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AR Rahman Birthday: पहली फिल्‍म के लिए जीता नेशनल अवॉर्ड, जानें म्यूजिक कंपोजर की इस्लाम कबूल करने की असली वजह


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मुंबई – ऐसे ही संगीतकार हैं, जो अपने संगीत से किसी भी फिल्म को ब्लॉकबस्टर बनाने के लिए काफी हैं। फिल्मों में अपने गानों से एआर रहमान ने दर्शकों के दिलों पर एक अलग ही छाप छोड़ी है। उन्होंने ‘रोजा’, ‘बॉम्बे’, ‘ताल’, ‘जोधा अकबर’, ‘रंग दे बसंती’, ‘स्वदेस’, ‘रॉकस्टार’ जैसी फिल्मों को संगीत दिया है। अपने करियर में एआर रहमान ने कई फिल्मों को गाने दिए, जिनमें ज्यादातर हिट साबित हुए। आज यानी 6 जनवरी 2024 को 57वां जन्मदिन मना रहे रहमान की निजी जिंदगी भी उनके संगीत की तरह दिलचस्प रही है। आइए, आपको उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं।

असल नाम था दिलीप

एआर रहमान का जन्म एक हिन्दू परिवार में हुआ था और उनका नाम दिलीप रखा गया था। फिर 23 साल की उम्र में रहमान ने इस्लाम कबूल किया और अपना नाम ‘अल्लाह रखा रहमान’ यानी एआर रहमान कर लिया। ऐसा उन्होंने अपने एक गुरु कादरी इस्लाम से मिलने के बाद किया।

पहली फिल्म के लिए मिले 25000

एआर रहमान ने मणि रत्नम की फिल्म रोजा से बतौर संगीतकार सफर शुरू किया। इस फिल्म में मणि रत्नम ने दिग्गज संगीतकार इलैयाराजा की जगह रहमान को चुना। रोजा के लिए रहमान को 25 हजार रुपये फीस दी गई थी। पहली ही फिल्म के लिए उन्होंने नेशनल अवॉर्ड भी जीता था।

रहमान के नाम से है स्ट्रीट

मार्खम (ओंटारियो, कनाडा) में एक स्ट्रीट का नाम रहमान के नाम पर रखा गया है। इस स्ट्रीट को ‘अल्लाह रखा रहमान स्ट्रीट’ नाम दिया गया है और इसका उद्घाटन साल 2017 में हुआ था।

एयरटेल से है रहमान का नाता

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एयरटेल की सिग्नेचर ट्यून तो लगभग हर किसी को याद होगी। कम ही लोगों को ये जानकारी होगी कि इस ट्यून को रहमान ने ही कंपोज किया था।

चार की-बोर्ड बजाकर हैरान किया

एआर रहमान का म्यूजिक तो लोगों को पसंद आता ही है। साथ ही साथ वो की-बोर्ड बजाने में भी परफेक्ट हैं। इसका सबसे बड़ा सबूत यह है कि एक बार उन्होंने एक ही वक्त में 4 कीबोर्ड बजाकर सभी को हैरान कर दिया था।

23 की उम्र में हिंदू से मुसलमान बन गए थे एआर रहमान

एआर रहमान असल में हिंदू परिवार से हैं. उनका असली नाम दिलीप कुमार है, लेकिन उन्होंने साल 1989 में महज 23 साल की उम्र में इस्लाम कबूल किया था. इसके बाद उन्होंने अपने नाम दिलीप कुमार से बदलकर एआर रहमान (अल्लाह रक्खा रहमान) रख लिया. उनका कहना है कि उनके लिए इस्लाम का मतलब साधारण तरीके से जीवन जीना और मानवीयता है. साल 2000 में बीबीसी टॉक शो में बातचीत के दौरान एआर रहमान ने बताया कि किस वजह से उन्होंने इस्लाम को अपनाया.

किस वजह से बदला अपना धर्म?

रहमान ने बताया कि एक सूफी थे जो उनके कैंसर से जूझ रहे पिता के आखिरी दिनों में उनका इलाज कर रहे थे. जब एआर रहमान अपने परिवार के साथ कुछ सालों बाद फिर से सूफी से फिर मिले, तो उनकी बातों से एआर रहमान इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने दूसरा धर्म अपनाने का फैसला कर लिया. उन्होंने कहा, ‘एक सूफी थे जो पिता के निधन से पहले अंतिम दिनों में उनका इलाज कर रहे थे. 7-8 साल बाद जब हम उनसे मिले तभी हमने एक और आध्यात्मिक मार्ग अपनाया, जिससे हमें बहुत शांति मिली.’

