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ब्रिटेन में पहली बार इंसान में मिला सूअरों में फैलने वाला स्वाइन फ्लू वायरस


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नई दिल्लीः ब्रिटेन में इस वक्‍त ए(एच1एन2)वी वायरस का खतरा मंडरा रहा है. यह बीमारी सूअरों के वायरस से पनपी है. यूके की स्‍वास्‍थ्‍य एजेंसी के कान इसे लेकर खड़े हो गए हैं. दुनिया भर की नजरें भी इस वक्‍त यूके पर है. यह इंफेक्‍शन कहां से फैलना शुरू हुआ, इसके बारे में अभी तक पता नहीं चल सका है. यूके हेल्‍थ सिक्‍योरिटी एजेंसी (UKHSA) की तरफ से कहा गया कि जिस व्‍यक्ति में वायरस डिटेक्‍ट हुआ था वो थोड़ा बीमारी था. अब वो ठीक है. रूटीन नेशनल फ्लू सर्विलांस के तहत इस मामले का पता चला था.

ब्रिटेन में पहली बार इंसान में मिला एच1एन2 वायरस

ब्रिटेन में स्वाइन फ्लू के एच1एन2 वायरस का केस मिला है। सूअर में मिलने वाले इस स्ट्रेन के इंसान में पाए जाने का ये ब्रिटेन में पहला मामला है। यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) ने इसकी पुष्टि की है। उत्तरी यॉर्कशायर में सांस से जुड़ी परेशानी होने पर एक शख्स का टेस्ट किया गया था। टेस्ट मे उसके स्वाइन फ्लू स्ट्रेन एच1एन2 से संक्रमित होना पाया गया। एच1एन2 यूके में सूअरों में फैलने वाला फ्लू वायरस है लेकिन किसी इंसान में फ्लू के इस स्ट्रेन का ब्रिटेन में पहली बार पता चला है।

मरीज की जानकारी ले रहे हैं अधिकारी

यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (एचएसए) ने बताया कि पीड़ित को सांस लेने में परेशानी हो रही थी, इसलिए वह डॉक्टर के पास परीक्षण के लिए पहुंचा था। यहां जांच के दौरान पता चला कि उनमें स्वाइन फ्लू का नया स्ट्रेन पाया गया है। यूकेएचएसए की इंसीडेंट डायरेक्टर डॉ. मीरा चंद ने बताया कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब हमें किसी व्यक्ति में स्वाइन फ्लू मिला है। मरीज पिछले कुछ दिनों में किस-किस से मिला और कहां-कहां गया, सब कुछ की जांच कर रहे हैं। हम उसके करीबियों का भी पता लगा रहे हैं। फ्लू के प्रसार पर रोक लगाने के लिए हम तेजी से काम कर रहे हैं। हम सभी कारणों की भी तलाश कर रहे हैं।यूकेएचएसए की निदेशक मीरा चंद ने कहा, “यह पहली बार है जब हमने यूके में किसी व्‍यक्ति में इस वायरस का पता लगाया है, हालांकि यह सूअरों में पाए गए वायरस के समान है.” बताया जा रहा है कि संक्रमित व्‍यक्ति के करीबी संपर्कों का पता लगाया जा रहा है ताकि वायरस को आगे फैलने को रोका जा सके. हालांकि साथ ही यह भी बताया गया है कि इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि यह वायरस किसी व्‍यक्ति से दूसरे व्‍यक्ति में फैलता है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार बीते 20 सालों में A(H1N2)v के दुनिया में 50 मामले सामने आए हैं.

