हिट एंड रन पर बड़ा अपडेट,हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों का विरोध
नई दिल्ली – नए साल के जश्न पूरी तरह से खत्म भी नहीं हो पाया था और इस बीच देश के कई राज्यों में चक्काजाम के हालात बन गए हैं. नए साल के पहले ही दिन से पेट्रोल पंपों पर लोगों की बड़ी कतारें और सड़कों पर जाम से कई राज्यों का हाल-बेहाल हो गया. इसके पीछे की वजह है हिट एंड रन मामलों के लिए लाया गया नया कानून. भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन मामलों में नए प्रावधानों क खिलाफ देश के कई राज्यों में ट्रक ड्राइवरों ने 1 जनवरी से तीन दिवसीय विरोध-प्रदर्शन का ऐलान किया है. इसकी वजह से राष्ट्रीय और राज्यीय राजमार्गों को ब्लॉक कर दिया गया है, जिससे देशभर में हाहाकार की स्थिति बन गई है.
ट्रक व बस ड्राइवर हड़ताल पर
विरोध में ट्रक व बस ड्राइवर हड़ताल पर हैं.केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया, हिट एंड रन के मामले में ट्रक, बस या किसी अन्य वाहन का चालक अगर घटनास्थल से कुछ दूर जाकर पुलिस को सूचित करता है, घायल व्यक्ति की जानकारी देता है और खुद की पहचान के बारे में पुलिस को स्पष्ट तौर पर बता देता है, तो उसके खिलाफ उक्त सख्त कानून लागू नहीं होगा.उसे पुलिस को यह आश्वासन देना होगा कि उसे जहां भी, जब भी इस मामले में बुलाया जाएगा, वह आएगा.
क्या है नया कानून
क्या है नया प्रावधान नए आपराधिक कानून के तहत, लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण गंभीर सड़क दुर्घटनाएं करने वाले और अधिकारियों को सूचित किए बिना भागने वाले ड्राइवरों को 10 साल तक की जेल का सामना करना पड़ सकता है.नई भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) कहती है कि जो कोई भी लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आता है, और घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना दिए बिना भाग जाता है, तो उसे किसी भी अवधि के कारावास की सजा दी जा सकती है.दस साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
ट्रक ड्राइवरों ने जताई क्या चिंता?
प्रदर्शनकारी ट्रक ड्राइवरों का मानना है कि नया कानून कठोर होने के साथ ही भारी वाहनों के लिए पक्षपातपूर्ण रवैया लिए हुए है. ट्रक ड्राइवरों ने हिट एंड रन मामलों में घायल को अस्पताल पहुंचाने के दौरान मॉब लिंचिंग की संभावना पर भी चिंता जताई है.गौरतलब है कि इस विरोध-प्रदर्शन में ट्रक ड्राइवरों के साथ निजी बस ड्राइवर और कुछ सरकारी बसों के चालक भी शामिल हैं. वहीं, कई जगहों पर कैब और टैक्सी चलाने वाले लोग भी इस प्रदर्शन में शामिल हैं.