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सिक्किम में कुदरत का कहर,बाढ़ में 23 जवान हुए लापता


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नई दिल्लीः सिक्किम में बादल फटने के बाद तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने की वजह से 23 जवान लापता हो गए। डिफेंस PRO के मुताबिक, ल्होनक झील के ऊपर मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे के आसपास बादल फटा, इसके बाद लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई।नदी से लगे इलाके में ही सेना का कैंप था, जो बाढ़ की चपेट में आने के बाद बह गया। गुवाहाटी के डिफेंस PRO ने बताया- अचानक पानी बढ़ने के कारण चुंगथांग बांध से पानी छोड़ना पड़ा। इसके बाद निचले इलाके भी डूबने लगे हैं। यहां सिंगताम के पास बारदांग में खड़े सेना के 41 वाहन डूब गए।प्रशासन ने आसपास लोगों से सतर्क रहने के लिए करा गया है. तलाशी अभियान जारी है. हादसे में घाटी में कुछ सैन्य प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं.

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

गुवाहाटी के डिफेंस PRO ने बताया कि हादसे के बाद सेना के लापता जवानों की तलाशी के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। स्थानीय प्रशासन भी अपने स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। हालांकि जानमाल के नुकसान को लेकर कोई जानकारी अभी सामने नहीं आई है।बीजेपी नेता उग्येन शेरिंग ग्यात्सो भूटिया ने बताया, “सरकारी तंत्र को लगाकर लोगों की जान बचाई जा रही है जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है. किसी जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है लेकिन सिंगतम में सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है. कुछ लोगों के गुमशुदा होने की सूचना है जिन्हें ढूंढने की कोशिश चल रही है.”

सेना के वाहन भी डूबे

सुबह पहले 23 जवानों के लापता होने की खबर आई थी. अब 30 जवान लापता बताए जा रहे हैं. गुवाहाटी में रक्षा PRO ने सुबह कहा था, ‘सिक्किम के उत्तर में ल्होनक झील पर अचानक बाढ़ आ गई. 23 जवान लापता हैं. चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नीचे की ओर 15-20 फीट की ऊंचाई तक जल स्तर अचानक बढ़ गया. इससे सिंगताम के पास बारदांग में खड़े सेना के वाहन प्रभावित हो गए. सेना के 23 जवानों के लापता होने और 41 गाड़ियों के कीचड़ में डूबे होने की खबर है.’

16 जून को भी बादल फटा था

इससे पहले सिक्किम में 16 जून को भी बादल फटा था। यहां के पेक्योन्ग में जमीन खिसकने और फिर बादल फटने से घरों में पानी भर गया था। कई लोग इससे प्रभावित हुए थे।

तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई

रक्षा पीआरओ के मुताबिक, उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर अचानक बादल फटने से लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई। घाटी में कुछ सैन्य प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं। अधिक जानकारी जुटाने के प्रयास जारी हैं। फिलहाल 23 कर्मियों के लापता होने की सूचना है और कुछ वाहनों के कीचड़ में डूबे होने की खबर है।

15-20 फीट की ऊंचाई तक जल स्तर अचानक बढ़ा

रक्षा पीआरओ के मुताबिक, चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नीचे की ओर 15-20 फीट की ऊंचाई तक जल स्तर अचानक बढ़ गया। इसके कारण सिंगताम के पास बारदांग में खड़े सेना के वाहन प्रभावित हुए।सेना के मुताबिक, बादल फटने की घटना के बाद तीस्ता नदी का जलस्तर अचानक 15 से 20 फिट तक बढ़ गया। इसके बाद नदी से लगे आसपास के इलाकों में पानी भर गया। कई घरों में भी नदी का पानी घुस आया। लोग घर छोड़कर सुरक्षित इलाकों में चले गए।

जब थराली के सोल क्षेत्र में देर रात फटा बादल

इससे पहले 18 अगस्त को उत्तराखंड में चमोली के थराली क्षेत्र में भारी बारिश के बाद बादल फटने की घटना सामने आई थी. बादल फटने के बाद प्राणमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बहने लगा था और पिंडर नदी भी उफान पर आ गई थी. नदियों का पानी लोगों के घरों और शिव मंदिर में घुस गया था. इससे भारी नुकसान हुआ था. कई घर क्षतिग्रस्त हो गए थे.

नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में आज और कल भारी बारिश का अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग ने 4 और 5 अक्टूबर के लिए पूर्वी और नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा शामिल हैं

मुख्यमंत्री ने लिया हालात का जायजा

इस बीच मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने सिंगताम में स्थिति का जायजा लिया। वहं भाजपा नेता उग्येन शेरिंग ग्यात्सो भूटिया ने कहा कि सिंगताम में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन सार्वजनिक संपत्तियों को भारी क्षति हुई है। कुछ लोगों के लापता होने की भी जानकारी है। उन्हें ढूंढने की कोशिशें जारी हैं।

इस साल बादल फटने की हुई 4 बड़ी घटनाएं

24 अगस्त: हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटा था। जिसमें 51 लोग फंस गए थे। NDRF की टीम ने सभी को सुरक्षित बचा लिया था। बद्दी जिले में बारिश के चलते बालद नदी में उफान आने से पुल दो हिस्सों में टूट गया था। वहीं पंडोह में मलबे की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि एक स्कूल की बिल्डिंग नाले में बह गई थी।

9 अगस्त: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में बादल फटा, जिसके कारण सिरमौरी ताल गांव में फ्लैश फ्लड से एक मकान ढह गया था। इसकी चपेट में एक ही परिवार के 5 लोग आए थे। इनमें दो बच्चे भी शामिल थे। दो लोगों के शव बरामद कर लिए गए थे।

22 जुलाई: शिमला में बादल फटने के चलते आई बाढ़ में कई गाड़ियां बह गई थीं। वहीं काफी घर क्षतिग्रस्त हुए थे। हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं थी। हालांकि बारिश के चलते चंबा-पठानकोट NH पर लैंडस्लाइड होने से हाईवे बंद हो गया था।

25 जुलाई: हिमाचल के शिमला जिले के रामपुर में बादल फटने से भारी तबाही हुई। रामपुर ब्लॉक की सरतारा पंचायत के कंदार गांव में बादल फटने से प्राथमिक पाठशाला, युवक मंडल सहित लोगों के 6 मकान ढह गए। डेढ़ दर्जन से ज्यादा पालतू मवेशी बाढ़ में बह गए। कई घरों में पानी घुस गया और आधा दर्जन गाड़ियों को भी इससे नुकसान हुआ था।

जुलाई में दो घटनाएं, नौसेना के 3 अफसर और आर्मी के दो जवान बहे

इससे पहले 20 जुलाई को हिमाचल के कुल्लु में 4 जगह बादल फटने की घटनाएं हुईं। जिसमें कई लोग बाढ़ में बह गए थे। इसमें मनाली घूमने आए भारतीय नौसेना के तीन अफसर भी शामिल थे। वहीं, 9 जुलाई को जम्मू के पुंछ जिले में बाढ़ में सेना के 2 जवान बह गए थे। दोनों जवानों के शव बरामद किए गए थे

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