
मुंबई – हिंदी सिनेमा की बेहतरीन गायिकाओं में शुमार आशा भोसले को सुरों की मल्लिका के खिताब से भी नवाजा जाता है. संगीत की दुनिया की वो रौशनी जिसकी चमक हर सदी में बरक़रार रहेगी. अपनी सुरीली आवाज़ से कई दशकों तक हिंदी फिल्म जगत में जादू बिखेरने वाली गायिका आशा भोंसले का आज जन्मदिन है.8 सितंबर 1933 के दिन महाराष्ट्र के सांगली में जन्मी आशा भोसले के पिता दीनानाथ मंगेशकर थे.‘यानी कि वह लता मंगेशकर की छोटी बहन हैं.आशा ताई’ अब तक 20 भाषाओं में 12,000 से ज्यादा गाने गा चुकी हैं.
आशा भोंसले को इस सफर में उन्हें कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले. बहन लता मंगेशकर की तरह ही आशा भोसले ने भी हिंदी सिनेमा को कई सदाबहार और दिलकश नगमें दिए हैं. ऐसे में आशा भोंसले के जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनकी ज़िंदगी से जुड़ी कुछ अहम बातें बताने जा रहे हैं.क्या आप जानते हैं कि अपने गीतों से दिल जीतने का हुनर रखने वाली आशा दिल के मामले में अपने ही परिवार से पंगा ले बैठी थीं? अगर नहीं तो बर्थडे स्पेशल में हम आपको उनकी जिंदगी के इस किस्से से रूबरू करा रहे हैं.
हिंदी सिनेमा के तकरीबन 16 हजार गीतों को अपनी सुरीली आवाज से सजा चुकीं गायिका आशा भोसले दुनिया के लिए एक मिसाल हैं। शास्त्रीय संगीत, गजल और पॉप संगीत हर क्षेत्र में खुद को साबित कर चुकीं आशा आज अपना 90वां जन्मदिन मना रही हैं। 8 सितम्बर 1933 को जन्मीं और वर्ष 1943 से अपना करियर शुरू करने वालीं आशा भोसले आज भी गायिकी के क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं। आशा भोसले ने जिंदगी को अपनी शर्तों पर जीया है। गायिका कभी-कभी जीवन के पथ पर डगमगाई भीं, लेकिन उन्होंने खुद को बखूबी संभाला। एक साहसी महिला होने के साथ ही आशा एक स्वाभिमानी व्यक्तित्व भी हैं। बचपन से ही वह अपने फैसले खुद ही ले रही हैं। आशा की बहन लता मंगेशकर भी हिंदी सिनेमा की सदाबहार गायिका थीं। इसके साथ ही लोग उन्हें उनके शांत स्वभाव के लिए भी जानते थे। आशा, और लता सगी बहनें होने के बावजूद भी एक-दूसरे से अलग रहती थीं।
आशा भोसले को बचपन से ही गाने का शौक लग गया था. आलम यह था कि महज 10 साल की उम्र से ही उन्होंने संगीत से अपना नाता जोड़ लिया था. उन्होंने फिल्मों के लिए अपना पहला गाना मूवी चुनरिया में गाया था. दावा किया जाता है कि वह अब तक 20 भाषाओं में 16 हजार से ज्यादा गाने गा चुकी हैं. सबसे ज्यादा स्टूडियो रिकॉर्डिंग के लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है. वह हिंदी के अलावा बंगाली, गुजराती, पंजाबी, मलयालम, भोजपुरी, तमिल, अंग्रेजी और रूसी आदि भाषाओं के गानों को भी अपनी आवाज से सजा चुकी हैं.
