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राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह में मौजूद होंगे पीएम मोदी समेत 5 लोग


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नई दिल्ली – राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है. 22 जनवरी (2024) को होने वाली प्राण-प्रतिष्ठा में सिर्फ 5 लोग गर्भगृह में मौजूद रहेंगे. आपको बता दें कि पीएम मोदी, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत, प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्य आचार्य सत्येंद्र दास प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान गर्भगृह में होंगे. प्राण-प्रतिष्ठा के वक्त पर्दा बंद रहेगा और भगवान राम की प्रतिमा की पट्टी हटाने के बाद प्रभु राम को आईना दिखाया जाएगा. सबसे पहले रामलला अपना चेहरा देखेंगे. दलपूजा के लिए आचार्यों की 3 टीमें बनाई गईं हैं. पहले दल का नेतृत्व स्वामी गोविंद देव गिरि करेंगे. वहीं दूसरे दल का नेतृत्व शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती करेंगे जो कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य हैं. तीसरी टीम में काशी के 21 विद्वान होंगे.

प्राण प्रतिष्ठा में जरूरी हैं ये काम

राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि 22 जनवरी को प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होंगे. प्रभु राम अपने सिंहासन पर जब विराजमान होंगे उसके पहले तक आंख में पट्टी रहेगी और जब प्राण प्रतिष्ठा का पूरा कार्य संपन्न हो जाएगा तब पट्टी खोली जाएगी. उसके बाद मुख्य यजमान प्रधानमंत्री मोदी विराजमान रामलला की आंखों की पट्टी खोलेंगे और उसके बाद आईना दिखाया जाएगा . इस दौरान रामलला को काजल भी लगाया जाएगा. यह तीन काम बहुत महत्वपूर्ण है जिसमें सबसे पहले काम है पट्टी हटाना दूसरा काम है शीशा दिखाना और तीसरा काम है काजल लगाना.

कार्यक्रम में पीएम मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल

22 जनवरी 2024 को अयोध्या राम मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पीएम मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे.पीएम के अलावा किसी भी क्षेत्र में देश का सम्मान बढ़ाने वाले सभी प्रमुख लोगों को भी आमंत्रित किया गया है. इसके साथ ही करीब चार हजार सन्तों को आमंत्रण भेजा गया है.सभी शंकराचार्य, महामण्डलेश्वर, सिख और बौद्ध पंथ के शीर्ष सन्तों को बुलावा भेजा गया है. स्वामी नारायण, आर्ट ऑफ लिविंग, गायत्री परिवार, किसान, कला जगत के प्रमुख लोगों को आमंत्रित किया गया है। कारसेवकों के परिजनों को भी निमंत्रण भेजा गया है.

मुख्य पुजारी ने कही ये बात

मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी सोने के सिक्के से प्रधानमंत्री मोदी रामलला के आंख में काजल लगाएंगे इसके बाद राम लला की आरती उतारी जाएगी आरती के बाद भोग लगेगा. भक्तों में प्रसाद वितरित किया जाएगा. गर्भ ग्रह में पांच लोगों में सम्मिलित होने वाले आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि हमें आपार प्रसन्नता है कि विराजमान रामलला की पहली आरती प्रधानमंत्री के बाद में हम उतारेंगे.

राम मंदिर को नागर शैली में बनाया गया

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को नागर शैली में बनाया गया है जो 8वीं से 13वीं में बने कंदरिया महादेव मंदिर (खजुराहो) और लिंगराज मंदिर (उड़ीसा) समेत अन्य प्राचीन मंदिरों से प्रेरित है. नागर शैली की मुख्य विशेषता इसके शिखर में होती है जो चतुष्कोणीय होता है यानी इसका शिखर चार कोणों वाला होता है. इसके अलावा ऊचांई के बढ़ते हुए क्रम में मंदिर को आठ हिस्सों में बांटा जाता है जिसमें आधार से लेकर कलश तक का हिस्सा होता है. इसे बनाने में द्रविड़ शैली का भी इस्तेमाल किया गया है. राम मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा हैं.

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