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मालदीव की संसद में भारी बवाल,राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव


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नई दिल्लीः मालदीव की संसद में सत्‍तापक्ष और विपक्षी दलों के बीच जारी बवाल अभी भी चल रहा है। मुख्‍य विपक्षी दल मालदीवन डेमोक्रेटिक पार्टी का संसदीय दल राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद मुइज्‍जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्‍ताव लाने के लिए सहमत हो गया है। विपक्षी दल चीन समर्थक राष्‍ट्रपति मुइज्‍जू की भारत विरोधी नीतियों को देखते हुए यह प्रस्‍ताव लाने पर सहमत हुए हैं। एमडीपी को इसमें एक और विपक्षी दल द डेमोक्रेट्स का भी साथ हासिल है। संसद के अंदर विपक्षी दलों ने अविश्‍वास प्रस्‍ताव पेश करने की कोशिश की जिसका सत्‍तारूढ़ दल ने कड़ा विरोध किया है। एमडीपी और द डेमोक्रेट के पास इतने सांसद हैं कि वे आसानी से मुइज्‍जू को कुर्सी से हटा सकते हैं। आइए जानते हैं पूरा मामला.

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पर महाभियोग प्रस्ताव

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारत विरोधी अपनी नीतियों और बयानों की वजह से विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं. मालदीव की मुख्य विपक्षी पार्टी एमडीपी (Maldivian Democratic Party) राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश करने पर सहमत हो गया है. मुख्य विपक्षी एमडीपी के पास संसद में बहुमत है. रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्ष ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पर महाभियोग प्रस्ताव पेश करने के लिए जरूरी हस्ताक्षर जुटा लिए हैं.

मुइज्‍जू के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाने के पीछे एक प्रमुख वजह

वियॉन की रिपोर्ट के मुताबिक एमडीपी के एक नेता ने कहा कि मुइज्‍जू के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाने के पीछे एक प्रमुख वजह वर्तमान सरकार के भारत के साथ रिश्‍ते को संकट में डालना शामिल है। मुइज्‍जू के साथ प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव और उनकी अपनी पीपुल्‍स नैशनल कांग्रेस शामिल है। पिछले साल नियमों में बदलाव करके संसद को यह अधिकार दिया गया था कि सबसे बड़ी पार्टी एमडीपी बिना अल्‍पसंख्‍यक पार्टियों के समर्थन के मुइज्‍जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्‍ताव ला सकती है। मुइज्‍जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्‍ताव के लिए 54 वोटों की जरूरत है, वहीं व‍िपक्षी एमडीपी के पास 56 सांसद हैं।

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को अपने पद से हाथ धोना पड़ सकता है

एमडीपी के एक सदस्य ने सोमवार दोपहर ‘द सन’ को इसकी जानकारी दी. मालदीव में 2 प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति मुइज्जू की भारत विरोधी नीति का विरोध किया है. मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) और डेमोक्रैट्स ने कहा- “भारत सबसे ज्यादा समय से हमारा सहयोगी रहा है. ऐसे किसी देश को दरकिनार करना देश के विकास के लिए सही नहीं है.”मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को अपने पद से हाथ धोना पड़ सकता है और ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव की मुख्य विपक्षी पार्टी एमडीपी और उसके सहयोगी, संसद में राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए तैयार हो गये हैं।

मुइज्‍जू को संसद से बड़ा झटका

इसके अलावा नए संशोधन के तहत अ‍ब महाभ‍ियोग के लिए समित‍ि के अंदर जरूरी सदस्‍यों की संख्‍या 7 कर दी गई है। इसके अलावा अब यह भी जरूरी नहीं है कि सभी दलों के सदस्‍य इस समिति के हिस्‍सा हों। यह महाभ‍ियोग प्रस्‍ताव ऐसे समय पर आने जा रहा है जब मात्र 24 घंटे पहले ही मालदीव की संसद सर्कस बन गई थी और सत्‍तारूढ़ तथा विपक्षी दलों के बीच जमकर बवाल हुआ था। इसके वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गए थे। इसके बाद विपक्षी दलों ने मुइज्‍जू सरकार के 4 मंत्रियों के नामों को मंजूरी नहीं दी थी।

भारत और पीएम मोदी से माफी मांगें

पीएम मोदी के लक्षद्वीप जाने के बाद मालदीव और भारत के बीच संबंध रसातल में चले गए हैं। पीएम मोदी के खिलाफ मुइज्‍जू के मंत्रियों ने अपमानजनक टिप्‍पणी की जिससे तनाव बहुत ज्‍यादा भड़क उठा। भारतीयों ने जोरदार तरीके से मालदीव के मंत्रियों का विरोध किया। इसके बाद मुइज्‍जू ने उन्‍हें सस्‍पेंड कर दिया लेकिन हटाया नहीं। यही नहीं भारत से विवाद के बीच मुइज्‍जू चीन की यात्रा पर गए और जिनपिंग के साथ कई समझौते पर हस्‍ताक्षर किया। वहां से आने के बाद मुइज्‍जू ने जहर उगलना शुरू कर दिया। इसका वहां के विपक्षी दल कड़ा विरोध कर रहे हैं और मुइज्‍जू से मांग कर रहे हैं कि वह भारत और पीएम मोदी से माफी मांगें।

