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ब्रिक्स बिजनेस फोरम में नहीं शामिल हुए शी जिनपिंग,जानिए वज़ह


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नई दिल्लीः दुनिया के सामने अपने राज छुपाने के लिए लगातार झूठ बोलने वाले चीन का एक और झूठ पकड़ा गया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को ब्रिक्स के बिजनेस फोरम को संबोधित किया. हालांकि सच्चाई इस दावे से अलग है क्योंकि दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग में चल रहे ब्रिक्स सम्मेलन के पहले दिन हुई इस मीटिंग से शी जिनपिंग आश्चर्यजनक रूप से गायब थे.ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दक्षिण अफ्रीका गये हैं, लेकिन ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के ही सबसे अहम कार्यक्रम, बिजनेस समिट में उन्होंने हिस्सा नहीं लिया, जो काफी आश्चर्यजनक है और दुनिया भर में इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं, कि आखिर शी जिनपिंग के बिजनेस समिट में शामिल नहीं होने के पीछे क्या वजह है, लेकिन चीन ने चुप्पी साध रखी है।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स बिजनेस फोरम में उपस्थित नहीं हुए। उनके अलावा बाकी चार सदस्य देशों के राष्ट्र प्रमुखों के इस फोरम में शामिल होने की उम्मीद है। ब्रिक्स बिजनेस फोरम में जिनपिंग की जगह चीनी वाणिज्य मंत्री वांग वेन्ताओ शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान शी जिनपिंक के भाषण को पढ़ा, जिसमें अधिपत्य वाली आदतों को लेकर अमेरिका की आलोचना की गई थी। जिनपिंग के ब्रिक्स बिजनेस फोरम में शामिल न होने से कई सवाल उठ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि वह डूब रही चीनी अर्थव्यवस्था पर सवालों के जवाब से बचना चाहते थे। इतना ही नहीं, वह नहीं चाहते थे कि चीनी अर्थव्यवस्था को लेकर कोई उनसे सवाल पूछे।

शी जिनपिंग की तरफ से बयान देते हुए चीन के वाणिज्य मंत्री ने दुनिया से “नए शीत युद्ध की खाई में जाने” से बचने का आह्वान किया। हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर अमेरिका का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने परोक्ष तौर पर कहा, कि “कुछ देश, अपना आधिपत्य बनाए रखने के जुनून में, उभरते बाजारों और विकासशील देशों को पंगु बनाने के रास्ते पर चल रहे हैं।” चीनी मंत्री ने कहा, कि “जो कोई भी तेजी से विकास करना शुरू करता है, वो उसे रोकने की कोशिश में लग जाते हैं, जो उन्हें पकड़ने की दिशा में आगे बढ़ता है, वो उनका निशाना बनने लगते हैं, लेकिन ये कोशिश निरर्थक है।”चीनी मंत्री ने कहा, कि “जो कोई भी तेजी से विकास करना शुरू करता है, वो उसे रोकने की कोशिश में लग जाते हैं, जो उन्हें पकड़ने की दिशा में आगे बढ़ता है, वो उनका निशाना बनने लगते हैं, लेकिन ये कोशिश निरर्थक है।”

शी जिनपिंग की जगह चीन के इंडस्ट्री मिनिस्टर Wang Wentao ने अपने राष्ट्रपति का लिखित भाषण पढ़ा था. चीन के विदेश मंत्रालय ने जिनपिंग के गायब रहने की बात छुपाई. सच्चाई छुपाने के लिए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने ट्विटर पर जो तस्वीर साझा की, उसमें शी जिनपिंग या इंडस्ट्री मिनिस्टर की तस्वीर नहीं थी. बल्कि मीटिंग हॉल को ही दिखाया था.

चीनी अर्थव्यस्था चार दशक में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। कोरोना महामारी और प्रापर्टी क्राइसिस ने चीन के आर्थिक हालात को और ज्यादा बिगाड़ दिया है। इसका असर अब चीन के फाइनेंशियल सेक्टर पर देखने को मिल रहा है। लोग कर्ज की किश्त चुकाने से चूक रहे हैं। दूसरी ओर चीन का रियल एस्टेट सेक्टर एकदम से गिर गया है। चीनी अर्थव्यवस्था ने अतीत में महत्वपूर्ण चुनौतियों पर काबू पाया है, लेकिन वर्तमान में उसे जिन आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है उनमें एक के साथ दूसरी जुड़ी हुई हैं। बताया जा रहा है कि वर्षों से प्रॉपर्टी के क्षेत्र पर चीन की अत्याधिक निर्भरता और उसकी सख्त कोविड नीति ने आर्थिक वृद्धि में सबसे ज्यादा बाधा डाली है।

जोहानसबर्ग में ब्रिक्स का ये समिट हो रहा है, जिसमें शी जिनपिंग के अलावा अन्य सभी सदस्य देशों के प्रमुखों ने अपना संबोधन दिया. यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ग्रोथ इंजन के तौर पर भारत की भूमिका को ब्रिक्स के मंच से दुनिया के सामने रखा. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपनी बात की, जबकि रूसी विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव भी वहां मौजूद रहे. बैठक में ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने दक्षिण अमेरिका और अफ़्रीका को नये सिरे से जोड़ने की बात की.

