मोदी सरकार ने गेहूं व मसूर समेत रबी की 6 फसलों पर बढ़ाया MSP
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक में आज रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ाने की मंजूरी दी गई है। सरकार ने आज रबी की 6 फसलों पर मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए एमएसपी में वृद्धि की मंजूरी दी है।केंद्र की मोदी सरकार किसानों की आमदनी और आर्थिक स्थिति को बेहतर करने की दिशा में लगातार काम कर रही है. इसी कड़ी में सरकार ने दिवाली से पहले देश के किसानों को बड़ी सौगात दी है. सरकार ने रबी की 6 फसलों पर एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है. कैबिनेट ने MSP में 2% से लेकर 7% तक की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है. कैबिनेट की बैठक में सरकार ने इस फैसले पर मुहर लगाई.
किसानों के लिए अहम कदम
केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों की आए बढ़ाने के लिए अहम कदम उठाया है. सरकार ने गेहूं और सरसों समेत 6 फसलों के एमएसपी को बढ़ाने का फैसला लिया है. गेहूँ, जौ,आलू, चना, मसूर, अलसी, मटर व सरसों रबी की प्रमुख फसलें मानी जाती हैं. गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 150 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ा दिया है.सरकार ने रबी की 6 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को बढ़ा दिया है. मोदी कैबिनेट ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए इन फसलों के MSP पर 2 से 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी मंजूरी दी है. इसके बाद गेंहू का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 150 रुपये बढ़कर 2,275 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है.
कितनी बढ़ी एमएसपी?
एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी मसूर के लिए 425 रुपये प्रति क्विंटल, इसके बाद रेपसीड और सरसों के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल की मंजूरी दी गई है।गेहूं और सैफ्लोअर के लिए 150-150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा जौ के लिए 115 रुपये प्रति क्विंटल और चने के लिए 105 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है।
बता दें कि फिलहाल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,125 रुपये प्रति क्विंटल है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सीसीईए की बैठक के बाद कहा कि मंत्रिमंडल ने 2024-25 सत्र के लिए रबी की सभी फसलों का एमएसपी बढ़ाने की मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश के आधार पर हमने 6 रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है. इनमें गेहूं का एमएसपी 150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गेहूं का समर्थन मूल्य 2024-25 विपणन सत्र के लिए 2,275 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो 2023-24 में 2,125 रुपये प्रति क्विंटल था.
क्या होता है एमएसपी?
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कुछ कृषि उत्पादों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मूल्य है, जिस पर सरकार किसानों फसल खरीदती है। यदि किसान को खुले बाजार में उसके फसल का सही दाम नहीं मिलता तो सरकार उस किसान से एमएसपी पर फसल खरीद लेती है यदि किसान बेचना चाहे।इसके अलावा एमएसपी किसानों के फसलों का एक तरह से बीमा होता है, यानी जिस मूल्य पर सरकार ने एमएसपी तय कर दी अब सरकार को उस मूल्य पर आपसे फसल खरीदना होगा।सरकार मांग और सप्लाई को आसान बनाने के लिए एमएसपी लेकर आती है ताकि किसान को उसके फसल का कम से कम तय की हुई न्यूनतम रकम तो मिलेगी ही।
किसानों की आय बढ़ाना सरकार का लक्ष्य
कैबिनट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार किसानों की आय को डेढ़ गुना बढ़ाएगी. किसानों को पिछले साल की तुलना में तिलहन और सरसों में 200 रुपये प्रति क्विंटल
मसूर पर 425 रुपये प्रति क्विंटल, गेंहू पर 150 रुपये, जौ पर 115 रुपये, चना 105 रुपये और सनफ्लोअर पर 150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया है.
क्या होता है न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)
दरअसल किसानों को फसलों का उचित दाम मिलने के लिए MSP की व्यवस्था शुरू की गई. इसके तहत सरकार फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय करती है, इसे न्यूनतम समर्थन मूल्य कहते हैं. इस व्यवस्था का फायदा यह है कि अगर कभी फसलों की बाजार कीमत गिर भी जाती है, तब भी केंद्र सरकार इस एमएसपी पर ही किसानों से फसल खरीदती है.
अब क्या रेट में खरीदी जाएगी रबी की फसल
गेंहू अब 2275 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी पर खरीदा जाएगा.
जौ 1850 रुपये प्रति क्विंटल
चना 5440 रुपये प्रति क्विंटल
मसूर 6425 रुपये प्रति क्विंटल
सरसों 5650 रुपये प्रति क्ंविटल
कुसुम 5880 रुपये प्रति क्विंटल
गेहूं रबी (सर्दियों) की मुख्य फसल है, जिसकी बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है, जबकि कटाई अप्रैल में होती है. एमएसपी किसानों के हितों की रक्षा के लिए सुनिश्चित की गई न्यूनतम दर है, जिससे नीचे सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा अनाज नहीं खरीदा जाता है.
चुनाव से पहले मोदी सरकार का दांव
पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से मोदी सरकार का यह कदम अहम माना जा रहा है. क्योंकि इनमें से तीन राज्य ऐसे हैं जहां गेंहू की पैदावार सबसे ज्यादा होती है. साल 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार द्वारा MSP में की गई यह सबसे बड़ी वृद्धि है. पीएम मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में गेहूं का एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया गया.