x
विश्व

अजब किस्सा -बुढ़ापे में 70 साल की महिला ने दिया जुड़वा बच्चे को जन्म


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्ली – मेडिकल साइंस कहता है बच्चे को जन्म देने में महिला की उम्र का बड़ा रोल होता है. जिस उम्र तक मासिक धर्म चक्र चलता रहता है, आप गर्भवती हो सकती हैं और बच्चे को जन्म दे सकती हैं। पर एक आयु के बाद (भारत में अमूमन 45-50 की उम्र) के बाद महिलाओं का मेनोपॉज शुरू हो जाता है जिसके बाद गर्भवती होना प्राकृतिक रूप से संभव नहीं है। हालांकि एक हैरान कर देने वाले मामले में बुजुर्ग महिला ने एक नहीं दो-दो (जुड़वा) बच्चों को जन्म दिया है.

बच्‍चा पैदा करने की सही उम्र

बच्‍चा पैदा करने की सही उम्र 23 से लेकर 32 साल तक मानी गई है. लेकिन आज जब तमाम मह‍िलाएं नौकरीपेशा हैं, इस उम्र में बच्‍चे पैदा करने के बारे में नहीं सोचतीं. ज्‍यादातर मह‍िलाएं 35-40 की उम्र से पहले मां बनना पसंद करती हैं. क्‍योंकि इसके बाद प्रेग्‍नेंसी में कई तरह की दिक्‍कतें आती हैं. डॉक्‍टर भी पहले बच्‍चे पैदा करने की सलाह देते हैं.लेकिन कई बार आपने सुना होगा कि 50 की उम्र के बाद भी मह‍िला मां बन गई. यह उतना नहीं चौंकाती, लेकिन युगांडा से एक द‍िलचस्‍प खबर आई है. 70 साल की एक मह‍िला ने जुड़वां बच्‍चों को जन्‍म दिया है. लेकिन इस उम्र में यह संभव कैसे हुआ? पूरी कहानी चमत्‍कार से कम नहीं.

बुजुर्ग महिला की उम्र 70 साल

युगांडा के कंपाला में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. जिस उम्र में लोग सिर्फ अपने फिजिकल फिटनेस का ध्यान देते हैं, उस उम्र में एक महिला ने ट्विंस बच्चों को जन्म दिया है. हालांकि, उसने बच्चों को जन्म आईवीएफ के सहारे दिया है. उस बुजुर्ग महिला की उम्र 70 साल है. उसका नाम सफीना नामुकवाया है. जैसे ही लोगों इस घटना के बारे में जानकारी हुई तो स्तब्ध रह गए. बच्चे का जन्म अस्पताल में सीजेरियन सेक्शन से हुआ. सफीना नामुकवेया आईवीएफ के जरिए प्रेग्नेंट हुईं और अब वह हेल्दी बच्चों को जन्म देने वाली अफ्रीका की सबसे बुजुर्ग महिलाओं में से हो गई हैं.

जुड़वा बच्चे हुए पैदा

सफीना ने टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक से ये जुड़वा बच्चे पैदा किए हैं, एक लड़का और एक लड़की. अस्पताल का कहना है कि ये मेडिकल साइंस का कमाल नहीं बल्कि इंसान की ज़िंदगी जीने की हौसला और ताकत की मिसाल है. सफीना के लिए ये पल किसी चमत्कार से कम नहीं हैं और अस्पताल ने भी सफीना की हिम्मत की तारीफ की है. डॉक्टर एडवर्ड तामले साली ने बताया कि सफीना के लिए उन्होंने टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक का इस्तेमाल किया, जिसमें डोनर के अंडे और सफीना के पार्टनर के स्पर्म से बच्चे बने.

Back to top button