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राजनीति

बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन को आया हार्ट अटैक,मुंबई के लीलावती अस्पताल में हुए भर्ती


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नई दिल्लीः बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता शाहनवाज हुसैन को मुंबई में दिल दौरा पड़ा है. उन्‍हें इलाज के लिए मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जानकारी के मुताबिक कल शाम 4.30 बजे शाहनवाज हुसैन को सीने में दर्द की तकलीफ होने के बाद लीलावती अस्पताल ले जाया गया था. ECG जांच के दौरान पता चला कि उन्‍हें हार्ट अटैक आया है. फिलहाल उनकी हालत ठीक बताई जा रही है. वो इस वक्‍त आईसीयू में एडमिट हैं. न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने अस्‍पताल के जलील पार्क से बात की. उन्‍होंने बताया कि हार्ट अटैक के बाद शाहनवाज हुसैन को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी एंजियोप्लास्टी की गई है.हालांकि, डॉक्टरों की ओर से अभी भी आधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता

शाहनवाज हुसैन भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. वो बीजेपी की सेंट्रल इलेक्‍शन कमेटी के सदस्‍य भी हैं. वो अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सिविल एविएशन मंत्री और कपड़ा मंत्री भी रह चुके हैं. वो 9 फरवरी 2021 से 9 अगस्त 2022 तक बिहार सरकार के उद्योग मंत्री भी रहे हैं.शाहनवाज हुसैन का जन्म 12 दिसंबर 1968 को बिहार के सुपौल में हुआ था, उन्होंने पटना और दिल्ली से पढ़ाई की. शाहनवाज हुसैन ने इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है।उन्होंने विलियम्स हाई स्कूल, सुपौल से अपने उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी की.शाहनवाज हुसैन ने एक हिंदू ब्राह्मण महिला रेनू शर्मा से शादी की. दोनों के दो बेटे भी हैं. वह तीन बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं. साल 1999 में वो पहली बार लोकसभा चुनाव जीते. इसके बाद 2006 में भागलपुर में उपचुनाव के दौरान वो जीतकर आए. साल 2009 लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्‍होंने जीत दर्ज की थी.शाहनवाज हुसैन को कर्मठ मंत्री के रूप में जाना जाता है। वे बीजेपी से लंबे समय से जुड़े रहे हैं। बिहार में उद्योग मंत्री रहते उन्होंने कई प्रोजेक्ट को बिहार लाने की कोशिश की।वह तीन बार लोकसभा सांसद (1999, 2006, 2009) और एक बार विधान परिषद सदस्य (2021 वर्त मान ) रह चुके हैं।

शाहनवाज का इलाज

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शाहनवाज हुसैन का इलाज जारी है। उन्हें प्रसिद्ध डॉक्टर जलील पार्कर की निगरानी में रखा गया है। उनकी एंजियोप्लास्टी की गई है। उसके बाद शाहनवाज की स्थिति में सुधार देखा गया है। उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया है। चिकित्सकों की एक डेडिकेटेड टीम उनकी हालत पर नजर बनाए हुए है। शाहनवाज हुसैन बीजेपी के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं। बिहार में उद्योग मंत्री बनने के बाद उन्होंने कई परिवर्तन किए। उद्योग विभाग में उन्होंने क्रांति लाई। इथेनॉल फैक्ट्री से लेकर देश-विदेश के निवेशकों से मुलाकात की। वे फिलहाल बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं।

आईसीयू में शिफ्ट हुए शाहनवाज

ध्यान रहे कि शाहनवाज हुसैन को हाल के दिनों में स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने के बाद दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। शाहनवाज हुसैन को वहां डॉक्टरों ने देखा। उसके बाद उन्हें पूरी तरह रेस्ट करने की सलाह दी थी। हालांकि, शाहनवाज हुसैन लगातार पार्टी में एक्टिव थे। अभी हाल में उन्होंने भागलपुर का दौरा किया था। मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती शाहनवाज का इलाज कर रहे डॉक्टर ने जानकारी दी है कि दिल का दौरा पड़ने की वजह से उन्हें एडमिट किया गया है। उनकी एंजियोप्लास्टी कर दी गई है। हुसैन को अभी आईसीयू में शिफ्ट कर दिया है। वहीं उनकी देखरेख की जा रही है। उनका इलाज चल रहा है.

