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नसीरुद्दीन शाह ने फिल्म गदर 2 और कश्मीर फाइल’ की सफलता पर की ये टिप्प्णी

मुंबई –नसीरुद्दीन शाह देश के सबसे बेहतरीन एक्टर्स में से एक हैं.भारत के बेहतरीन अभिनेताओं में से एक दिग्गज एक्टर नसीरुद्दीन शाह अक्सर किसी न किसी बात और अपनी बेबाक बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं। उन्होंने चमाम फिल्मों में अपनी दमदार एक्टिंग का लोहा मनवाया है. इसके अलावा नसीरुद्दीन शाह हमेशा बेबाक राय रखने के लिए भी जाने जाते हैं.अपने हालिया साक्षात्कार में उन्होंने अपने निर्देशन में बनी फिल्म मैन वुमन मैन वुमन का प्रचार करते हुए मौजूदा समय में बन रही फिल्मों पर खुलकर बात की। इस दौरान उन्होंने गदर 2 से लेकर द कश्मीर फाइल्स तक की जमकर आलोचना की।

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हाल ही में हुए एक इंटरव्यू में अभिनेता ने कुछ ऐसा बोल दिया है कि वो एक बार फिर चर्चाओं में आ गए हैं। एक्टर ने अपने निर्देशन में बनी फिल्म ‘मैन वुमन मैन वुमन’ का प्रचार करते हुए इन दिनों बन रही फिल्मों के बारे में अपनी राय देते हुए गदर 2 से लेकर द कश्मीर फाइल्स की जमकर आलोचना की। एक्टर ने सवाल खड़ा किया कि- ‘यह परेशान करने वाली बात है कि कश्मीर फाइल्स और गदर 2 जैसी फिल्में इतनी फेमस हो रही हैं।’

नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में फ्री प्रेस जर्नल को दिए एक इंटरव्यू में नसीरुद्दीन ने बॉलीवुड में फिल्म मेकिंग के बदलते ट्रेंड के बारे में बात की थी. एक्टर ने कहा कि फिल्में जितनी ज्यादा कट्टरपंथियों वाली होती हैं, उतनी ही वे पॉपुलर होती हैं. उन्होंने कहा, “अपने देश से प्यार करना ही काफी नहीं है बल्कि इसके बारे में ढोल पीटना काफी नहीं है और आपको काल्पनिक दुश्मन भी बनाने होंगे. इन लोगों को यह एहसास नहीं है कि वे जो कर रहे हैं वह बहुत नुकसानदायक है. ”

इंटरव्यू के दौरान जब एक्टर से सवाल पूछा गया कि, क्या बॉलीवुड फिल्मों को बनाने का मकसद बदल गया है? इस सवाल का जवाब देते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा, ‘हां, अब आप जितने अधिक अंधराष्ट्रवादी होंगे, आप उतने ही अधिक लोकप्रिय होंगे, क्योंकि यही इस देश पर शासन कर रहा है। अपने देश से प्यार करना ही काफी नहीं है बल्कि इसके बारे में ढोल पीटना और काल्पनिक दुश्मन भी पैदा करना होगा। इन लोगों को यह एहसास नहीं है कि वे जो कर रहे हैं वह बहुत हानिकारक है।’

‘द कश्मीर फाइल्स’, ‘द केरल स्टोरी’ और ‘गदर 2’ जैसी फिल्मों ने पैसों के साथ खूब लोकप्रियता भी बटोरी, लेकिन एक दिग्गज एक्टर को यह बात परेशान कर रही है कि जिन फिल्मों को वे प्रोपेगैंडा और मुस्लिमों के खिलाफ साजिश के तौर पर देख रहे थे, वे समाज के एक बड़े तबके के बीच काफी मशहूर हैं.

