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डेंगू से लेकर निमोनिया तक इस साल इन बीमारियों ने लोगों को डराया


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नई दिल्लीः साल 2023 में कुछ बीमारियों ने काफी सुर्खियां बटोरीं, फिर चाहें वे संक्रामक बीमारियां हों या डेंगू जैसे वेक्टर जनित रोग। यूरोपीय रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के मुताबिक, 2023 में नवंबर की शुरूआत तक वैश्विक स्तर पर 80 देशों में डेंगू के 4.5 लाख से अधिक मामले और 4,000 से अधिक मौतें दर्ज की गईं। इसी तरह कुछ अन्य बीमारियां भी रहीं, जिन्होंने इस साल लोगों को परेशान किया। आइए इन्हीं के बारे में जानते हैं।

डेंगू

डेंगू एडीज एजिप्टी मच्छरों द्वारा फैलता है, जो रात में हमला करके मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के विपरीत दिन के समय मनुष्यों को काटता है। राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी के नए शोध और द फेडरेशन ऑफ अमेरिकन सोसाइटी ऑफ एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी में प्रकाशित नए शोध के मुताबिक, ग्लोबल वॉर्मिंग इस वायरल संक्रमण की गतिशीलता को बदल सकती है, जिससे यह और अधिक गंभीर हो सकता है। यहां जानिए डेंगू के प्रभाव को कम करने वाले घरेलू नुस्खे।

रहस्यमयी निमोनिया

2023 में चीन में रहस्यमयी निमोनिया के मामले सामने आए,।बीते कुछ वक्त से चीन में एक रहस्यमयी बीमारी सुर्खियों में है, जो बच्चों को अपना शिकार बना रही है. इसे निमोनिया का एक प्रकार कहा जा रहा है. जो बीमारी की अज्ञात उत्पत्ति और रोकथाम की आवश्यकता के कारण ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इससे सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि निमोनिया के मामलों में बढ़ोतरी श्वसन संबंधी बीमारियों के चरम मौसम यानि सर्दियों में लॉकडाउन के प्रतिबंध हटने के बाद कारण हो सकती है। इस मौसम में इम्युनिटी भी कमजोर हो जाती हैइस बीमारी के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं. हालांकि, इस बीमारी का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है.

संक्रामक बीमारियां और कोरोना वायरस

नई संक्रामक बीमारियों और उभरते रोगजनकों ने वैश्विक स्तर पर चिंता पैदा कर दी है। संभावित महामारियों की निगरानी और प्रतिक्रिया में सतर्कता एक प्रमुख प्राथमिकता बनी रही। इसके अतिरिक्त कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण प्रयासों, उभरते वेरिएंट, उपचार के विकल्पों और महामारी संबंधी तैयारियों को बढ़ाने के लिए चल रहे शोध के साथ महामारी के खिलाफ लड़ाई जारी है।

एंटी-बायोटिक प्रतिरोध

विभिन्न बीमारियों के उपचार के लिए बड़ी संख्या में एंटी-बायोटिक्स दवाइयों का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन इनके अनुचित इस्तेमाल से बीमारियां पैदा करने वाले जीवाणु (बैक्टीरिया) इन दवाइयों के खिलाफ प्रतिरोधी हो रहे हैं। इससे बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हो रही हैं। मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, दुनियाभर में एंटी-बायोटिक प्रतिरोधी जीवाणुओं के संक्रमण से लाखों लोगों की मौतें हुई।

वेक्टर जनित बीमारियां

डेंगू के अलावा जीका वायरस और चिकनगुनिया जैसी अन्य वेक्टर जनित बीमारियां भी रडार पर रहीं। जीका वायरस और चिकनगुनिया भी एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है। इन संक्रमणों के लक्षणों में बुखार, त्वचा पर चकत्ते, आंख आना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और सिरदर्द शामिल हैं। किसी व्यक्ति के संक्रमित होने पर ये लक्षण कुछ दिनों से लेकर एक हफ्ते तक रह सकते हैं। यहां जानिए बच्चों को मच्छरों से सुरक्षित रखने के तरीके।डेंगू मच्छरों के काटने से होने वाली एक गंभीर बीमारी है. इस साल भारत में डेंगू के सबसे ज्यादा मामले सामने आए. जुलाई-अगस्त में डेंगू संक्रमण की संख्या 40 हजार पार कर गई थी. वहीं 281 लोगों की मौत हुई

कंजक्टिवाइटिस ने बढ़ाई मुश्किलें

इस लिस्ट में दूसरा नाम कंजक्टिवाइटिस का है। यह आंखों से संबंधित इंफेक्शन है। मानसून के सीजन में इसका भी लोगों में काफी आतंक नजर आया। बीते सालों के अनुसार इस साल इसके मामलों में काफी उछाल दिखाई दिया, जिसका मुख्य कारण बारिश का ज्यादा होना हो सकता है। लेकिन लोगों में साफतौर से इसका डर देखने को मिला।कंजक्टिवाइटिस एक ऐसी बीमारी है जो आंखों में सूजन और लालिमा पैदा करती है. इस साल इस बीमारी ने बड़े से लेकर बच्चों तक, सभी को डराया और इसके काफी सारे मामले सामने आए. यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है. कंजक्टिवाइटिस के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि वायरस, बैक्टीरिया या एलर्जी.

निपाह वायरस

निपाह वायरस एक जानलेवा वायरस है, जो जानवरों से इंसान तक फैल सकता है. यह वायरस आमतौर पर संक्रमित बंदरों के काटने से फैलता है. वैसे को इसका प्रकोप भारत में नहीं आया, लेकिन केरल में इस वायरस की पुष्टि से लोगों में डर समा गया था. केरल में इसका मामला आने के बाद पूरे भारत में अलर्ट जारी कर दिया गया था.

मलेरिया

मलेरिया एक संक्रामक बीमारी है जो मच्छरों के काटने से होती है. डेंगू के बाद मलेरिया ने भी इस साल लोगों को खूब डराया. देशभर के काफी सारे अस्पतालों में इस बीमारी के मामले सामने आए. हालांकि, मरीज जल्द ठीक होकर अपने घर चले गए. मलेरिया के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और उल्टी शामिल हैं.

रेबीज

राधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में कुत्ते के काटने से एक बच्चे को रेबीज हो गया था और उसकी मौत हो गई थी. बच्चे की मौत के कुछ वक्त पहले का एक दर्दनाक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था, जिस देखकर लोग दहल गए थे. रेबीज एक जानलेवा वायरस है जो संक्रमित जानवर के काटने से फैलता है. फिलहाल, अभी तक रेबीज का कोई इलाज नहीं है और एक बार संक्रमित होने पर मौत से बचना काफी मुश्किल हो जाता है.

जीका वायरस व चिकनगुनिया

डेंगू के अलावा, जीका और चिकनगुनिया जैसी मच्छर से फैलने वाली बीमारियाँ भी रडार पर रहीं। जलवायु संबंधी कारकों और शहरीकरण ने इन बीमारियों के निरंतर प्रसार में योगदान दिया। बता दें, इन दोनों बीमारियों में इंसान को तेज बुखार व सिर दर्द की शिकायत होती है। कुछ मामलों में यह नर्वस सिस्टम को हानि पहुंचाता है।

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