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राजनीति

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को मिली 4 हफ्ते की अंतरिम जमानत


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नई दिल्लीः आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू को कथित कौशल विकास घोटाला मामले में चार सप्ताह की अंतरिम जमानत मिल गई है. सूत्रों के मुताबिक, आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू को मंगलवार को मेडिकल आधार पर जमानत दी है. अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री को स्वास्थ्य आधार पर जमानत दी.

पिछले एक महीने से अधिक समय से जेल में थे चंद्रबाबू नायडू

पिछले महीने 9 सितंबर को चंद्रबाबू नायडू को कौशल विकास निगम से जुड़े कथित ₹371 करोड़ के घोटाले में गिरफ्तार किया गया था. पिछले एक महीने से अधिक समय से वह राजमुंदरी सेंट्रल जेल में बंद थे.

चंद्रबाबू नायडू को मोतियाबिंद का कराना है ऑपरेशन

चंद्रबाबू नायडू की ओर से पेश हुए वकीलों ने अदालत को सूचित किया कि उन्हें मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराना है. अदालत ने नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई की तारीख 10 नवंबर तय की. चंद्रबाबू नायडू कौशल विकास निगम से धन के दुरुपयोग के आरोप में वर्तमान में राजामहेंद्रवरम जेल में बंद हैं. आरोप है कि इस कथित घोटाले की वजह से राजकोष को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ. नायडू को नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. अदालत ने कहा कि नायडू को 28 नवंबर या उससे पहले राजामहेंद्रवरम में केंद्रीय जेल के अधीक्षक के समक्ष
आत्मसमर्पण करना होगा.

चंद्रबाबू नायडू ने जेल में सुरक्षा खामियों के लगाये आरोप

पिछली सरकार द्वारा शराब कंपनियों को कथित तौर पर अवैध लाइसेंस देने के एक दूसरे मामले में चंद्रबाबू नायडू को आरोपी नंबर 3 के रूप में भी नामित किया गया. पिछले हफ्ते उन्होंने एक विशेष अदालत को पत्र लिखकर जिस जेल में वह बंद हैं उसमें सुरक्षा खामियों का आरोप लगाते हुए बेहतर व्यवस्था की अपील की थी. इसमें उन्होंने विशेष रूप से जेल के बाहर उन्हें जेड-प्लस सिक्योरिटी कवर देने की बात कही थी.

24 नवंबर को करना होगा आत्मसमर्पण

कोर्ट की ओर से जारी जमानत के आदेश में नायडू को निर्देश दिए गए हैं कि उन्हें चार हफ्तों बाद (24 नवंबर) को आत्मसमर्पण करना होगा। मामले में कोर्ट मुख्य जमानत याचिका पर 10 नवंबर को सुनवाई करेगी। साथ ही निर्देश है कि नायडू चिकित्सीय जांच के लिए सिर्फ अस्पताल जा सकते हैं। इसके अलावा उन्हें किसी भी अन्य कार्यक्रम में जाने की अनुमति नहीं होगी। हाई कोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू को मीडिया और राजनीतिक गतिविधियों में भी हिस्सा न लेने का आदेश दिया है।

टीडीपी 30 नवंबर को नहीं लड़ेगी तेलंगाना विधानसभा चुनाव

इस बीच, रविवार को चंद्रबाबू नायडू की पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने एनडीटीवी को बताया कि टीडीपी पड़ोसी राज्य तेलंगाना में 30 नवंबर का चुनाव नहीं लड़ेगी. चंद्रबाबू नायडू ने कथित तौर पर उनसे कहा कि जेल से कैंपेन इवेंट आयोजित करना मुश्किल होगा और पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं को इन परिस्थितियों के बारे में बताना चाहिए.

371 करोड़ रुपये घोटाले का आरोप

चंद्रबाबू नायडू पर आंध्र प्रदेश कौशल विकास निगम में कथित 371 करोड़ रुपये घोटाले का आरोप है. सीआईडी की जांच के मुताबिक 2015 में कौशल विकास निगम ने सीमेंस के साथ 3300 करोड़ रुपये का समझौता किया था. जिसके तहत लोगों को विभिन्न कौशल में प्रशिक्षित किया जाना था. इस राशि में से 10 फीसद राज्य सरकार को अपने हिस्से के रूप में दिया जाना था. हालांकि सीमेंस ने अपना 90 फीसद योगदान नहीं दिया और इसके बजाए सरकारी फंड का इस्तेमाल किया.

10 सितंबर को हुई थी गिरफ्तारी

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को राज्य के कौशल विकास निगम से जुड़े कथित 371 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में 10 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। तब से वह राजमुंदरी सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।

पैसा शेल कंपनियों को भेजा गया

सीआईडी ने आरोप लगाया है कि पैसे का एक हिस्सा शेल कंपनियों को भेजा गया था. सीआईडी ​​ने रिमांड रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि घोटाले के अंतिम लाभार्थी तेलुगु देशम पार्टी, नायडू और तत्कालीन श्रम और कौशल विकास मंत्री के अच्चेन्नायडू हैं.

अवैध लाइसेंसिंग मामले में भी हैं आरोपी

आपराधिक जांच विभाग द्वारा चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी ने प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल को जन्म दिया था। साथ ही टीडीपी समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प की खबरें भी सामने आईं थीं। नायडू को अपने शासन काल में शराब कंपनियों को कथित तौर पर अवैध लाइसेंस देने के मामले में भी आरोपी बनाया गया है।

विशेष अदालत में लगाई थी गुहार

दरअसल, पिछले हफ्ते चंद्रबाबू नायडू ने एक विशेष अदालत को पत्र लिखकर जेल में सुरक्षा खामियों को उजागर किया था। साथ ही उन्होंने जेल में बेहतर व्यवस्था की अपील करते हुए मांग रखी थी कि उन्हें Z+ श्रेणी का सुरक्षा कवर दिया जाए, जैसे की उन्हें जेल के बाहर प्राप्त है।

चंद्रबाबू नायडू के समर्थकों ने गिरफ्तारी की निंदा कर जताई नाराजगी

हालाँकि, बाद में चुने गए विधायक सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) के प्रति अपना रुख बदल लिया. तेलंगाना में चंद्रबाबू नायडू के समर्थक इस बात से नाराज थे कि बीआरएस ने चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए बयान नहीं दिया था और उन्हें उनके समर्थन में हाईटेक सिटी क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई थी.

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