछले महीने बोडगेश्वर मंदिर जात्रा (दावत) में सुझाव दिया था कि गोभी मंचूरियन पर प्रतिबंध लगा दिया जाए.बाकी परिषद ने तुरंत सहमति व्यक्त की थी.जिसके बाद इस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है.इससे पहले 2022 में भी गोभी मंचूरियन पर बैन लगा दिया गया.

गोभी मंचूरियन एक फ्यूजन डिश

गोभी से बनी एक डिश को लेकर इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है, वजह है इस डिश का भारत के एक शहर में बैन होना. गोभी मंचूरियन एक फ्यूजन डिश है, जिसमें आमतौर पर तीखी लाल चटनी में लिपटे फूलगोभी के फूल शामिल होते हैं, ये डिश लंबे समय से लोगों की फेवरेट रही है. हालांकि, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सिंथेटिक रंगों और हाइजीन इशू की वजह से गोवा के एक शहर मापुसा ने स्टालों में इस डिश पर बैन लगा दिया है.मापुसा नगर परिषद गोभी मंचूरियन पर इस तरह से बैन लगाने वाला पहला नागरिक निकाय नहीं है. 2022 में श्री दामोदर मंदिर में वास्को सप्ताह मेले के दौरान, खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने मोरमुगाओ नगर परिषद को गोबी मंचूरियन बेचने वाले स्टालों को प्रतिबंधित करने के निर्देश जारी किए. इस निर्देश से पहले एफडीए ने इसके सर्कुलेशन को रोकने के लिए ऐसे स्टालों पर छापे मारे थे.

गोभी मंचूरियन पर लोगों की अलग-अलग राय

गोभी मंचूरियन विरोधी भावना के कारणों के बारे में लोगों की राय अलग-अलग है. कुछ का कहना है कि यह खराब स्वच्छता के कारण है, तो कुछ को सिंथेटिक रंगों पर शंका है. वहीं, कुछ और भी अजीब कारण बताते हैं, जैसे घटिया सॉस का इस्तेमाल और कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल होने वाला पाउडर. एमएमसी अध्यक्ष प्रिया मिशाल पहले कारण की ओर इशारा करती हैं. उनका कहना है कि पार्षदों का मानना है कि ऐसे विक्रेता अनहेल्दी परिस्थितियों में काम करते हैं और गोभी मंचूरियन बनाने के लिए सिंथेटिक रंगों का इस्तेमाल करते हैं. इसलिए हमने इस डिश की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.

क्यों लगाया गया बैन

मंचूरियन गोभी पर बयान लगाने के पीछे की पहली वजह साफ-सफाई है. दूसरा कारण इसमें इस्तेमाल होने वाला सिंथैटिक कलर.सिंथैटिक कलर का इस्तेमाल मंचूरियन गोभी को लाल रंग देने के लिए किया जाता है.लेकिन ये कलर सेहत के लिए काफी हानिकारक है। यहीं वजह है कि गोवा में मंचूरियन गोभी पर बैन लगाने का फैसल किया गया है.

गोभी मंचूरियन की उत्पत्ति

गोभी मंचूरियन की उत्पत्ति का पता चिकन मंचूरियन से लगाया जा सकता है. मुंबई में चाइनीज कलनरी के पायनियर नेल्सन वांग को 1970 के दशक में क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया में खानपान के दौरान चिकन मंचूरियन का आविष्कार करने का श्रेय दिया जाता है.कुछ नया बनाने की चुनौती के कारण, नेल्सन वांग ने मसालेदार कॉर्नफ्लोर बैटर में चिकन नगेट्स को डीप फ्राई किया और उन्हें या तो सूखा या सोया सॉस, विनेगर, चीनी और कभी-कभी टमाटर सॉस से बनी तीखी ग्रेवी के साथ बनाया. गोभी मंचूरियन इस डिश का वेजिटेरियन वर्जन है.

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