अटल बिहारी वाजपेयी की आज 99वीं जयंती,कई नेताओं ने अटल जी को दी पुष्पांजलि
नई दिल्ली – देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 99वीं जयंती है। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप घनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने अटलजी के समाधि स्थल सदैव अटल जाकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंति को देश सुशासन दिवस के तौर पर मनाता है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को किया नमन…वीडियो ट्वीट कर लिखा अटलजी जीवन पर्यंत राष्ट्र निर्माण को गति देने में जुटे रहे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंडी गठबंधन बैठक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंडी गठबंधन की बैठक को लेकर चल रही अटकलों पर लगाम लगा दिया था। इंडी गठबंधन की बैठक के बाद नाराजगी से सवाल पर सोमवार सुबह स्पष्ट कहा कि इंडिया गठबंधन की बैठक से हमें कोई नाराजगी नहीं है। हम जरा सा भी नाराज नहीं है। हमारी इच्छा है कि सब लोग (विपक्ष) एकजुट हो। गठबंधन में पद के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारी कोई इच्छा ही नहीं है इनसब के प्रति। हमारी इच्छा केवल यह है कि सब लोग एक साथ मिलकर देश का इतिहास बदलाने वालों के खिलाफ लड़ें।
अटल बिहारी वाजपेयी को नमन किया
अमित शाह ने अटल बिहारी वाजपेयी को नमन किया और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर उनका स्मरण कर उन्हें नमन करता हूं। अटल जी ने निःस्वार्थ भाव से देश व समाज की सेवा की और भाजपा की स्थापना के माध्यम से देश में राष्ट्रवादी राजनीति को नई दिशा दी। जहां एक ओर उन्होंने परमाणु परीक्षण और कारगिल युद्ध में विश्व को उभरते भारत की शक्ति का एहसास करवाया, तो वहीं दूसरी ओर देश में सुशासन की परिकल्पना को चरितार्थ किया। उनके विराट योगदान को देश हमेशा याद रखेगा।
इंडोनेशिया का जिक्र और राम
सोशल मीडिया पर एक वीडियो में अटल बिहारी वाजपेयी रामजन्मभूमि मामले का जिक्र कर रहे हैं। वे इस वीडियो में कहते दिख रहे हैं कि ये सुनने के बाद थोड़ा विचित्र लगता है। हमारे यहां तो धर्मांतरण के बाद राष्ट्रांतरण होता है। ऐसा दृश्य दिखाई देता है। पड़ोसी देश में ऐसा नहीं हुआ है। अभी रामजन्मभूमि का मामला चल रहा है। एक विदेशी आए कहने लगे कि ये रामजन्मभूमि का क्या झगड़ा है? हमने कहा कि इसपर विवाद हो रहा है कि श्रीराम कहां पैदा हुए थे और जहां पैदा हुए थे वो स्थान उनके मंदिर के लिए प्रयुक्त किया जाए या नहीं किया जाए। वो विदेशी इंडोनेशिया से आए थे। वो मुसलमान हैं।
वाजपेयी का वो 5 दिसंबर 1992 का भाषण
जब भी राम मंदिर का जिक्र होता है तो देश के पूर्व पीएम वाजपेयी के 1992 में लखनऊ में दिए गए एक भाषण का काफी जिक्र होता है। इस भाषण में वाजपेयी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला लिया है, उसका अर्थ मैं ये निकालता हूं कि वो कार सेवा रोकता नहीं है। सचमुच में सुप्रीम कोर्ट ने हमें दिखा दिया है कि हम कार सेवा करेंगे, रोकने का तो सवाल ही नहीं है। कल कार सेवा करके अयोध्या में सर्वोच्च न्यायालय के किसी निर्णय की अवहेलना नहीं होगी। कार सेवा करके सर्वोच्च न्यायलय के निर्णय का सम्मान किया जाएगा। वहां नुकीले पत्थर निकले हैं। तो उन पर तो कोई नहीं बैठ सकता है। तो जमीन को समतल करना पड़ेगा। बैठने लायक करना पड़ेगा। यज्ञ का आयोजन होगा।