डॉक्टरों ने कहा

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक डॉ पारकर ने कहा, ‘‘ करीब साढ़े चार बजे हुसैन ने उच्च हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत की. मुंबई बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार ने लीलावती अस्पताल में भर्ती कराये जाने के लिए मुझे कॉल किया जहां हुसैन में दिल का दौरा पड़ने की बात सामने आयी. हृदय चिकित्सक सुरेश विजान ने उनकी एंजियोप्लास्टी की.’’उन्होंने आगे कहा, ”डा. सुरेश विजान को आगे की जांच के लिए बुलाया गया. डा. विजान ने एंजियोग्राफी की जिसमें हृदय के दाहिने हिस्से में रूकावट नजर आयी. उसके बाद हुसैन की तत्काल एंजियोप्लास्टी करने का फैसला किया गया.”





2014 में हार गए थे चुनाव

2014 के चुनाव में जहां बीजेपी ने मोदी लहर में बड़ी जीत दर्ज की। शाहनवाज हुसैन चुनाव हार गए। 2006 में वे उपचुनाव के जरिए संसद पहुंचे थे। 2014 में उनकी हार के बाद पार्टी ने उन पर ध्यान देना बंद किया। हालांकि, इस दौरान भी वे समर्पण के साथ पार्टी की सेवा करते रहे। 2019 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया। शाहनवाज हुसैन की सीट जेडीयू के साथ बंटवारे में चली गई। उस समय नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा थे। 2020 में पार्टी ने उन पर विश्वास जताते हुए उन्हें विधान परिषद भेजा। शाहनवाज हुसैन मंत्री भी बने। उन्हें नीतीश कुमार की सरकार में काम करने का मौका मिला। उसके कुछ ही दिन बाद नीतीश कुमार ने सरकार आरजेडी के साथ बना ली। शाहनवाज हुसैन इन दिनों विधान परिषद में पार्टी के मुद्दे उठाते हैं। फिलहाल, पूरे बिहार का दौरा करते हैं। नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर रहते हैं।

हुसैन ने ओवैसी पर साधा था निशाना

बीती 19 सितंबर को प्रयागराज में शाहनवाज हुसैन ने असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा था कि जो मुसलमान अपने देश से प्यार ना करे, वह सच्चा मुसलमान नहीं हो सकता. भारत के मुस्लिमों के लिए ओवैसी नहीं बल्कि एपीजे अब्दुल कलाम आदर्श हो सकते हैं. उन्होंने कहा था, “इस देश को और सबसे ज्यादा मुसलमानों का किसी शब्द ने नुकसान किया है, तो वह है सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) शब्द. यह (सेक्युलर) ऐसा फेविकोल है, जिसे विपक्षी कहीं भी चिपका देते हैं. मुस्लिमों को वोट बैंक बनाकर पिछले 75 सालों से डरा रहे हैं. यूपी और बिहार में धर्मनिरपेक्षता की दुकान अब बंद होने वाली है.”

मुंबई पहुंचे थे शाहनवाज

शाहनवाज हुसैन मुंबई दौरे पर पहुंचे थे। वे बांद्रा के विधायक और बीजेपी मुंबई के अध्यक्ष आशीष शेलार के घर पर गये थे। वहां मुलाकात चल रही थी। दोनों नेता बातचीत कर रहे थे। उसी दौरान शाहनवाज हुसैन को कुछ परेशानी महसूस हुई। उसके बाद जब दिक्कत बढ़ गई तो बीजेपी के स्थानीय नेता ने शाहनवाज हुसैन को लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया। उसके बाद उसका इलाज शुरू हुआ। फिलहाल, शाहनवाज की स्थिति को स्थिर बताया जा रहा है।

2020 में बने एमएलसी

बिहार में 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शाहनवाज हुसैन को विधान परिषद चुनाव के लिए मैदान में उतारा था. शाहनवाज हुसैन जीत हासिल करने में सफल रहे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें उद्योग मंत्री बनाया था. हालांकि, 2022 में बीजेपी को उस समय तगड़ा झटका लगा जब नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने एनडीए से रिश्ता तोड़ आरजेडी के साथ सरकार बना ली.

शाहनवाज का गृह राज्य बिहार

बिहार में जेडीयू और एनडीए के बीच गठबंधन खत्म हो जाने के बाद शाहनवाज हुसैन के हाथ साथ से उद्योग मंत्रालय भी चला गया. कभी सत्ता के साथ दम भरने वाले शाहनवाज हुसैन अब बिहार विधान परिषद में विपक्ष की भूमिका में नजर आते हैं. बिहार शाहनवाज हुसैन का गृह राज्य है और सुपौल उनका गृह जिला है.बता दें कि शाहनवाज हुसैन की गिनती बीजेपी के दिग्गज नेताओं में होती है. उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सबसे कम उम्र के केंद्रीय मंत्री के रूप में अपनी पहचान बनाई थी. पिछले कुछ सालों में उन्हें राज्य की राजनीति में वापस भेज दिया गया है. शहनवाज हुसैन फिलाहल बिहार बिधान परिषद के सदस्य हैं.

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