Bhai Dooj 2023:14 व 15 नवंबर कब मनाया जाएगा भाईदूज पर्व,जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
नई दिल्लीः भैयादूज का पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भैयादूज का पर्व मनाते हैं। यह पर्व दिवाली से दूसरी तिथि को मनाते हैं। यह दिवाली का भैयादूज है। इस दिन भाई अपनी बहन के घर जाता है और वहां पर बहन अपने भाई का आदर-सत्कार करती है और तिलक लगाती है। इस साल भैया दूज मनाने के लिए सही तिथि को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ज्योतिषाचार्य ने कहा कि भैया दूज पर्व दो दिन 14 और 15 नवंबर को मनाया जाएगा।
भैया दूज पर्व दो दिनों तक मनाया जाएगा
शहर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य प्रवीण शास्त्री ने बताया कि पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल द्वितीया तिथि की शुरुआत 14 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 36 मिनट से शुरु हो रही है। इसका समापन 15 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 47 मिनट पर होगा। इसी वजह से यह पर्व दो दिनों तक मनाया जाएगा। रक्षाबंधन की तरह भैया दूज पर्व भी भाई-बहन के लिए बेहद खास होता है।
भाईदूज हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है
भाईदूज हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है. हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार, यह हर साल दिवाली (Diwali) के बाद मनाया जाता है. इस साल भाईदूज (Bhai Dooj) पर शोभन योग भी बन रहा है. यह बहुत शुभ माना जा रहा है. वहीं, उदया तिथि के अनुसार, भाईदूज (Bhai Dooj) का त्योहार 15 नवंबर, 2023 को भी मनाया जा सकता है.
भैयादूज पर्व कैसे मनाएं
भैयादूज का त्योहार पूरे देश में पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है। इस आयोजन के दौरान बहनें चावल के आटे का उपयोग करके अपने भाइयों के लिए आसन बनाती हैं। एक बार जब भाई सीट पर अपना स्थान ले लेते हैं, तो उनके माथे पर सिन्दूर, दही और चावल के पेस्ट से बना टीका या तिलक लगाया जाता है। बहनें मिठाई, रोली और नारियल से भरी एक जीवंत थाली पकडक़र आरती करती हैं।
भैया दूज के दिन भाई को तिलक लगाने का सबसे अधिक महत्व होता है। इस दिन बहनें रोली और अक्षत से भाई का टीका करती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। यह प्रथा सदियों पुरानी है। ज्योतिषाचार्य प्रवीण शास्त्री ने बताया कि पंचांग के अनुसार 14 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 36 मिनट से भैया दूज पर शोभन योग भी बन रहा है, जिसे शुभ फलदायी माना गया है।
कब है शुभ मुहूर्त?
हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार, भाईदूज (Bhai Dooj) की पूजा का शुभ मुहूर्त 14 नवंबर 2023 को दोपहर 2 बजकर 37 मिनट से दोपहर 3 बजकर 19 मिनट तक रहेगा है. पौराणिक कथा के अनुसार, भाईदूज (Bhai Dooj) का पर्व रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के पहले से मनाया जाता है.हिंदू धर्म में त्योहार उदया तिथि पर भी मनाया जाता है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार भैया दूज का पर्व 15 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भाई को टीका करने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 5 मिनट तक है। बाकी 1 बजकर 47 मिनट तक भैयादूर मनाने के योग हैं।
क्यों मनाते हैं भैयादूज पर्व
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार मृत्यु के देवता यमराज को एक बार यमुना ने अपनी बहन कहा था। हालांकि यमराज उनसे मिलने नहीं आए। काफी कोशिशों के बाद आखिरकार वह अपनी बहन से मिलने में कामयाब हो गए। यमुना ने स्वादिष्ट व्यंजनों से यमराज का हार्दिक स्वागत किया। यमुना ने अपने भाई के माथे पर भी थोड़ा सा तिलक लगाया। यमराज अपनी बहन के प्यार और गर्मजोशी से स्वागत से अभिभूत हो गए। उन्होंने यमुना से पूछा कि क्या वह कोई वरदान चाहती है। यमुना अपने भाई से इतना प्यार करती थी कि वह चाहती थी कि हर साल एक दिन निश्चित हो जिस दिन यमराज यमुना से मिलने आएं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन के बाद से हर साल भैयादूज मनाया जाता है और भाई अपनी बहनों के घर श्रद्धापूर्वक उपहार देने या आशीर्वाद लेने जाते हैं।
पूजा विधि जानिए
भाईदूज (Bhai Dooj) के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान और ध्यान कीजिए. इसके बाद फिर घर के मंदिर में घी का दीपक जलाकर ईश्वर का ध्यान कीजिए. मान्यता है कि भाईदूज (Bhai Dooj) के दिन यमराज और यमुना के साथ भगवान गणेश और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है. इस दिन (Bhai Dooj) पिसे चावल से चौक बनाने की परंपरा भी है. इस पर्व (Bhai Dooj) के दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर आरती करती हैं.