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Google के इंजीनियर को एक घंटे नौकरी की मिलती है इतनी सैलरी ,जान कर उड़ जायेंगे होश


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नई दिल्लीः गूगल के एक GenZ सॉफ्टवेयर इंजीनियर का दावा है कि वह हर दिन सिर्फ एक घंटे काम करके ही सालभर में 150,000 डालर यानी करीब 1.2 करोड़ रुपए कमा लेता है। इस इंजीनियर का नाम डेवोन है। फॉर्च्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, डेवोन ने बताया कि वो कभी भी पूरे दिन काम नहीं करते हैं। उन्हें साइन-ऑन बोनस भी Google की तरफ से मिला है। डेवोन का कहना है कि वे कम से कम काम कर रहे हैं ताकि उनका ब्रेन संरक्षित रहे और उनके पैशन को आगे ले जाए। उन्होंने बताया कि अपने एक फ्रेंड के साथ मिलकर एक कंपनी भी बनाने जा रहे हैं।

कैसा हो अगर आप दिन में सिर्फ कुछ घंटे काम करें और आपको सैलरी करोड़ों में मिले। जी हां, ऐसा सच है, हम बात कर रहे हैं गूगल में काम कर रहे ऐसे ही एक कर्मचारी की जो जिन में कुछ घंटे काम करके करोड़ों की सैलरी उठा रहे हैं।गूगल, एमेजॉन, माइक्रोसॉफ्ट जैसी टेक कंपनियां अपने कर्मचारियों को मोटी पगार देने के लिए जानी जाती हैं. मतलब इन कंपनियों में लाखों-करोड़ों की सैलरी मिलना कोई बड़ी बात नहीं है. ऐसे ही एक शख्स हैं Devon जो गूगल में इंजीनियर हैं और साल के 1 लाख 50 हजार डॉलर मतलब 1.2 करोड़ सालाना कमाते हैं. इतना पढ़कर आप कहोगे क्यों जी जला रहे हो. अभी जिया जला कहां हैं, वो तो तब जलेगा जब हम आपको बताएंगे कि Devon बाबू दिन में सिर्फ एक घंटा ही काम करते हैं. बाकी टाइम क्या करते हैं

हाल ही में जो रिपोर्ट सामने आई है उसके अनुसार गूगल में काम करने वाले कर्मचारी को दिन में एक घंटे काम करके साल की 1.2 करोड़ रुपए की सैलरी मिल रही है। फॉर्च्यून रिपोर्ट के अनुसार गूगल के कर्मचारी का कहना है कि गूगल में हमे पता है कि हम नौकरी कर रहे हैं, अगर उसे लंबे ज्यादा घंटों के लिए काम करना होगा तो वह किसी स्टार्टअप में काम कर लेगा।उनके मुताबिक, उनको जो भी काम दिया जाता है उसका खाका वो हफ्ते की शुरुआत में ही खींच लेते हैं. मतलब घंटों का काम सेकंड में कर लेने की क्षमता. हां और उस बात का जवाब रह गया था कि भाई साब सिर्फ एक घंटे काम करते हैं तो बाकी टाइम क्या करते हैं?बंधु अपने एक और टेकी दोस्त के साथ अपने स्टार्ट-अप पर काम कर रहे हैं. दिन उसी की प्लानिंग में गुजरता है. Devon ने फॉर्चून को बताया कि वो अगर दिन भर काम करेंगे तो सिर्फ अपने लिए. हालांकि वो अपने आपको उन भाग्यशाली लोगों में गिनते हैं जिनको कुछ नहीं करने के लिए मोटी पगार मिल रही है.


