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दिग्गज राइटर प्रयाग राज ने दुनिया को कहा अलविदा


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मुंबई – सिनेमाजगत से बेहद दुखद खबर सामने आ रही है। अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘कुली’ और ‘नसीब’ के राइटर प्रयाग राज का आज निधन हो गया।1970 से 1990 के दशक में हिंदी फिल्मों के सबसे सफल लेखकों में शामिल प्रयाग राज का आज मुंबई में शाम को चार बजे निधन हो गया. इंडस्ट्री में वह लंबे समय तक बड़ा नाम रहे. उन्होंने राइटिंग के साथ एक्टिंग, डायरेक्शन, गायन से लेकर गीत लिखने तक में हाथ आजमाया.

दिग्गज राइटर के निधन से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है। फैंस को भी प्रयाग राज के निधन से दुख पहुंचा है। सभी उनके निधन पर शोक जता रहे है।वह कुछ अंतरराष्ट्रीय फिल्मों का भी हिस्सा थे. लेकिन उनकी सबसे खास पहचान अमिताभ बच्चन की कुछ बेहद कामयाब फिल्मों के कहानीकार और स्क्रिप्ट राइटर में रही. उनका जन्म इलाहाबाद में हुआ था. उनका नाम अपने शहर पर ही रखा गया था. उनके पिता राम दास आजाद अपने समय के प्रसिद्ध कवि थे. जब वह छोटे थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई, और तब उन्होंने परिवार को आर्थिक सहारा देने के लिए काम करना शुरू कर दिया. वह मुंबई में पृथ्वी थिएटर्स के लिए काम करते थे और साथ ही पढ़ाई करते थे.

दिग्गज राइटर प्रयाग राज ने 1970 से 1990 के दशक में कई शानदार हिंदी फिल्में दी है। राइटिंग के साथ प्रयाग राज ने एक्टिंग, डायरेक्शन, गायन से लेकर गीत लिखने तक में भी अपना जलवा दिखाया है। साथ ही वो कई अंतरराष्ट्रीय फिल्मों का भी हिस्सा रहे हैं। हालांकि उन्हें सबसे ज्यादा पहचान महानायक यानी अमिताभ बच्चन की फिल्मों की कहानियों से मिली है।

बता दें कि प्रयाग राज का जन्म इलाहाबाद में हुआ था। राइटर का नाम उनके शहर के नाम पर रखा गया था। फैंस को उनकी फिल्मों की कहानी बेहद पसंद आती है। दर्शक उनकी फिल्मों को खूब प्यार देते हैं और सराहते है। जब प्रयाग छोटे थे तो उनके पिता ने दुनिया को अलिवदा कह दिया। इसके बाद अपने परिवार की मदद करने के लिए उन्होंने काम करना शुरू किया और इसके लिए वो मुंबई में पृथ्वी थिएटर्स में काम करने लगे। हालांकि इसके साथ-साथ वो पढ़ाई भी करते रहे।

पृथ्वी थिएटर के बाद प्रयाग राज को लेखन का पहला काम 1963 में आई फिल्म फूल बने अंगारे में मिला. लेखक के रूप में उन्होंने 35 से ज्यादा फिल्में लिखीं. जिनमें अमिताभ बच्चन की अजूबा, गंगा जमुना सरस्वती, मर्द, गिरफ्तार, कुली, नसीब, सुहाग, अमर अकबर एंथोनी जैसी फिल्में शामिल हैं. इनमें से वह ज्यादातर के स्टोरीराइटर रहे. मुख्य रूप से उन्होंने प्रसिद्ध निर्देशक मनमोहन देसाई की फिल्में लिखी. अमिताभ बच्चन, कमल हासन और रजनीकांत स्टारर फिल्म गिरफ्तार का निर्देशन प्रयाग राज ने किया था.

अमिताभ स्टारर फिल्म कुली के निर्देशक भी वही थे, मगर उनके नाम पर डिस्ट्रीब्यूटर कम कीमत दे रहे थे। तब मनमोहन देसाई ने अपना भी नाम निर्देशक में जोड़ा। इसके बावजूद देसाई ने इतना जरूर किया कि कुली में पर्दे पर अपना नाम प्रयाग राज के बाद रखा. बतौर निर्देशक अपनी पहली फिल्म कुंदन प्रयाग राज ने शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर बनाई थी. इसके बाद पाप और पुण्य, पोंगा पंडित, चोर सिपाही जैसी फिल्में भी डायरेक्ट की. निर्देशक के रूप में उन्हें ज्यादा कामयाबी नहीं मिल सकी.

प्रयाग राज ने फिल्म ‘अमर अकबर एंथनी’ से अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की थी। उन्होंने ‘धरमवीर’, ‘परवरिश’, ‘सुहाग’, ‘देश प्रेमी’, ‘कुली’, ‘गिरफ्तार’ और ‘मर्द’ जैसी कई शानदार फिल्में दी है। दर्शको को उनकी फिल्मों की कहानी बेहद पसंद आती थी और सभी उनकी खूब तारीफ भी करते थे।

प्रयाग राज की पहचान कथा लेखक के साथ पटकथा लेखक की भी थी. उन्होंने 1983 में लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के संगीत निर्देशन में फिल्म कुली का गाना एक्सीडेंट हो गया… भी गाया. इस गाने में उनके साथ आशा भोसले और शब्बीर कुमार भी थे. यह जानकारी आपको रोचक लगेगी कि शम्मी कपूर की सुपरहिट फिल्म जंगली के प्रसिद्ध गाने ‘चाहे कोई मुझे जंगली कहे…’ के शुरुआत में आने वाला नोट ‘याहू’ प्रयाग राज की आवाज में है. उन्होंने फिल्म मर्द (1985) और अल्लाह रक्खा (1986) फिल्मों में संगीत निर्देशक अनु मलिक के साथ गीतकार के रूप में भी काम किया.

बता दें कि सिर्फ अमिताभ बच्चन ही नहीं बल्कि वो कमल हासन और रजनीकांत स्टारर फिल्म ‘गिरफ्तार’ के भी निर्देशक रह चुके है। उनके निधन से हर कोई दुखी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रयाग राज का अंतिम संस्कार रविवार सुबह 10 बजे शिवाजी पार्क श्मशान भूमि में किया जाएगा।

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