नहीं पसंद था अपना असली नाम

एआर रहमान: द स्प्रिट ऑफ म्यूजिक के अनुसार, म्यूजिशियन को अपना नाम दिलीप कुमार पसंद नहीं था. उनका कहना था कि उनका नाम उनकी इमेज से मैच नहीं करता था. एआर रहमान ने ये भी खुलासा किया था धर्म बदलने से पहले एक हिंदू ज्योतिषी ने उन्हें मुस्लिम नाम का सुझाव दिया था.

2 ऑस्कर, 2 ग्रैमी और फिल्मफेयर अवॉर्ड्स

रहमान ने अपने करियर स्लमडॉग मिलेनियर समेत तीन हॉलीवुड फिल्मों के लिए भी म्यूजिक तैयार किया, इसके लिए उन्हें दो ऑस्कर अवॉर्ड भी मिले. वहीं, उनकी झोली में दो ग्रैमी अवॉर्ड भी आएं. अपने संगीत के जरिए पर अबतक 6 राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है. साथ ही कई फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीते.

छह बार जीते राष्ट्रीय पुरस्कार

रहमान अपने संगीत के लिए छह बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके हैं। इनमें से पांच बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन और एक बेस्ट बैकग्राउंड स्कोर के लिए है। पहला अवॉर्ड 1992 में रोजा के लिए, दूसरा 1996 में तमिल फिल्म मीनसारा कनावु, तीसरा 2001 में लगान, चौथा 2002 में तमिल फिल्म Kannathil Muthamittal और पांचवां अवॉर्ड 2017 में तमिल फिल्म Kaatru Veliyidai के लिए जीता था। 2017 में ही हिंदी फिल्म मॉम के लिए उन्होंने बेस्ट बैकग्राउंड स्कोर कैटेगरी में भी नेशनल अवॉर्ड जीता था।रोजा में रहमान को अपने संगीत के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। इसके बाद बॉलीवुड में रहमान ने रामगोपाल वर्मा की फिल्म रंगीला के लिए म्यूजिक तैयार किया, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। इस फिल्म में उर्मिला मातोंडकर, आमिर खान और जैकी श्रॉफ नजर आए थे। रहमान ने ‘दिल से’ ‘लगान’, ‘जोधा अकबर’, ‘ताल’, ‘दिल्ली 6’ ‘रंग दे बसंती’, ‘स्वदेस’ और ‘रॉकस्टार’ समेत हिंदी सिनेमा की कई फिल्मों के लिए भी संगीत तैयार किया, जो आज भी लोकप्रिय हैं।

दो ऑस्कर्स किये अपने नाम

रहमान को ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के लिए एक ही साल में 2 ऑस्कर मिले थे। स्लमडॉग मिलियनेयर के अलावा रहमान ने ‘127 आवर्स’ और ‘लॉर्ड ऑफ वॉर’ हॉलीवुड फिल्मों के लिए भी शानदार म्यूजिक कम्पोज किया है।

ज्योतिषी ने दिलीप कुमार को बना दिया एआर रहमान

एआर रहमान (AR Rahman) ने बताया कि उनकी मां बहन की शादी कराना चाहती थीं. इस वजह से वह बहन की कुंडली लेकर एक ज्योतिषी के पास पहुंचीं. उस समय एआर रहमान भी अपना नाम बदलना चाहते थे. जब उन्होंने ज्योतिषी से इस बारे में पूछा तो उन्होंने अब्दुल रहमान और अब्दुल रहीम दो नाम बताए. उन्हें रहमान नाम तुरंत पसंद आ गया. एआर रहमान के मुताबिक, एक हिंदू ज्योतिषी था जिसने उन्हें मुस्लिम नाम दिया. इसके बाद उन्होंने मां के कहने पर अपने नाम में अल्लाह रक्खा जोड़कर अपना नाम अल्ला रक्खा रहमान (एआर रहमान) रख ल

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