आशा भोसले और लता मंगेशकर की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। दोनों ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर खुद का करियर बनाया। हालांकि, बचपन में इन दोनों ने काफी दुख भी झेला। महज 14 वर्ष की उम्र में पिता का निधन हो जाने के कारण लता मंगेशकर ने काम करना शुरू कर दिया था। वहीं, आशा भोसले के बड़े होने पर लता मंगेशकर ने यह चाहा कि वह भी घर की जिम्मेदारियां उठाने में उनकी मदद करेंगी। हालांकि, ऐसा हो न सका। आशा को किसी और के हिसाब से अपना जीवन जीना पसंद नहीं था। इसी कारण उनकी और लता मंगेशकर के बीच दूरियां बढ़ती चली गई थीं। हद तो तब हो गई जब आशा ने महज 16 की उम्र में खुद से 15 वर्ष बड़े गणपतराव भोंसले से शादी कर ली थी।
आशा भोसले उन सितारों में शुमार हैं, जिन्होंने प्यार की खातिर परिवार से पंगा लेने में भी कोई गुरेज नहीं किया. हुआ यूं था कि जब आशा महज 16 साल की थीं, उस दौरान वह अपनी बहन लता मंगेशकर के निजी सचिव गणपत राव के इश्क में गिरफ्तार हो गई थीं. गणपत राव 31 साल के थे, लेकिन इश्क की डोर में बंधी आशा ने उम्र के बंधन को भी दरकिनार कर दिया. यहां तक कि वह लता मंगेशकर और अपने पूरे परिवार के खिलाफ भी चली गईं.गणपतराव भोंसले कोई और नहीं बल्कि लता मंगेशकर के सेक्रेटरी थे। बड़ी बहन लता को सेक्रेटरी संग आशा की शादी नागवार गुजरी, और उन्होंने इस रिश्ते को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। यही कारण रहा कि सगी बहनों के बीच तकरार बढ़ती चली गई, और कई वर्षों तक दोनों ने कोई बातचीत भी नहीं की। गणपतराव के प्यार में दीवानी हो चुकीं आशा ने परिवार से सारे संबंध खत्म कर लिए थे।
प्यार में डूबी आशा ने गणपत राव से शादी कर ली और कुछ ही समय में उनके तीन बच्चे भी हुए. इसके बावजूद वह अपने ससुराल वालों की नजर में बहू जैसा सम्मान कभी हासिल नहीं कर पाईं. आलम यह रहा कि उन्हें काफी प्रताड़ित किया जाता था. आशा के साथ मारपीट की गई थी. साथ ही, तीनों बच्चों के साथ उन्हें घर से बाहर निकाल दिया गया था. इसके बाद आशा अपने तीनों बच्चों के साथ अपने मायके आ गई थीं.गणपतराव से शादी के बाद आशा ने तीन बच्चों को जन्म दिया। शुरुआत में दोनों के बीच बेहद प्यार था, लेकिन बदलते समय के साथ इस कहानी का अंत किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। लता मंगेशकर ने एक दफा बहन की टूटी हुई शादी पर कहा था, ‘मुझे पता था कि यह आशा के सही रिश्ता नहीं है।’ आशा, गणपतराव से तो अलग हो गईं, लेकिन वह फिर भी बहन लता के करीब न आ सकीं।
प्यार में पहली बार मात खाने वाली आशा भोसले की जिंदगी में मोहब्बत ने दूसरी बार राहुल देव बर्मन यानी पंचम दा के रूप में दस्तक दी. दरअसल, दोनों ने पहली बार फिल्म मंजिल में एक साथ काम किया और जिंदगी की असली मंजिल तय कर ली. दोनों धीरे-धीरे एक-दूसरे के करीब आते चले गए और साल 1980 के दौरान उनकी शादी हो गई. बता दें कि आशा ने इस बार भी उम्र के बंधन को पूरी तरह दरकिनार कर दिया, क्योंकि पंचम दा उम्र के मामले में उनसे छह साल छोटे थे.
‘ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना’ और ‘इन आंखों की मस्ती’ समेत कई बेहतरीन गीतों के लिए जानी जाने वालीं आशा भोसले पुरस्कार जीतने के मामले में भी अव्वल रही हैं। आशा को 18 बार फिल्मफेयर के लिए नामांकित किया गया, जिसमें से वह सात बार पुरस्कार अपने नाम करने में सफल रहीं। 1979 में फिल्मफेयर जीतने के बाद आशा भोसले ने खुद को यह कहते हुए नॉमिनेट करने से मना कर दिया कि नई प्रतिभाओं को भी अवसर मिलना चाहिए। गायिका को वर्ष 2001 में ‘फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया था।
आशा ताई का जन्म 1933 में महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव सांगली में हुआ था. महज दस साल की उम्र में उन्होंने गायिकी की दुनिया में कदम रख दिया था, उनका पहला गाना मराठी था. यह साल 1943 में आया था। गाने का नाम ‘चला चला नव बाला’ था. बहुत कम लोगों को यह पता होगी कि आशा भोसले ने अपने परिवार का समर्थन करने के लिए अपनी बहन लता मंगेश्कर के साथ गाना शुरू किया था. 16 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला सोलो गाना फिल्म ‘रात की रानी’ के लिए गाया.
आशा भोसले ने 1948 से हिंदी फिल्मों में गाना शुरु किया और उसके बाद उन्होंने कई भाषाओं में गीत गाए. आशा ताई को अब तक फिल्मफेयर अवार्ड में 7 बेस्ट फीमेल प्लेबैक पुरस्कारों से नवाजा गया है, उन्हें 2 राष्ट्रीय फिल्म पुस्कारों से भी सम्मानित किया गया है. आशा भोंसले को 2008 में पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल द्वारा ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया जा चुका है. बता दें कि आशा ताई ने 22 भाषाओं में 11000 से अधिक गाने गा कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में अपना नाम दर्ज किया है.