नसीरुद्दीन शाह बात जारी रखते हुए कहते हैं, ‘सौ साल बाद, लोग ‘भीड़’ और ‘गदर 2’ देखेंगे और जानेंगे कि कौन सी फिल्म हमारे समय की सच्चाई को बयां करती है,क्योंकि फिल्म ही एकमात्र जरिया है जो ऐसा कर सकती है. जीवन को वैसे ही पकड़ना कठिन है जैसा वह है. जो कुछ हो रहा है उसके लिए इतना रिग्रेसिव एक बहुत हल्का शब्द है, यह भयावह है जहां फिल्म मेकर्स को ऐसी फिल्में बनाने में शामिल किया जा रहा है जो सभी गलत चीजों को बढ़ावा देती हैं और बिना किसी कारण के अन्य समुदायों को नीचा दिखाते हैं. यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है.”

फ्री प्रेस जर्नल से बात करते हुए, जब उनसे पूछा गया कि निर्देशक के रूप में वापसी करने में उन्हें 17 साल लग गए? इस पर अभिनेता ने कहा, “मैं इतनी खराब फिल्म बनाने के सदमे से उबर रहा था। यह वैसा नहीं हुआ जैसा मैंने सोचा था। उस समय मैं तकनीकी रूप से पटकथा लेखन के लिहाज से या फिल्म के लिहाज से पर्याप्त रूप से सुसज्जित नहीं था। मैंने बस यही सोचा कि अगर मैं सभी बेहतरीन अभिनेताओं को इकट्ठा करूं तो वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे। मुझे लगा कि यह एक अच्छी स्क्रिप्ट है, लेकिन बाद में इसे संपादित करते समय मुझे एहसास हुआ कि स्क्रिप्ट में कुछ खामियां थीं, खासकर इरफान खान की कहानी में। अभिनेताओं के योगदान को छोड़कर, यह मेरे लिए बड़ी निराशा थी। मैं इस सबकी जिम्मेदारी लेता हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं दूसरी फिल्म बनाऊंगा, क्योंकि यह कड़ी मेहनत का काम है। इसमें बहुत सारी ईगो, शेड्यूल और बहुत सारी तार्किक समस्याओं को संभालना शामिल है।

बातचीत में यह पूछे जाने पर कि क्या बॉलीवुड में फिल्म निर्माण का उद्देश्य बदल गया है? इस पर उन्होंने जवाब दिया. “हां, अब आप जितने अधिक अंधराष्ट्रवादी होंगे, आप उतने ही अधिक लोकप्रिय होंगे, क्योंकि यही इस देश पर शासन कर रहा है। अपने देश से प्यार करना ही काफी नहीं है बल्कि इसके बारे में ढोल पीटना और काल्पनिक दुश्मन भी पैदा करना होगा। इन लोगों को यह एहसास नहीं है कि वे जो कर रहे हैं वह बहुत हानिकारक है।”

पता हो कि, फ्री प्रेस जर्नल से बात करते हुए एक्टर से जब पूछा गया कि, डायरेक्टर के रूप में वापसी करने में आपको 17 साल क्यों लग गए? इस सवाल का जवाब देते हुए नसीरूद्दीन ने कहा- “मैं इतनी खराब फिल्म बनाने के सदमे से उबर रहा था। यह वैसा नहीं हुआ जैसा मैंने सोचा था। उस समय मैं तकनीकी रूप से पटकथा लेखन के लिहाज से या फिल्म के लिहाज से पर्याप्त रूप से सुसज्जित नहीं था।