गूगल के एक कर्मचारी ने बताया कि वह दिन में सिर्फ एक घंटा काम करते हैं और उन्हें 150000 यूएस डॉलर यानि तकरीबन 1.2 करोड़ रुपए की सैलरी मिलती है। हर रोज तकरीबन एक घंटा काम करने पर उन्हें यह सैलरी मिलती है। इसके साथ ही उन्हें साइन इन बोनस भी मिलता है।इतना पढ़कर जो आपको अपने आप पर खीज आ रही हो तो जान लीजिए कि उनको गूगल की तरफ से जॉइनिंग बोनस और साल के अंत में मिलने वाला बोनस भी मिलेगा. शायद इसलिए 97 फीसदी गूगलर (गूगल में काम करने वाले) कंपनी को बेस्ट बताते हैं. कहा जा रहा है कि डेवोन अपना पूरा दिन एक टेक कंपनी के लिए कोड लिखने में बिताते हैं। हालांकि, जब मीडिया ने सुबह 10 बजे के बाद उनसे बात की, तब उन्होंने बताया कि अभी तक लैपटॉप भी नहीं खोला है। मीडिया की तरफ से डेवोन से पूछा गया कि अगर कभी उनके मैनेजर का मैसेज मिस हो जाए तो क्या वे चिंता करते हैं, इसका जवाब देते हुए डेवोन ने कहा कि अगर उनके ऐसा भी हो जाता है तो दुनिया नहीं खत्म हो जाएगी।

यही नहीं उन्हें उम्मीद है कि इस साल के अंत में उन्हें बोनस भी मिलेगा। इस कर्मचारी का गूगल में मुख्य काम कोडिंग करना है। अच्छी बात यह है कि अगर मैनेजर का कोई मैसेज आता है और इसका वह जवाब नहीं देते हैं तो इसमे कोई बड़ी दिक्कत नहीं है, वह रात में भी इस टास्क को पूरा कर सकते हैं।उन्होंने बताया कि मैनेजर को अपना काम भेजने से पहले वे किसी काम को अच्छे से करने के लिए हफ्तेभर पहले ही काम शुरू कर देते हैं। इससे वे हफ्तेभर काफी आसानी और रिलैक्स होकर काम करते हैं। सुबह 9 बजे सोकर उठते हैं। इसके बाद नहाते हैं और फिर नाश्ता बनाकर खाने के बाद 11 बजे या दोपहर तक काम शुरू करते हैं। 9 या 10 बजे तक डेवोन अपने स्टार्टअप पर काम करते हैं।डेवोन का मानना है कि वे उन टेक कर्मचारियों की तरह हैं जिन्हें नौकरी मिलने के बाद कुछ भी न करने के पैसे दिए जाते हैं। Google में 97% कर्मचारियों का मानना है कि गूगल काम करने के लिहाज से काफी शानदार जगह है। गूगल में साइकिल, जिम और फ्री का खाने के अलावा सैलरी भी मिलती है। डेवोन ने बताया कि जब वे इंटर्नशिप कर रहे थे तभी पता चल गया था कि वे ज्यादा मेहनत नहीं कर पाएंगे। हालांकि, उन्होंने तेजी से काम किया है। उन्होंने कहा कि अगर वे लंबे समय तक काम करना चाहते तो एक स्टार्टअप में होते।

महानुभव सुबह 9 बजे बिस्तर छोड़ते हैं और नहाने के बाद 11 बजे तक कोड जनरेट करने का काम करते हैं. फॉर्चून की तरफ से इस बात की तस्दीक करने के लिए जब उनको सुबह-सुबह फोन किया गया तो पता चला कि वो तो अपना लैपटॉप बंद भी कर चुके हैं. जब उनसे पूछा गया कि अगर वो गूगल में अपने अनुभव को साझा करते हुए इस कर्मचारी ने बताया कि इससे पहले मैं कंपनी के साथ इंटर्न के तौर पर काम कर रहा था। इस दौरान भी मैं अपनी कोडिंग को जल्दी खत्म कर लिया करता था और एक हफ्ते के लिए हवाई की छुट्टी पर चला जाया करता था।गूगल ने इस साल जनवरी माह में 12000 कर्मचारियों को बाहर कर दिया था। जिसके बाद कंपनी के कर्मचारियों में काफी निराशा देखने को मिली थी। बावजूद इसके कंपनी 2022 में सर्वाधिक सैलरी देने वाली टॉप 3 कंपनी में शामिल थी। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट औसतन 2.8 लाख यूएस डॉलर की सैलरी हर किसी को दे रही है।

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