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भारत

दिल्ली प्रदुषण : दिल्ली में बारिश की वजह से घटा प्रदूषण का स्तर,नहीं लागू होगा ऑड ईवन नियम

नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह से हो रही बारिश ने मौसम सुहाना बनाने के साथ ही दमघोंटू हवा में भी सुधार किया है। शुक्रवार तड़के हुई बारिश के बाद भी सुबह 9 बजे से कई जगह बारिश हो रही है। इस बारिश ने न सिर्फ आम लोगों को बल्कि प्रशासन को भी राहत पहुंचाई है, जो वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए कृत्रिम बारिश कराने की योजना बना रही है।

दिल्ली सरकार ने ऑड ईवन का फैसला लिया वापस

दिल्ली-NCR में प्रदूषण को लेकर ऑड ईवन लागू करने का फैसला दिल्ली सरकार ने वापस ले लिया है. दिल्ली सरकार ने 13 नवंबर से इस योजना को लागू करने का ऐलान किया. लेकिन आज (10 नवंबर) को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि दिल्ली में बारिश होने से प्रदूषण का स्तर कम हुआ है. जहां की AQI 600 थी. वहां की वायु गुणवत्ता 300 से भी कम हो गई. ऐसे में 13 नवंबर से ऑड ईवन लागू करने का फैसला वापस ले लिया गया है. अगर दिवाली के बाद प्रदूषण स्तर बढ़ता है तो इस पर विचार किया जाएगा. फिलहाल इस फैसले को वापस ले लिया गया है.

सड़कों पर भीड़भाड़ हुई कम

दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने मौसम सुहाना बना दिया है। प्रदूषण की मार झेल लोगों को बारिश के आने से कुछ राहत जरूर मिली है। बारिश से पहले जहां दिल्ली-एनसीआर में सांस लेना तक मुश्किल हो गया था, वहीं अब हवा काफी साफ हो गई है। हालांकि अब भी वायु गुणवत्ता सूचकांक बहुत खराब स्थित में बना हुआ है।इससे पहले दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन को सही बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया था। सरकार ने एक वैज्ञानिक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। सरकार ने बताया कि इससे सड़कों पर भीड़भाड़ कम हुई है।

वर्षा से बदला दिल्ली का मौसम

पश्चिमी विक्षोभ के असर से शुक्रवार अल सुबह हुई वर्षा से दिल्ली के मौसम में भी बदलाव देखने को मिला है। ठंडक थोड़ी बढ़ी है और हवा की गुणवत्ता में आंशिक सुधार हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में सुबह साढ़े आठ बजे तक 5.8 मिमी वर्षा हुई है। सुबह का तापमान सामान्य से दो डिग्री ऊपर 16.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

ऑड-ईवन के दौरान सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल बढ़ा

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ऑड-ईवन स्कीम से ईंधन की खपत में 15% की कमी आई है। ऑड-ईवन के दौरान सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल बढ़ा है। इस मामले में आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि डीआईएमटीएस रिपोर्ट के निष्कर्षों ने मोटे तौर पर वाहनों द्वारा योगदान किए गए वायु प्रदूषण में कमी के सकारात्मक प्रभाव का संकेत दिया, इसके अलावा दिल्ली की सड़कों पर भीड़ में कमी के साथ-साथ ऑड-ईवन ड्राइव की अवधि के दौरान सार्वजनिक परिवहन की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई।

सुधार के बाद भी बहुत खराब बनी हुई है दिल्ली की हवा

मौसम विभाग की मानें तो अभी एक दो बार और हल्की वर्षा हो सकती है। इससे दिन के तापमान में कमी आने की उम्मीद है और यह 30 डिग्री से नीचे जा सकता है।दूसरी तरफ दिल्ली का एक्यूआई जो पिछले सात दिन से 400 से ऊपर यानी गंभीर श्रेणी में चल रहा था, वो थोड़ा गिरकर नीचे यानी बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया है।

सांसों की तकलीफ बढ़ गई है

बता दें कि बीते 10 दिनों से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की वजह से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. प्रदूषण के कारण सांसों के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. अस्पतालों में सांसों की तकलीफ से जुड़े मरीज पहुंच रहे हैं. प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए दिल्ली सरकार के कई फैसले भी लिए. सरकार ने हाल ही में देश की राजधानी में सिर्फ दिल्ली रजिस्ट्रेशन नंबर वाली ही एंट्री की परमिशन दी थी. साथ ही निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी. फिर भी प्रदूषण कम नहीं हो रहा था. इसके बाद सरकार ने 13 नवंबर से 20 नवंबर तक ऑड ईवन लगाने का फैसला किया था. पर आज (10 नवंबर) हुई अचानक बारिश से प्रदूषण स्तर कम हो गया और यहां के आसमान साफ हो गए.

दिल्ली-एनसीआर समेत इन राज्यों में भी बारिश की संभावना: मौसम विभाग

आज की बारिश के बाद आईएमडी की वैज्ञानिक सोमा सेना रॉय ने बताया कि हम दिल्ली के ऊपर सिर्फ घने बादलों की अपेक्षा कर रहे थे। हालांकि बारिश ज्यादा अच्छी हो गई। पश्चिमी विक्षोभ अभी बना हुआ है जिसके चलते हमारा अनुमान है कि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में अच्छी बारिश होगी। हम पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और यूपी के भी कुछ भाग में बारिश की संभावना है।

पड़ोसी राज्यों को भी प्रदूषण रोकने के करने होंगे प्रयास: सौरभ भारद्वाज

दिल्ली के प्रदूषण के हालात पर मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, दिल्ली की भूगर्भीय स्थिति ऐसी है कि यहां धुआं पड़ोसी राज्यों से आता है। सिर्फ दिल्ली में सीएनजी बसें चलती हैं, यहां सभी थर्मल पावर प्लांट भी बंद हैं लेकिन पड़ोसी राज्यों में ऐसा नहीं है। सभी राज्यों को प्रयास करने होंगे और केंद्र को भी प्रदूषण रोकने में सहभागिता करनी चाहिए।

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