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आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद FBI ने अमेरिका में खालिस्तानियों को किया अलर्ट


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नई दिल्लीः अमेरिकी सिख कॉकस समिति के समन्वयक और एक राजनीतिक कारकर्ता प्रीतपाल सिंह ने बताया कि उनकी और अन्य दो अमेरिकी सिखों की मुलाकात एफबाआई के अधिकारियों से हुई। कैलिफोर्निया स्थित गैर-लाभकारी ग्रुप इन्साफ (Ensaaf) के सह-निदेशक सुखमन धामी ने कहा कि पूरे अमेरिका में सिखों को संभावित खतरों के बारे में पुलिस के जरिए चेतावनी मिली है।

खालिस्तानियों को प्रश्रय देने के कारण कनाडा से भारत के रिश्ते तल्ख़ चल रहे हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ बता दिया, जिसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिक को देश से निकाला। हरदीप सिंह निज्जर कई आतंकी घटनाओं में शामिल रहा था। अब ‘The Intercept’ की एक रिपोर्ट से पता चला है कि अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी FBI के अधिकारियों ने अमेरिका में रह रहे खालिस्तानियों से मुलाकात कर के उन्हें चेताया था कि उनका जीवन खतरे में है।

हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद ‘फ़ेडरल इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो’ के अधिकारियों ने इन खालिस्तानी आतंकियों से मुलाकात की थी। हरदीप सिंह निज्जर ‘खालिस्तानी टाइगर फ़ोर्स (KTF)’ नामक एक संगठन चलाता था। कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया स्थित सरे में एक गुरुद्वारा के बाहर 18 जून, 2023 को उसे अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया था। ‘अमेरिकन सिख कोकस कमिटी’ के कोऑर्डिनेटर प्रीतपाल सिंह ने बताया कि कैलिफोर्निया में 2 अन्य अमेरिकी सिखों को फोन कॉल कर के और उनके घर जाकर उनसे मुलाकात कर के FBI ने चेताया था। उनकी हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद पैदा हो गया. इसके बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को इस मामले में नई दिल्ली की संलिप्तता का आरोप लगाया.

उन्होंने बताया, “जून 2023 के अंत में FBI के 2 अधिकारियों ने मुझसे मुलाकात की थी। उन्होंने मुझे चेताया कि मेरे जीवन को खतरा है। हालाँकि, उन्होंने ये स्पष्ट नहीं बताया कि ये खतरा किधर से है। लेकिन, उन्होंने ये सलाह ज़रूर दी कि मुझे सावधान रहना चाहिए।” 2 अन्य अमेरिकी सिखों ने भी कुछ ऐसा ही बताया। हालाँकि, अमेरिका या उसकी ख़ुफ़िया एजेंसी की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। ‘ब्रिटिश कोलंबिया गुरुद्वारा काउंसिल’ के प्रवक्ता मोनिंदर सिंह ने बताया कि कनाडा की ख़ुफ़िया एजेंसी ने भी उन्हें चेतावनी दी थी।

खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर उठे विवाद के बाद भारत और कनाडा के बीच रिश्ते ठीक नहीं है. द इंटरसेप्ट की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों के बीच बढ़ते राजनयिक गतिरोध के बीच संघीय जांच ब्यूरो (FBI) के एजेंटों ने अमेरिका में खालिस्तानी तत्वों से मुलाकात की और उन्हें चेतावनी दी थी कि उनकी जान को खतरा हो सकता है.कनाडा के सर्रे में कुछ दिनों पहले खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर (Khalistani terrorist Hardeep Singh Nijjar) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हरदीप सिंह निज्जर की मौत को लेकर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने भारत के खिलाफ टिप्पणी की, जिसके बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्ते बिगड़ गए।

वहीं, अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई (Federal Bureau of Investigation) ने अमेरिका में मौजूद कई सिख नेताओं से मुलाकात की और उन्हें चेतावनी दी कि उनकी जान को भी खतरा है।प्रीतपाल सिंह ने कहा कि उन्होंने हमें स्पष्ट रूप से ये नहीं बताया कि खतरा कहां से आ रहा है, लेकिन उन्होंने कहा कि मुझे सावधान रहना चाहिए. FBI एजेंटो ने जून में ही दो अन्य सिख अमेरिकियों से मुलाकात की थी. हालांकि, उनका नाम गुप्त रखा गया है. वहीं ब्रिटिश कोलंबिया गुरुद्वारा काउंसिल के प्रवक्ता मोनिंदर सिंह को भी चेतावनी दी गई थी.अमेरिकी सिख कॉकस समिति के समन्वयक और एक राजनीतिक कारकर्ता प्रीतपाल सिंह ने बताया कि उनकी और अन्य दो अमेरिकी सिखों की मुलाकात एफबाआई के अधिकारियों से हुई। कैलिफोर्निया स्थित गैर-लाभकारी ग्रुप, इन्साफ (Ensaaf) के सह-निदेशक सुखमन धामी ने कहा कि पूरे अमेरिका में सिखों को संभावित खतरों के बारे में पुलिस के जरिए चेतावनी मिली है।

