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“मैं दुनिया का सबसे भाग्‍यशाली इंसान हूं”, रामलला की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कही ये बात


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नई दिल्लीः भगवान रामलला आज अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं, इसी के साथ ही 500 वर्षों को इंतजार समाप्त हो गया है। पीएम मोदी की मौजूदगी में अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में सोमवार को श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न हुई और देश-विदेश में लाखों रामभक्त इसके साक्षी बने। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की पहली झलक भी सामने आई है, जिसके देखने के बाद भक्त मंत्रमुग्ध हो गए हैं। प्रभु राम की मूर्ति को अरुण योगीराज द्वारा बनाया गया है। उन्होंने ने खुद को दुनिया का सबसे भाग्यशाली व्यक्ति बताया है।

श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा

अयोध्या में सोमवार को राम मंदिर में श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद ‘सियावर रामचंद्र की जय’ और ‘जय श्री राम’ के उद्घोष के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 22 जनवरी 2024 का यह सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है और यह एक नए कालचक्र का उद्गम है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे। मेरा पक्का विश्वास और अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है, इसकी अनुभूति देश के, विश्व के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी।” उन्होंने कहा कि 22 जनवरी 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है और ये कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं बल्कि एक नए कालचक्र का उद्गम है। उन्होंने कहा, ‘‘ये क्षण आलौकिक है, ये पल पवित्रतम है।”

अरुण योगीराज ने खुद को दुनिया का सबसे भाग्यशाली व्यक्ति बताया

अयोध्‍या में भगवान राम के विग्रह की प्राण प्रतिष्‍ठा नए राम मंदिर में हो चुकी है। भगवान राम की यह मूर्ति बहुत चर्चा में रही है। इसे बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज खुद को धन्‍य समझ रहे हैं। प्राण प्रतिष्‍ठा से पहले जब उनसे कुछ बोलने को कहा गया तो उन्‍होंने खुद को दुनिया का सबसे खुशनसीब इंसान बताया।रामलला की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज ने खुद को दुनिया का सबसे भाग्यशाली व्यक्ति बताया है. कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज आज राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल हुए थे. अरुण योगीराज ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा , “मुझे लगता है कि अब मैं इस धरती पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हूं. मेरे पूर्वजों, परिवार के सदस्यों और भगवान राम का आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहा है. कभी-कभी मुझे ऐसा लगता है, जैसे मैं सपनों की दुनिया में हूं.”

फूलों से सजी रामलला की मूर्ति

सोने और फूलों से सजी 51 इंच की रामलला की मूर्ति की आज अयोध्या के नए मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ हो गई है. समारोह से कुछ देर पहले मूर्ति का अनावरण किया गया है. प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में पीएम मोदी मुख्य यजमान थे. इस दौरान मंदिर के गर्भगृह में कई संतों ने मंत्रोच्चारण के साथ कार्यक्रम को संपन्न करवाया.

आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा बना चुके है

अरुण इसके अलावा केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा बना चुके है। इसके अलावा मैसूर में स्‍थापित 21 फीट ऊंची हनुमान जी की प्रतिमा ने भी बहुत तारीफ बटोरी है। अरुण को भारत सरकार और राज्‍य सरकार से कई पुरस्‍कार मिले हैं लेकिन भगवान राम की इस अद्भुत प्रतिमा ने उन्‍हें इतिहास के पन्‍नों में जगह दिला दी।

प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला की पहली झलक

राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामललला की पहली झलक सामने आई है. रामलला की आंखों में मासूमियत, होठों पर मुस्कान, चेहरे पर गजब का तेज दिखाई दे रहा है. रामलला की पहली झलक दिल में बस जाने वाली है. भगवान की पहली झलक देखकर एक बात तो साफ है कि कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बहुत ही खूबसूरत मूर्ति तैयार की है. रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने रामलला की आरती उतारी. यह भव्य और दिव्य नजारा मन को मोह लेने वाला था.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा

अयोध्‍या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा अनुष्‍ठान में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “प्रभु राम लला के भव्य, दिव्य और नव्य धाम में विराजने की आप सभी को कोटि-कोटि बधाई. इस क्षण मन भावुक है… निश्चित रूप से आप सब भी ऐसा महसूस कर रहे होंगे.

अरूण योगीराज की पांच पीढ़ियां है मूर्तिकार

पांच पीढ़ियों की विरासत के साथ मैसूर के मूर्तिकार योगीराज शिल्पी ने अपने बेटे अरुण की मदद से आदि गुरु शंकराचार्य की नई प्रतिमा पर काम पूरा किया। योगीराज को देश भर में मूर्तिकारों की खोज के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने अनुबंध किया था। योगीराज ने सितंबर 2020 में मूर्ति बनाने का काम शुरू किया था। वर्ष 2021 नवंबर में यह मूर्ति केदारनाथ धाम में स्थापित हुई।

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