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खेलवर्ल्‍डकप 2023

AUS vs AFG:ग्लेन मैक्सवेल ने अफगानिस्तान के खिलाफ जड़ी डबल सेंचुरी ,कपिल देव का तोडा रिकॉर्ड


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नई दिल्लीः ग्लेन मैक्सवेल ने अफगानिस्तान के खिलाफ 201 रन की मैच जिताऊ पारी खेली. यह पारी तब आई जब ऑस्ट्रेलियाई टीम ताश के पत्तों की तरह ढह गई और 91 रन पर सात विकट गिर गए. सबको लगा कि मैच अफगानिस्तान निकाल ले जाएगा लेकिन मैक्सवेल ने खूंटा गाड़ दिया और सात से आठ विकट नहीं होने दिया. इसमें उनका साथ कंगारू कप्तान पैट कमिंस ने भी दिया और इतिहास रच दिया. मैक्सवेल की इस पारी ने बरबस कपिल देव की 175 रन वाली पारी की याद दिला दी. इसका कारण यह रहा कि दोनों मैच में स्थिति कमोबेश एक जैसी थी और अकेले के दम पर इतनी बड़ी पारी खेलकर मैच की बाजी पलट दी गई.

40 साल पहले कपिल देव की पारी की दिलाई याद

असल में इस मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम हार की तरफ बढ़ रही थी. इसके बाद ग्लेन मैक्सवेल ने यह ऐतिहासिक पारी खेल डाली और ऑस्ट्रेलिया मैच जीत गया. ऑस्ट्रेलिया 91 पर 7 थी और फिर वहां से 293 पर 7 पहुंच गई. इसमें अकेले मैक्सवेल ने 201 रन बना दिए. कई क्रिकेट पंडित यह कह रहे हैं कि यह वर्ल्ड कप ही नहीं वनडे इतिहास की सबसे महान पारी है. लेकिन कुछ इसी तरह की पारी 40 साल पहले कपिल देव ने 1983 के वर्ल्ड कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली थी जब उन्होंने नाबाद 175 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली थी. उस समय वनडे में किसी भी बल्लेबाज की सबसे बड़ी पारी भी थी. उस मैच में 17 रनों पर भारत के 5 विकेट गिर गए थे. भारत टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी कर रहा था. सुनील गावस्कर और के. श्रीकांत की सलामी जोड़ी तो बिना कोई रन बनाए पवेलियन लौट गई. फिर मोहिंदर अमरनाथ (5), संदीप पाटिल (1) और यशपाल शर्मा (9) ने सस्ते में विकेट गंवाए. 17 रनों पर 5 विकेट खोकर भारतीय टीम मुश्किल में थी. यहां तक कि जब कपिल देव का नंबर आया तो वे शॉवर ले रहे थे. शायद उनको यकीन नहीं था कि टीम का हश्र क्या होगा.

अकेले दम पर पलट दिया पासा

इसके बाद फिर कपिल देव खेलने उतरे तो उन्होंने वो कर दिखाया जो क्रिकेट इतिहास में अमर हो गया. पहले उन्होंने रोजर बिन्नी (22) के साथ 60 रन की साझेदारी की. फिर मदन लाल (17) के साथ 62 और सैयद किरमानी (नाबाद 24) के साथ 126 रनों की नाबाद साझेदारी कर डाली. जब वे नाबाद लौटे तो 60 ओवरों की पारी में भारत को 266/8 के स्कोर पर था. अकेले कपिल देव ने 138 गेंद पर 175 रन बना चुके थे. उन्होंने अपनी पारी में 16 चौके और 6 छक्के जड़े थे. भारत की पारी के बाद जिम्बाब्वे को 235 पर निपटाकर 31 रनों से ना सिर्फ जीत दर्ज हुई बल्कि भारत उस वर्ल्ड कप का चैंपियन भी बना.

मैक्सवेल की पारी से जीता ऑस्ट्रेलिया


ग्लेन मैक्सवेल की यह पारी कुछ उसी तरह की थी. उन्होंने 21 चौके 10 छक्के की मदद से 128 गेंद में 201 रन बनाए. हालांकि ग्लेन मैक्सवेल की पारी का यह कुल हिसाब नहीं है. क्योंकि वे मांसपेशियों में खिंचाव के चलते चीख भी रहे थे. पारी के बीच में एक ऐसा भी समय आया जब लगा कि उन्हें रिटायर्ड होना पड़ेगा, लेकिन वे डटे रहे और क्या खूब डटे रहे. मैक्सवेल की इस पारी में पैट कमिंस का योगदान भी याद रखा जाना चाहिए. उन्होंने 68 गेंदों पर भले ही सिर्फ 12 रन ही बनाए हों लेकिन वह यह सुनिश्चित कर रहे थे कि मैक्सवेल सही समय पर स्ट्राइक पर खड़े मिलें. फिलहाल ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अफगानिस्तान पर एक यादगार जीत दर्ज की.

