
नई दिल्लीः शुक्रवार देर रात को नेपाल में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिसमें जानमाल का काफी नुकसान हुआ है। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जानमाल की हानि और क्षति पर दुख व्यक्त किया है। साथ ही, उन्होंने कहा कि इस घड़ी में भारत उनके साथ खड़ा है और हर संभव मदद देने के लिए तैयार है।
नेपाल के जाजरकोट और रुकुम जिले भूकंप के कारण सबसे अधिक प्रभावित हुए
राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, भूकंप आधी रात 11 बजकर 47 मिनट पर आया, जिसका केंद्र जाजरकोट जिले में था. भूकंप का असर काठमांडू, इसके आसपास के जिलों और यहां तक कि पड़ोसी देश भारत की राजधानी नयी दिल्ली तक महसूस किया गया. सरकारी ‘नेपाल टेलीविजन’ के अनुसार, पश्चिमी नेपाल के जाजरकोट और रुकुम जिले भूकंप के कारण सबसे अधिक प्रभावित हुए. प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने भूकंप में जान-माल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया और सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में तत्काल बचाव और राहत कार्यों का आदेश दिया। अब से कुछ देर पहले प्रधानमंत्री पुष्प कमल देश के भूकंप प्रभावित इलाकों के लिए रवाना हो गए।
पीएम मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ को एक्स ( पहले ट्विटर ) पर टैग करते हुए यह भरोसा दिया कि भारत नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री मोदी ने शोक संतप्त परिवारों के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की है।प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा,”नेपाल में भूकंप के कारण हुई जनहानि और क्षति से अत्यंत दुखी हूं। भारत नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। “
अब तक 128 लोगों की मौत
शुक्रवार आधी रात से ठीक पहले पश्चिमी नेपाल के सुदूर पहाड़ी क्षेत्र में आए 6.4 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसमें अब तक लगभग 128 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल है। अस्पतालों के बाहर घायलों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई है और हर तरफ चीख-पुकार मची हुई है। कई मकान, स्कूल और अन्य संस्थान ध्वस्त हो गए। माना जा रहा है कि मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है, क्योंकि कई जगह रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
उत्तर भारत में भी कांपी धरती
राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र (NEMRC) के मुताबिक, भूकंप रात को 11.47 बजे दर्ज किया गया, जिसका केंद्र जजरकोट जिले में था। इस भूकंप के झटके उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में भी महसूस किए गए थे। दिल्ली-एनसीआर, पटना, देहरादून आदि में भी धरती कांपी थी, जिसके कारण लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, किसी तरह की क्षति की जानकारी नहीं मिली है।
बचाव और राहत कार्य बाधित हो गया
अधिकारियों ने बताया कि घायलों का सुरखेत जिला अस्पताल में इलाज जारी है. प्रधानमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों को बचाव और राहत कार्य तुरंत करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि सड़कें अवरुद्ध होने और पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण घटना स्थल पर बचाव और राहत कार्य बाधित हो गया है.
नेपाल में 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप
भूकंप के बाद जाजरकोट में चार से अधिक तीव्रता वाले भूकंप बाद के कम से कम चार झटके और आए. नेपाल में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। दरअसल नेपाल उस पर्वत श्रृंखला पर स्थित है जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेट मिलती हैं और ये हर सदी एक-दूसरे के तकरीबन दो मीटर पास खिसकती हैं जिसके परिणामस्वरूप दबाव उत्पन्न होता है और भूकंप आते हैं. नेपाल में 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आए झटकों के कारण लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई थी.