पीरियड्स बंद होने के बाद भूलकर भी न करें ये गलतियां,रखें ये ध्यान हो सकती हैं गंभीर बीमारियां

नई दिल्लीः महिलाओं में बढ़ती बीमारियां वाकई चिंता का विषय हैं और बढ़ती उम्र में ये खतरा और भी ज्यादा हो जाता है. वहीं पोस्ट-मेनोपॉज यानी मासिक धर्म बंद होने का फेज. 45 से 50 की उम्र के बाद महिलाओं में हार्ट डिजीज के साथ कई गंभीर बीमारियां पनपने का जोखिम रहता है. इसके अलावा स्ट्रेस, सामाजिक दबाव जैसे भी कई फैक्टर होते हैं जो महिलाओं में शारीरिक और मानसिक रोगों की वजह बनते हैं. डॉक्टर महिलाओं को नियमित चेकअप करवाते रहने की सलाह देते हैं. मोनोपॉज के बाद खास ध्यान रखने की जरूरत होती है. खान-पान में लापरवाही या हल्के संकेतो पर ध्यान न देना काफी गंभीर हो सकता है.महिलाओं की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती जाती है, वैसे ही उनकी सेहत पर खास असर दिखने लगते हैं. बढ़ती उम्र में महिलाओं को कई खतरनाक बीमारियों के होने का खतरा होता है, जो कई बार चिंता का विषय भी बन जाता है. सबसे बड़ी समस्या महिलाओं को तब होता है जब उनकी पीरियड साइकिल यानी पोस्ट-मेनोपॉज का समय बंद हो जाता है.
मासिक धर्म का बंद होने का समय 45 से 50 की उम्र के बाद शुरू होता है. इसके बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव देखे जाते हैं. पीरियड्स बंद होने के बाद महिलाओं को हार्ट डिजीज जैसी समस्या हो सकती है. यानी पीरियड्स बंद होना महिलाओं में शारीरिक और मानसिक रोगों की वजह बन सकता है. ऐसे में महिलाओं को कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए. आइये जानें इन बातों के बारे में….पीरियड्स बंद होने पर महिलाओं को कई सारी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. हैरानी की बात यह है कि उन्हें कई बार इन बीमारियों का पता भी नहीं चल पाता है और वो गंभीर रोगों का शिकार हो जाती हैं. डॉक्टर्स का मानना है कि ऐसे समय में महिलाओं को दिल की बीमारी, शुगर की दिक्कत, अस्थमा, ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों से जुड़ी समस्या), स्तन कैंसर (ब्रेस्ट कैंसर), रसौली (यूट्रस में गांठ बनना), जैसी गंभीर बीमारियां दिखने लगती हैं.
पीरियड्स बंद होने के बाद महिलाओं को अपनी सेहत का और भी ज्यादा ध्यान रखना आवश्यक हो जाता है क्योंकि डॉक्टरों के मुताबिक, इस उम्र के बाद महिलाओं को कुछ ऐसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, जिनके बारे में समय पर पता न लगने से जान जाने का जोखिम भी बन जाता है. तो चलिए डॉक्टर से जानते हैं.जब महिलाओं को पीरियड्स आना बंद हो जाए, तो सबसे पहले उन्हें नियमित योग या किसी प्रकार की एक्सरसाइड करनी चाहिए. इसके साथ ही डाइट का विशेष ध्यान रखना चाहिए. आप अपनी डाइट में आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में लेना शुरू करें. इससे आपको बीमारियों के होने का खतरा कम रहेगा. साथ ही हड्डियों के रोगों से बचने के लिए आप कैल्शियम, विटामिन रिच फूड्स को ही डाइट में शामिल करें.
डॉक्टर चंचल के मुताबिक, मानसिक परेशानी जैसे ज्यादा स्ट्रेस लेना और सामाजिक दबाव की वजह से महिलाओं में हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं. जिसकी वजह से उनमें रोगों का खतरा बढ़ने लगता है. डॉक्टर कहती हैं कि महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य के अलावा मानसिक स्वास्थ्य का अच्छा रहना भी बेहद जरूरी है. डिप्रेशन जैसे मेंटली डिजीज भी महिलाओं की हेल्थ को प्रभावित कर सकते हैं.पीरियड्स बंद होने के बाद महिलाओं में कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जिनके बारे में पता भी नहीं चलता और तब तक रोग की गंभीरता काफी बढ़ चुकी होती हैं. आशा आयुर्वेदा की डॉ. चंचल शर्मा इस बारे में कहती हैं कि पीरियड्स बंद होने के बाद महिलाओं में दिल की बीमारियों समेत शुगर, अस्थमा, ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों से जुड़ी समस्या), स्तन कैंसर (ब्रेस्ट कैंसर), रसौली (यूट्रस में गांठ बनना), जैसी गंभीर बीमारियां काफी देखने में आती हैं.
डॉक्टर चंचल के मुताबिक, मानसिक परेशानी जैसे ज्यादा स्ट्रेस लेना और सामाजिक दबाव की वजह से महिलाओं में हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं. जिसकी वजह से उनमें रोगों का खतरा बढ़ने लगता है. डॉक्टर कहती हैं कि महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य के अलावा मानसिक स्वास्थ्य का अच्छा रहना भी बेहद जरूरी है. डिप्रेशन जैसे मेंटली डिजीज भी महिलाओं की हेल्थ को प्रभावित कर सकते हैं.महिलाओं में पनपने वाली बीमारियों की बात करें तो दिल के रोगों से बनचे के लिए हेल्दी फैट लेना बेहद जरूरी होता है. जिसके लिए फल, साबुत अनाज, ड्राई फ्रूट्स, जैसी चीजें खाना शुरू कर सकती हैं. साथ ही इस उम्र में आकर हड्डियों के रोग देखने को मिलते हैं, इसलिए डाइट में डेयरी प्रोडक्ट शामिल करने चाहिए ताकि कैल्शियम की कमी पूरी हो सके.
महिलाओं को नियमित चेकअप करवाने के साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहिए. हेल्दी डाइट के साथ नियमित एक्सरसाइज, योगा को अपनी डेली रूटीन का हिस्सा बनाएं. इससे आप न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रोगों के खतरों से भी बची रहेंगी.महिलाओं को नियमित चेकअप करवाने के साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहिए. हेल्दी डाइट के साथ नियमित एक्सरसाइज, योगा को अपनी डेली रूटीन का हिस्सा बनाएं. इससे आप न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रोगों के खतरों से भी बची रहेंगी.