वनडे इतिहास मैक्सवेल का सबसे बड़ा स्कोर

मैक्सवेल इस मुकाबले में छठे नंबर पर बैटिंग करने उतरे थे. मैक्सवेल को अपनी पारी के दौरान 2-3 जीवनदान भी मिले. लेकिन किस्मत ने उनका साथ दिया. मैक्सवेल ने छठे या उसके बाद उतरते हुए वनडे इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर बनाया. इससे पहले सिर्फ कपिल देव ही ऐसे खिलाड़ी रहे हैं. जिन्होंने छठवें नंबर पर बैटिंग करते हुए वर्ल्ड कप में 175 रन बनाए हैं. उन्होंने साल 1983 के विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ 138 गेंदों में 175 रन बनाए थे.

विश्व कप की एक इंनिग में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने मैक्सवेल

बता दें, इस मैच में अपनी एक शानदार पारी की बदौलत मैक्सवेल ने कई खास रिकॉर्ड अपने नाम किए है। विश्व कप इतिहास में मैक्सवेल एक इनिंग में ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए है। इससे पहले इस लिस्ट में 178 रनों के साथ डेविड वॉर्नर पहले नंबर पर थे। इसके अलावा मैक्सवेल वनडे क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया की तरफ से दोहरा शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज भी बन गए हैं।

ओपनर्स ने लगाए दोहरे शतक

मैक्सवेल से पहले वनडे क्रिकेट में में जितने भी दोहरे शतक लगे हैं, वह ओपनर्स ने लगाए हैं. वेस्टइंडीज के क्रिस गेल ने साल 2015 के विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ डबल सेंचुरी जड़ी थी. गेल के अलावा न्यूजीलैंड के मार्टिन गप्टिल वेस्टइंडीज के खिलाफ दोहरा शतक लगाने का कारनामा कर चुके हैं. टीम इंडिया की ओर रोहित शर्मा, शुभमन गिल, सचिन तेंदुलकर, ईशान किशन और वीरेंद्र सहवाग ऐसा कर चुके हैं.

प्लेयर ऑफ द मैच

292 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 46.5 ओवर में 7 विकेट पर 293 रन बनाए. मैक्सवेल ने 128 गेंदों पर नाबाद 201 रन बनाए जिसमें 21 चौके और 10 छक्के शामिल थे. पैट कमिंस 68 गेंदों पर नाबाद 12 रन बनाए. मैक्सवेल को उनकी तूफानी पारी के लिए ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया. इस जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने सेमीफाइनल में जगह बना ली है. वह इस लिस्ट में जगह बनाने वाली तीसरी टीम बन गई है.

ऑस्ट्रेलिया ने की जबरदस्त वापसी

मैक्सवेल की शानदार पारी किसी क्रिकेट मास्टरपीस से कम नहीं थी। ऑस्ट्रेलिया के लिए यह एक शानदार जीत थी और शुरुआती चुनौतियों का सामना करने के बाद एक जबरदस्त वापसी थी।अफगानिस्तान ने पहले इंग्लैंड, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसी बड़ी टीमों को धूल चटाई थी, लेकिन सभी अफगानो में से कोई भी मैक्सवेल की ताकत के सामने नहीं टिक सका। उन्होंने उस ऐंठन पर भी काबू पाया जिससे उनको बेहद दर्द हो रहा था और बेजोड़ दृढ़ संकल्प के साथ खेलना जारी रखा। भले ही उनको दो बार जीवन दान मिले लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, उन्होंने कहा कि वह बस हर गेंद का सामना करना के से आक्रमण करना चाहते हैं।मैच के बाद मैक्सवेल ने अपने सफर पर विचार करते हुए कहा, “पहले दो मैचों के बाद लोग हमें फिसड्डी कह रहे थे। लेकिन एक टीम के तौर पर हमें पूरा भरोसा था। अब मैच के बाद यह आत्मविश्वास और भी बढ़ गया है।” ऑस्ट्रेलिया को अभी भी 11 नवंबर को बांग्लादेश के खिलाफ अंतिम लीग मैच खेलना है

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