इन चर्चाओं के बीच शी जिनपिंग का गायब होना सुर्खियों में रहा, क्योंकि वह मीटिंग स्थल पर होकर भी इस फोरम में शामिल नहीं हुए. भले ही स्पीच के दौरान वह मौजूद नहीं थे, लेकिन ब्रिक्स नेताओं की ग्रुप फोटो के दौरान शी जिनपिंग जरूर मौजूद रहे.जोहान्सबर्ग के सैंडटन कन्वेंशन सेंटर में वांग के पढ़े भाषण में शी जिनपिंग ने कहा कि अमेरिका उन देसों से लड़ने की प्रवृति रखता है तो वैश्विक और वित्तीय बाजारों में उसके प्रभुत्व को खतरे में डालते हैं। भाषण में कहा गया है कि हर देश को विकास का अधिकार है और लोगों को खुशहाल जीवन जीने की आजादी होनी चाहिए। लेकिन एक देश (अमेरिका) अधिपत्य बनाए रखने के जुनून पर सवार है, जो उभरते बाजारों और विकासशील देशों को पंगु बनाने के अपने रास्ते पर चल रहा है। शी ने कहा कि जो कोई भी पहले विकसित होता है वह रोकथाम का लक्ष्य बन जाता है। जो कोई भी पकड़ बना रहा है वह बाधा का लक्ष्य बन जाता है।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के गायब रहने को लेकर कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. यह विवाद इसलिए भी जोर पकड़ रहा है क्योंकि कभी उनके खासमखास रहे किन गांग भी महत्वपूर्ण बैठकों से गायब रहते थे. दिसंबर 2022 में जिनपिंग ने किन गांग को चीन का विदेश मंत्री बनाया था. अहम बैठकों से जब किन गांग गायब रहने लगे तो सवाल खड़े होने लगे. बाद में पता चला कि अपने सीक्रेट अफेयर की वजह से किन गांग ऐसा कर रहे थे. आखिरकार किन गांग को विदेश मंत्री के पद से हटाया गया.

शी जिनपिंग सोमवार शाम क दो दक्षिण अफ्रीका पहुंचे थे, लेकिन वे बिजनेस फोरम में उपस्थित नहीं हुए। चीन की ओर से शी जिनपिंग के न पहुंचने पर कोई स्पष्टीकरण भी नहीं दिया गया है। जर्मन मार्शल फंड में इंडो-पैसिफिक कार्यक्रम के प्रबंध निदेशक बोनी ग्लेसर ने आश्चर्य जताया कि क्या उनकी अनुपस्थिति का मतलब कुछ गलत है। इससे पहले दिन में, शी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा से मुलाकात की और उनके मेजबान द्वारा आयोजित शाम के रात्रिभोज में शामिल होने की उम्मीद थी। ब्रिक्स अग्रणी उभरते बाजारों और विकासशील देशों का एक समूह है जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस सहित 30 से अधिक अन्य राष्ट्राध्यक्ष और वैश्विक संगठनों के नेता इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का जो लिखित भाषण उनके इंडस्ट्री मिनिस्टर ने पढ़ा, उसमें अमेरिका पर जमकर हमला बोला गया था. चीन ने आरोप लगाया कि जो भी देश तरक्की करता है अमेरिका उसका दुश्मन बन जाता है और उस देश को रोकने की कोशिश में जुट जाता है. चीन ब्रिक्स को अमेरिका के खिलाफ एक गठबंधन के तौर पर स्थापित करने की नापाक चाल चलने में जुटा है. ब्रिक्स के विस्तार के बहाने चीन अपने लिए एक सुरक्षा जाल बनाना चाहता है ताकि पश्चिम के किसी दवाब का सामना करने में उसे आसानी हो.शी जिनपिंग एकमात्र ब्रिक्स नेता थे, जो बिजनेस फोरम में शामिल नहीं हुए। यहां तक कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, जो यूक्रेन पर आक्रमण के लिए अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट के कारण व्यक्तिगत रूप से शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हो सके, वो भी ऑनलाइन इस बैठक में शामिल हुए।

सबसे हैरान करने वाली बात ये है, कि शी जिनपिंग बिजनेस फोरम की बैठक में शामिल नहीं हुए, लेकिन इस बैठक से पहले और बाद में वो सारे कार्यक्रमों में दिखे, इससे पता चलता है, कि कुछ तीव्र बात थी, जिसने उन्हें इस बैठक के दौरान दूर खींच लिया। लेकिन वो क्या वजह थी, इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।

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