उन्होंने आगे कहा, “द केरल स्टोरी और गदर 2 जैसी फिल्में मैंने नहीं देखी है, लेकिन मुझे पता है कि वे किस बारे में हैं। यह परेशान करने वाली बात है कि कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्में इतनी व्यापक रूप से लोकप्रिय हैं, जबकि सुधीर मिश्रा, अनुभव सिन्हा और हंसल मेहता, जो अपने समय की सच्चाई को चित्रित करने की कोशिश कर रहे हैं, उन फिल्म को नहीं देखा जा रहा है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि ये फिल्म निर्माता हिम्मत न हारें और कहानियां सुनाते रहें।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए एक्टर ने कहा कि, मैंने बस यही सोचा कि अगर मैं सभी बेहतरीन अभिनेताओं को इकट्ठा करूं तो वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे। मुझे लगा कि यह एक अच्छी स्क्रिप्ट है, लेकिन बाद में इसे संपादित करते समय मुझे एहसास हुआ कि स्क्रिप्ट में कुछ खामियां थीं, खासकर इरफान खान की कहानी में। अभिनेताओं के योगदान को छोड़कर, यह मेरे लिए बड़ी निराशा थी। मैं इस सबकी जिम्मेदारी लेता हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं दूसरी फिल्म बनाऊंगा, क्योंकि यह कड़ी मेहनत का काम है। इसमें बहुत सारी ईगो, शेड्यूल और बहुत सारी तार्किक समस्याओं को संभालना शामिल है।

उन्होंने आगे कहा, “वे भावी पीढ़ी के लिए जिम्मेदार होंगे। सौ साल बाद लोग भीड़ देखेंगे और गदर 2 भी देखेंगे और देखेंगे कि कौन सा हमारे समय की सच्चाई को चित्रित करता है, क्योंकि फिल्म ही एकमात्र माध्यम है जो ऐसा कर सकती है। अमूर्तता का सहारा लेना और जीवन को वैसे ही पकड़ना कठिन है जैसा वह है। जो कुछ हो रहा है उसके लिए रिग्रेसिव एक बहुत हल्का शब्द है, यह भयावह है जहां फिल्म निर्माताओं को ऐसी फिल्में बनाने में शामिल किया जा रहा है जो सभी गलत चीजों की प्रशंसा करते हैं और बिना किसी कारण के अन्य समुदायों को नीचा दिखाते हैं। यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है।”

नसीरुद्दीन शाह ने आगे कहा, ‘अपने देश को प्यार करना अब काफी नहीं है. आपको शोर करके बताना होगा और काल्पनिक दुश्मन भी क्रिएट करना होगा. इन लोगों को दिखाई नहीं देता कि वे जो कर रहे हैं, वह काफी नुकसानदेह है. दरअसल, ‘द केरल स्टोरी’ और ‘गदर 2’ जैसी फिल्में, जिन्हें मैंने देखा नहीं है, लेकिन जानता हूं कि ये किस बारे में हैं. यह बात कचोटती है कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसी फिल्में बहुत मशहूर हैं, जबकि सुधीर मिश्रा, अनुभव सिन्हा और हंसल मेहता द्वारा बनाई गई फिल्में, जो सच दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें कोई देखता नहीं है. जरूरी बात यह है कि ये फिल्मकार निराश नहीं होते और सच्ची कहानियां कहते रहते हैं.’

बताते चलें कि एक्टर ने आगे कहा कि, “द केरल स्टोरी, कश्मीर फाइल और गदर 2 जैसी फिल्में मैंने नहीं देखी है, लेकिन मुझे पता है कि वे किस बारे में हैं। यह परेशान करने वाली बात है कि कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्में इतनी व्यापक रूपलोकप्रिय हैं, जबकि सुधीर मिश्रा, अनुभव सिन्हा और हंसल मेहता, जो अपने समय की सच्चाई को चित्रित करने की कोशिश कर रहे हैं, उन फिल्म को नहीं देखा जा रहा है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि ये फिल्म निर्माता हिम्मत न हारें और कहानियां सुनाते रहें।

बता दें कि ‘गदर 2’ का निर्देशन अनिल शर्मा द्वारा किया गया है, जिसमें सनी देओल और अमीषा पटेल लीड रोल में हैं.ये फिल्म भारत-पाकिस्तान युद्ध पर बेस्ड है और इसे दर्शकों ने बहुत पसंद किया है. गदर 2 ने अब तक भारत में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा और दुनिया भर में 600 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है और इसे ऑल-टाइम ब्लॉकबस्टर घोषित किया गया है.

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