बता दें कि कनाडाई नागरिक और सिख अलगाववादी निज्जर की हत्या में भारतीय खुफिया और राज्य की संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोप पर भारत और कनाडा एक राजनयिक विवाद में उलझ गए हैं। निज्जर को 2020 में भारत द्वारा नामित आतंकवादी घोषित किया गया था.भारत ने कनाडा के आरोपों को बेतुका और प्रेरित कहकर खारिज कर दिया. इस मामले में ओटावा के तरफ से एक भारतीय अधिकारी को हटाने के जवाब में भारत ने एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया. भारत ने कनाडा सरकार के दावों को बेतुका करार दिया है।

मोनिंदर सिंह ने कहा, ‘उन्होंने हमें बताया कि हमारी हत्या का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन उन्होंने विशेष रूप से यह नहीं कहा कि खतरा भारतीय खुफिया एजेंसी से था या उन्होंने हमें यह बताने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं दी कि यह कहां से आ रहा था.’ मोनिंदर सिंह के अनुसार, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस के एजेंटों ने निज्जर को उसकी जान को खतरे के बारे में चेतावनी देते हुए आगाह कर दिया था. कैलिफोर्निया स्थित एनजीओ इन्साफ के सह-निदेशक सुखमन धामी ने ‘द इंटरसेप्ट’ को बताया, ‘हमें यह भी संदेश मिले हैं कि सिख समुदाय के कुछ नेताओं से एफबीआई के एजेंट मिले थे और उन्हें चेतावनी दी कि वे टारगेट पर हो सकते हैं.’

FBI ने कैलिफोर्निया स्थित खालिस्तानियों से मुलाकात की थी। कैलिफोर्निया के NGO ‘इंसाफ’ के को-डायरेक्टर सुखमन धामी ने बताया कि पूरे देश भर में कई सिखों को पुलिस ने खतरे को लेकर आगाह किया था। बताया जा रहा है कि ‘5 Eye’ पार्टनर अमेरिका, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूके और ऑस्ट्रलिया ने इस संबंध में आपस में ख़ुफ़िया सूचनाओं का आदान-प्रदान किया था। वहीं कनाडा की खुफिया एजेंसी ने निज्जर की हत्या से पहले ही कुछ सिख कट्टरपंथी नेताओं से मुलाकात कर के कहा था कि उन्हें खतरा है।

बता दें कि ‘5 Eyes’ इन 5 देशों का ख़ुफ़िया गठबंधन है। इसके तहत ये एक-दूसरे के साथ इंटेलिजेंस की सूचनाएँ साझा करते हैं। इसका इतिहास द्वितीय विश्व युद्ध तक जाता है, जब अमेरिका के युद्ध में घुसने से पहले यूके के साथ उसकी ख़ुफ़िया बैठकें होती थीं। यूके के प्रधानमंत्री रहे विंस्टन चर्चिल ने सोवियत से अंग्रेजी भाषी देशों को खतरा जताया था और ऐसे गठबंधन की ज़रूरत बताई थी। पाँचों देशों की कई ख़ुफ़िया एजेंसियाँ इसके तहत साथ काम करती हैं।

गृह मंत्रालय (MHA) ने जुलाई 2020 में हरदीप सिंह निज्जर को UAPA के तहत आतंकवादी घोषित किया था और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उसके लिए 10 लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की थी. केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस खालिस्तानी आतंकवादी के खिलाफ मोहाली की अदालत में आरोप पत्र भी दायर किया था. एनआईए ने कल सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के अमेरिका स्थित प्रमुख खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की चंडीगढ़ और अमृतसर में दो संपत्तियों और 45 कनाल कृषि भूमि को जब्त कर लिया. पन्नू गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 51ए के तहत एक नामित आतंकवादी है.

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