मालदीव की मुख्य विपक्षी पार्टी भारत समर्थक

मालदीव की मुख्य विपक्षी पार्टी भारत समर्थक है और संसद में इसके पास बहुमत है, लिहाजा एमडीपी के लिए राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग लाना काफी आसान माना जा रहा है और राष्ट्रपति मुइज्जू की कुर्सी खतरे में पड़ गई है। मालदीव की राजनीति में ये नया डेवलपमेंट मालदीव की संसद में चीन समर्थक राष्ट्रपति मुइज्जू के मंत्रिमंडल के चार सदस्यों की मंजूरी पर मतभेदों को लेकर सरकार समर्थक सांसदों और विपक्षी सांसदों के बीच संसद में हुई झड़प के एक दिन बाद आया है। मुख्य विपक्षी एमडीपी ने कैबिनेट पर मतदान से पहले राष्ट्रपति के मंत्रिमंडल के चार सदस्यों के लिए संसदीय मंजूरी रोकने का फैसला किया। इसके बाद, सरकार समर्थक सांसदों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे संसदीय बैठक की कार्यवाही बाधित हो गई।

मुइज्जू का जाना क्यों माना जा रहा है तय?

आपको बता दें, कि मालदीव की संसद में 87 सीटें हैं, जिनमें से भारत समर्थक मुख्य विपक्षी पार्टी MDP के पास 43 सीटें हैं, जबकि उसकी सहयोगी डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 13 सीटे हैं। ये दोनों एक गठबंधन बनाते हैं और इनके पास कुल 56 सीटें होती हैं। इसके अलावा, मालदीव में राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग लाने का तरीका काफी आसान है और महाभियोग लाने के लिए संसद में 56 वोटों की ही जरूरत है, जो इन दोनों पार्टियों के पास हैं। हालांकि, संसद में अभी महाभियोग प्रस्ताव पेश नहीं किया गया है, लेकिन इसकी तैयारी कर ली गई है। ऐसी स्थिति में, अगर महाभियोग प्रस्ताव संसद में पेश किया जाता है, तो मोहम्मद मुइज्जू की राष्ट्रपति की कुर्सी चली जाएगी।

एमडीपी और डेमोक्रेट के 34 सदस्यों ने किया साइन

‘द सन’ ने मालदीव के ऑनलाइन न्यूज पोर्टल ‘अधाहधू’ के हवाले से कहा कि एमडीपी और डेमोक्रेट दोनों के प्रतिनिधियों समेत कुल 34 सदस्यों ने राष्ट्रपति मुइज्जू के महाभियोग के प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया है. ये प्रस्ताव रविवार को मालदीव की संसद में हंगामे के कारण लाया नहीं जा सका था. मालदीव की संसद में MDP और डेमोक्रैट्स के सांसदों के पास 87 में से 55 सीटें हैं.

विपक्ष का रवैया मुइज्जू के लिए चिंता की बात

मुइज्‍जू के साथ प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव और उनकी अपनी पीपुल्‍स नेशनल कांग्रेस शामिल है. पिछले साल नियमों में बदलाव करके संसद को यह अधिकार दिया गया था कि सबसे बड़ी पार्टी एमडीपी बिना अल्‍पसंख्‍यक पार्टियों के समर्थन के मुइज्‍जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्‍ताव ला सकती है. मुइज्‍जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्‍ताव के लिए 54 वोटों की जरूरत है. जबकि व‍िपक्षी एमडीपी के पास 56 सांसद हैं.

संसद में कड़ी सुरक्षा का इंतजाम

इस बीच मालदीव की संसद के अंदर नेताओं की झड़प के बाद संसद में सुरक्षा कड़ी करने के लिए भारी पुलिस व्यवस्था की गई है. रिपोर्ट में आगे बताया कि एमडीपी ने फैसला किया है कि अगर सदस्य संसद में हंगामा करना जारी रखते हैं, तो वह गृहमंत्री अली इहुसन और रक्षामंत्री मोहम्मद घासन मौमून को प्रस्ताव पेश करने की मंजूरी देने से इनकार कर देगी.

15 नवंबर 2023 को राष्ट्रपति बने मुइज्जू

15 नवंबर 2023 को मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी. इसके बाद से भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आई है. 14 जनवरी को मालदीव में हुई कोर कमेटी की बैठक में मुइज्जू सरकार ने वहां मौजूद 88 भारतीय सैनिकों को हटाने के लिए 15 मार्च तक का समय दिया.

मुइज्जू ने इसी महीने किया चीन का दौरा

जनवरी में राष्ट्रपति मुइज्जू ने चीन का राजकीय दौरा किया था. यह उनका पहला राजकीय दौरा था, जबकि आमतौर पर मालदीव के राष्ट्रपति पहला राजकीय दौरा भारत का करते हैं. चीन से लौटने के बाद मुइज्जू ने उसकी तारीफ की थी. उन्होंने कहा था- ‘चीन हमारे आंतरिक मसलों में दखल नहीं देता. उन्होंने यह भी कहा था कि हमारा देश छोटा है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं की किसी को हमें धमकाने का लाइसेंस मिल गया है.’

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