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‘इमरान-बुशरा की गैर-इस्लामिक शादी पर अदालत का फैसला ,मिली सात साल की सजा


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नई दिल्लीः पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और बुशरा बीबी की शादी मामले में अदालत ने दोनों को सात-सात साल जेल की सजा सुनाई है। फैसले के बाद महिला वकीलों ने वरिष्ठ सिविल जज कुरातुल्लाह को आड़े हाथों लिया। फैसले को शर्मनाक बताते हुए इन वकीलों ने आरोप लगाया कि जज के फैसले से नारी गरिमा को ठेस पहुंचाया है।

इद्दत क्या है

इस्लाम में, इद्दत एक नियम है जिसे सरल शब्दों में “प्रतीक्षा की अवधि” कहा जा सकता है। यह वह अवधि है जिसका पालन एक महिला को अपने पति की मृत्यु के बाद या तलाक के बाद करना चाहिए। इस दौरान दौरान वह महिला किसी अन्य पुरुष से शादी नहीं कर सकती है। इसका एक मुख्य उद्देश्य पूर्व पति के तलाक या मृत्यु के बाद पैदा हुए बच्चे के पितृत्व के बारे में किसी भी संदेह को दूर करना है। इद्दत की लंबाई कई परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग होती है। आम तौर पर, एक तलाकशुदा महिला की इद्दत लगभग 130 दिन होती है। इस दौरान महिला अविवाहित रहती है। लेकिन अगर शादी संपन्न नहीं हुई है तो कोई इद्दत नहीं है। यदि कोई महिला विधवा या तलाकशुदा होने पर गर्भवती है, तो ‘इद्दत’ तब तक जारी रहती है जब तक वह बच्चे को जन्म न दे दे।

मिली सात साल की सजा

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों में गुस्सा है। अदालत ने बुशरा बीबी से शादी को गैर-इस्लामिक बताते हुए इमरान और बुशरा को सात-सात साल जेल और पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। नारीवादी वकीलों ने अदालत के इस फैसले को शर्मनाक बताते हुए इसे नारी गरिमा पर ठेस पहुंचाने वाला करार दिया है। बता दें कि इमरान और बुशरा के निकाह मामले में वरिष्ठ सिविल जज कुरातुल्लाह के आदेश के बाद 49 वर्षीय बुशरा बीबी को इमरान खान के बानीगाला निवास में कैद कर दिया गया है।

2018 में हुए निकाह को रद्द करने का फैसला सुनाया

सिविल जज कुरातुल्लाह ने 2018 में हुए निकाह को रद्द करने का फैसला सुनाया। फैसले से आक्रोशित समर्थकों और नारीवादी वकीलों ने कहा है कि अदालत का फैसला दंपती के निजी मामलों में घुसपैठ के समान है। वकील और राजनीतिक टिप्पणीकार रीमा ओमर के मुताबिक बुशरा के पहले पति मनेका का बुशरा के पीरियड्स को लेकर दिया बयान शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि अपने फैसले में जज ने सवाल किया कि क्या इस्लाम में नेहराम (अजनबी) पुरुष और महिला को ‘अलग-थलग किसी भी तरह की मुलाकात’ की अनुमति है? ऐसी टिप्पणी शर्मनाक है। इससे न्याय और मानवाधिकारों का मजाक बनता है।

महिला गरिमा को ठेस’; जज पर भड़कीं वकील

महिला वकीलों ने अदालत के फैसले को विवादास्पद बताते हुए कहा कि इससे न्याय के स्थापित सिद्धांतों का उल्लंघन होता है। महिला वकीलों का आरोप है कि जैविक रूप से मासिक धर्म जैसी चीजें महिलाओं के निजी मामले हैं। कोर्ट के फैसले में इनका जिक्र होने से नारी गरिमा को ठेस पहुंचती है। बुशरा के पहले पति खावर मनेका ने एक जनवरी, 2018 को शादी की थी। शादी के लगभग छह साल बाद मनेका ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने बुशरा बीबी ने ‘इद्दत’ पूरी किए बिना इमरान खान से शादी की। उन्होंने इमरान और बुशरा पर शादी से पहले भी अनैतिक रिश्ता (adulterous relationship) रखने का आरोप लगाया।

इमरान-बुशरा का निकाह कराने वाले मौलवी ने क्या कहा

इमरान खान और बुशरा बीबी का निकाह कराने वाले मौलवी मुफ्ती मोहम्मद सईद ने इस मामले में गवाही दी थी। उन्होंने वरिष्ठ सिविल जज नसरुम मिनाल्लाह के समक्ष गवाही के दौरान कहा था कि इमरान खान ने उनसे 1 जनवरी, 2018 को लाहौर में बुशरा बीबी के साथ अपना निकाह करने के लिए कहा। इमरान खान उन्हें डिफेंस सोसाइटी के एक घर में ले गए और वहां उन्होंने (मुफ्ती सईद) बुशरा बीबी और पीटीआई प्रमुख दोनों के रिश्तेदारों से मुलाकात की। मुफ्ती सईद ने कहा, “निकाह करने से पहले मैंने दोनों पक्षों से कई तरह की जानकारियां प्राप्त की। मैंने उनसे उनकी पहली शादी और तलाक के बारे में भी पूछा।”

पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 496 के तहत सजा

पाकिस्तान की अदालत में न्यायाधीश ने पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 496 के तहत सजा सुनाई। उन्होंने 1 जनवरी, 2018 के निकाह को रद्द कर दिया। उन्होंने लिखा, कोई भी बेईमानी से या कपटपूर्ण इरादे से, यह जानते हुए शादी करे कि यह गैरकानूनी है; उसे दंड मिलना चाहिए। कानूनी रूप से विवाहित नहीं होने पर सात साल तक कारावास की सजा मिलेगी। साथ में जुर्माना भी लगाया जाएगा। इस मामले का एक पहलू यह भी है कि इमरान खान और बुशरा बीबी अभी भी ‘वैध रिश्ते’ में हैं। अदालत के फैसले के मुताहिक सुनाया कि 14 फरवरी, 2018 को किया गया उनका दूसरा निकाह कानूनी था।

बुशरा बीबी ने अपने बयान में क्या कहा?

डॉन न्यूज के मुताबिक इमरान खान के खिलाफ इन गवाहों ने गवाही दी कि पहला निकाह 1 जनवरी, 2018 को हुआ था और दूसरा समारोह फरवरी 2018 में आयोजित किया गया था. इमरान खान और बुशरा बीबी ने भी अपने बयान दर्ज किए, जिसमें कहा गया कि उन्होंने ‘इद्दत’ समाप्त होने के बाद ‘निकाह’ किया था.

इमरान खान ने इसे राजनीति से प्रेरित मामला बताया,

इमरान खान ने इसे राजनीति से प्रेरित मामला बताया, जो उनकी गरिमा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिए बनाया गया था. बुशरा बीबी ने यह भी दावा किया कि उनके पूर्व पति खावर फरीद मेनका ने उन्हें अप्रैल में ही तलाक दे दिया था, लेकिन नवंबर 2017 में तलाक के दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए. जोड़े ने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें अपने बचाव में गवाह पेश करने की अनुमति दी जाए.

पीटीआई ने फैसले की निंदा की

इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने कोर्ट के इस फैसले की निंदा करते हुए इसे ‘शरिया’ के विपरीत बताया. पीटीआई ने कहा कि यह निकाह और फैमिली लॉ पर एक “शर्मनाक हमला” और निजी मामलों में हस्तक्षेप है.पीटीआई के एक प्रवक्ता ने इद्दत को मामले को राजनीति बताते हुए कहा कि 8 फरवरी को मतदान के दौरान देश की जनता इस अन्याय के खिलाफ वोट करेगी. देश की जनता कुटिल और भ्रष्ट नेताओं को सत्ता से उतार फेंकेगी.

भविष्यवाणी के कारण किया था गैर इस्लामिक निकाह

मुफ्ती सईद ने कहा, “बुशरा बीबी के साथ आई एक महिला ने खुद को उनकी बहन बताया और उन्हें आश्वासन दिया कि शरिया के तहत शादी के लिए सभी आवश्यकताएं पूरी हो गई हैं। इसके बाद उन्होंने जनवरी में निकाह किया। मुफ्ती सईद ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अगले महीने, फरवरी 2018 में उनसे फिर से संपर्क किया और बुशरा बीबी के साथ नए सिरे से निकाह करने का अनुरोध किया क्योंकि पहला निकाह शरिया के सिद्धांतों के खिलाफ था। उन्होंने कहा, “मुझे बताया गया कि बुशरा बीबी की इद्दत के दौरान निकाह हुआ था क्योंकि नवंबर 2017 में उनका तलाक हो गया था।” मुफ्ती ने कहा, दरअसल एक ‘भविष्यवाणी’ थी कि अगर पीटीआई अध्यक्ष 1 जनवरी, 2018 को बुशरा से शादी करते हैं तो वह प्रधानमंत्री बनेंगे।”

कोर्ट में पूर्व पत्नी से हुई बहस

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार (2 फरवरी) को कोर्ट ने बचाव पक्ष की ओर से अतिरिक्त गवाह पेश करने के अनुरोध को खारिज कर दिया था. इसके अलावा कोर्ट ने बेल की याचिका को भी खारिज कर दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक, सुनवाई के दौरान गुरुवार (1 फरवरी) को कोर्ट में इमरान खान और मानेका के बीच तीखी नोंकझोंक हुई और उन्होंने एक-दूसरे पर आरोप लगाए.एक समय पर वे अपने बयानों को साबित करने के लिए पवित्र कुरान की शपथ लेने के लिए तैयार थे, लेकिन जब जज ने उनसे कहा कि ऐसा करने से वे बहस का अधिकार खो देंगे तो वे रुक गए.मानेका ने कोर्ट में ये भी कहा कि इमरान खान ने उनका पारिवारिक जीवन बर्बाद कर दिया था, जिसके कारण उनकी बेटी को तलाक का सामना करना पड़ा. बुशरा बीबी ने इस मामले को लेकर कहा, “मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है. मैं झुकूंगी नहीं.”

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