सूअर पालकों के लिए भी आदेश जारी

एचएसए की मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी क्रिस्टीन मिडलमिस ने बताया कि हम जानते हैं कि जानवरों की कुछ बीमारियां इंसानों को भी हो सकती हैं। हम निगरानी कर रहे हैं। हम विभिन्न विभागों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हमने सूअर पालकों को भी आदेश जारी किए हैं कि अगर उनके यहां किसी सूअर को फ्लू है तो वह जल्द जानकारी दें।

डब्लूएचओ को भी दी जानकारी

विशेषज्ञों की मानें तो सूअरों में फैलने वाला इन्फ्लूएंजा वायरस जब किसी इंसान में पाया जाता है, तो इसे वेरिएंट इन्फ्लूएंजा वायरस कहते हैं। एच1एन1, एच1एन2 और एच3एन2 आदि सूअरों में पाए जाने वाले वायरस के प्रमुख उपप्रकार हैं, जिससे कभी-कभी इंसान भी संक्रमित हो जाता है। बता दें, यूकेएचएसए ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी इसकी सूचना दे दी है।स्वाइन फ्लू के इस स्ट्रेन का जिस व्यक्ति में पता चला है, उसका सूअरों के साथ काम करने या कोई संपर्क रहने की बात भी सामने नहीं आई है। उसे स्वाइन फ्लू के हल्के लक्षण हुए थे और वह पूरी तरह से ठीक हो गया है। अभी ये पता नहीं चला है कि ये स्ट्रेन कितना संक्रामक है। यूके में इसके और कितने मामले हो सकते हैं। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने कुछ नहीं कहा है। इस स्ट्रेन से महामारी फैलने की संभावना पर यूकेएचएसए ने कहा कि इस बारे में कुछ कहना अभी जल्दीबाजी होगी।

क्या है स्वाइन फ्लू?

स्वाइन फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है, जो मूल रूप से सूअरों से मनुष्यों में फैला। स्वाइन फ्लू एच1एन1 इन्फ्लूएंजा एक तरह का वायरस है। यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। नियमित इन्फ्लूएंजा और स्वाइन फ्लू के लक्षण बहुत मिलते-जुलते हैं। गर्मी और मानसून के मौसम में स्वाइन फ्लू के मामले बढ़ जाते हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए कई वैक्सीन हैं, साथ ही इलाज के लिए कई तरह के एंटीवायरल उपचार भी मौजूद हैं। इसके अलावा हाइजीन का ख्याल रखकर और सर्जिकल मास्क पहनकर स्वाइन फ्लू से बचा जा सकता है।

अभी तक संक्रमण के स्रोत का पता नहीं चला

यूकेएचएसए ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारी लगातार संक्रमण के स्रोत की जांच कर रहे हैं लेकिन अभी इसका स्रोत नहीं मिला है। यूकेएचएसए में निदेशक मीरा चंद ने कहा, फ्लू की नियमित निगरानी और जीनोम सीक्वेंसिंग जारी रखने की वजह से हम इस वायरस का पता लगाने में कामयाब रहे हैं। पहली बार जब हमने यूके में मनुष्यों में इस वायरस का पता लगाया है, जो सूअरों में पाए जाने वाले वायरस के समान है। हम करीबी संपर्कों का पता लगाने और किसी भी संभावित प्रसार को कम करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। यह जानने के लिए जांच चल रही है कि व्यक्ति को संक्रमण कैसे हुआ और उसके किसी नजदीकी को तो ये नहीं है।H1N1, H1N2 और H3N2 सूअरों में स्वाइन इन्फ्लूएंजा के मुख्य प्रकार हैं। जो मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं। यह आमतौर पर बीमार सूअरों के संपर्क में आने के बाद होता है। 2005 के बाद से वैश्विक स्तर पर H1N2 के केवल 50 मामले सामने आए हैं। 2009 में, H1N1 के कारण हुई एक महामारी के कारण ब्रिटेन में 474 मौतें हुईं और दुनिया भर में वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल लग गया था।

अस्‍पतालों में बढ़ाई गई निगरानी


यूकेएचएसए ने अपने बयान में कहा कि उत्तरी यॉर्कशायर के अस्पतालों में निगरानी बढ़ा दी गई है. फिलहाल स्थितिनी रिपोर्ट में कहा यूकेएचएसए के हवाले से कहा यह संक्रमण 2005 के बाद से दुनिया भर में पाए गए स्ट्रेन से अलग था. इसके बाद 2009 में स्वाइन फ्लू महामारी से लाखों लोगों संक्रमित हो गए थे. उक्‍त बीमारी भी सूअरों, पक्षियों और इंसानों में प्रसारित हो रही थी.

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