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खेल

जानें 3 क्रिकेटर्स के बारे में जिन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के लिए खेला है क्रिकेट

नई दिल्लीः भारत में 5 अक्टूबर से वनडे क्रिकेट ‘World Cup’ की शुरुआत हो चुकी है. भारत में 12 साल बाद वर्ल्ड कप होने जा रहा है ऐसे में पूरी दुनिया की नज़रें हम पर टिकी हुई हैं. उम्मीदों के इस सागर में जहां हर देश अपनी टीम के हाथ में ट्रॉफ़ी देखना चाहता है. वहीं भारत और पाकिस्तान के फ़ैंस ट्रॉफ़ी के साथ-साथ एक दूसरे को हारने की दुवाएं भी मांग रहे हैं. वैसे भी भारत और पाकिस्तान के बीच खेला जाने वाला हर मैच क्रिकेट का सबसे बड़ा मुक़ाबला माना जाता है. इसीलिए आज इतिहास को फिर से खंगालने की कोशिश करते हैं और क्रिकेट की कुछ पुरानी यादें ताज़ा करने की कोशिश करते हैं.

भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के लिए खेला है क्रिकेट

भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट इतिहास में कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हुए हैं, जिन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला है.क्रिकेट की दुनिया में बहुत सारे ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने एक नहीं बल्कि दो-दो देशों से इंटरनेशनल क्रिकेट खेला है. लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ क्रिकेटर ऐसे भी रहे हैं, जिन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की तरफ से इंटरनेशनल क्रिकेट खेला है. चलिए आज आपको बताते हैं उन्हीं क्रिकेटर्स के बारे में- ये कौन-कौन से क्रिकेटर्स हैं जिन्हें दोनों देशों के लिए क्रिकेट खेलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है.

1- अब्दुल हफ़ीज़ ‘कारदार’

लाहौर में जन्में हाफिज कारदार ने अपने करियर की शुरुआत पाकिस्तान के बनने से कई साल पहले भारतीय टीम के लिए की थी. वे 1946 में इंग्लैंड का दौरा करने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे.अब्दुल हफ़ीज़ ‘कारदार‘ (Abdul Hafeez Kardar) को पाकिस्तानी क्रिकेट का पितामह कहा जाता है. अब्दुल हफ़ीज़ ने 1952 से 1958 तक पाकिस्तान के लिए कुल 23 टेस्ट मैच खेले. इन सभी मैचों में उन्होंने पाकिस्तान टीम की कप्तानी की. अब्दुल हफ़ीज़ ने सन 1946 में अपना पहला मैच भारत के लिए खेला था. इस दौरान उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम में चुना गया था. अब्दुल हफ़ीज़ कारदार ने भारत के लिए 3 टेस्ट मैच खेले.हाफिज ने बाद में पाक की राजनीति में भी हाथ आजमाया और स्विट्जरलैंड में पाकिस्तान के राजदूत की जिम्मेदारी निभाई. इससे पहले वे 1972 से लेकर 1977 तक पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सेलेक्शन चेयरमैन भी रहे.

2- अमीर इलाही

पाकिस्तानी क्रिकेटर अमीर इलाही (Amir Elahi) भी भारत-पाकिस्तान दोनों देशों के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं. मीडियम पेसर के तौर पर क्रिकेट की शुरुआत करने वाले इलाही बाद में लेग ब्रेक गेंदबाज़ बन गए थे. आमिर इलाही ने भारत के लिए 1 टेस्ट मैच और पाकिस्तान के लिए 5 टेस्ट खेले थे. साल 1946-47 में पाकिस्तानी नागरिक बनने से ठीक पहले, उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से बड़ौदा को ‘रणजी चैंपियन’ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.भारत और पाकिस्तान का बंटवारा होने के बाद उन्होंने पाकिस्तान की तरफ से भारत के खिलाफ पांच टेस्ट खेले. उन्होंने करियर की सबसे खास पारी मद्रास में भारत के खिलाफ खेली थी. आखिरी विकेट के लिए उन्होंने जुल्फिकार अहमद के साथ 104 रन की पार्टनरशिप की थी. इसमें आमिर के 47 रन थे.

3- गुल मोहम्मद

8 मार्च 1947 का दिन था. आज के वडोदरा में ‘होल्कर और बड़ौदा’ के बीच रणजी ट्रॉफी का फ़ाइनल मैच चल रहा था. बड़ौदा का स्कोर 3 विकेट के नुकसान पर 91 रन था. गुल मोहम्मद (Gul Mohamm) मैदान पर उतरे और भारत के महान पूर्व बल्लेबाज़ विजय हजारे के साथ चौथे विकेट के लिए 577 रनों की शानदार साझेदारी की. इस दौरान गुल मोहम्मद ने 8 घंटे 53 मिनट तक बल्लेबाज़ी की और 319 रन बनाए. गुल मोहम्मद ने भारत के लिए 8 मैच और पाकिस्तान के लिए 1 टेस्ट मैच खेला था.1955 में पाकिस्तान की नागरिकता लेने के बाद उन्हें एक मैच पाकिस्तान की तरफ से खेलने का मौका मिला. बाद में गुल क्रिकेट प्रशासन में शामिल हुए और 1987 तक लाहौर स्थित गद्दाफी स्टेडियम के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर रहे.

बता दें कि अनिल दलपत और दानिश कनेरिया दो ऐसे हिंदू क्रिकेटर रहे जिन्होंने पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेला. अनिल दलपत पाकिस्तान के लिए खेलने वाले पहले हिंदू क्रिकेटर थे.

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