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जीएसटी परिषद करेगी चर्चा क्षतिपूर्ति उपकर के बारे में


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नई दिल्ली – माल एवं सेवा कर (GST) परिषद मार्च, 2026 के बाद विलासिता वाली और वस्तुओं पर क्षतिपूर्ति उपकर लगाकर जमा किए गए राजस्व के बंटवारे पर चर्चा करेगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कोविड महामारी के दौरान राज्यों को हुए राजस्व हानि की भरपाई के लिए केंद्र ने जो कर्ज लिया था, उसे चुकाने की समयसीमा मार्च 2026 है।

पांच वर्षों के लिए क्षतिपूर्ति उपकर

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के बाद राज्यों के राजस्व में कमी को पूरा करने के लिए शुरू में पांच वर्षों के लिए क्षतिपूर्ति उपकर लाया गया था। क्षतिपूर्ति उपकर जून 2022 में समाप्त हो गया, लेकिन इसके जरिये जमा की गई राशि का इस्तेमाल 2.69 लाख करोड़ रुपये के मूलधन और ब्याज को चुकाने के लिए किया जा रहा है, जो केंद्र ने कोविड के दौरान कर्ज लिया था।

जीएसटी ले सकती है फैसला

जीएसटी परिषद को अब इसके नाम और राज्यों के बीच इसके वितरण के तौर-तरीकों के संबंध में ‘जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर’ के मुद्दे पर निर्णय लेना है। जीएसटी परिषद की सात अक्टूबर को हुई 52वीं बैठक में कुछ राज्यों ने यह मुद्दा उठाया था। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर खाते के तहत जुटाए गए कर का मुद्दा कर्नाटक ने उठाया।उन्होंने कहा, ‘मार्च 2026 के बाद उपकर राशि का क्या होगा! जब कोई मुआवजा नहीं है, तो आप उपकर राशि का क्या करेंगे! क्या उपकर होगा या किसी दूसरे नाम से उपकर होगा। क्या यह किसी दूसरे मकसद के लिए होगा। आप इसका बंटवारा कैसे करेंगे, क्या इसका आधार 2015-16 वित्त वर्ष होगा या कोई नई तारीख होगी! इस पर परिषद की सर्वसम्मति यह थी कि यदि आप इसके बारे में बात करने जा रहे हैं, तो हमें एक नए वित्त वर्ष (आधार वर्ष) के बारे में बात करनी चाहिए।

52वीं बैठक जीएसटी परिषद की

जीएसटी परिषद को अब इसके नाम और राज्यों के बीच इसके वितरण के तौर-तरीकों के संबंध में ‘जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर’ के मुद्दे पर निर्णय लेना है। जीएसटी परिषद की सात अक्टूबर को हुई 52वीं बैठक में कुछ राज्यों ने यह मुद्दा उठाया था। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टी एस सिंह देव ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर खाते के तहत जुटाए गए कर का मुद्दा कर्नाटक ने उठाया।

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