मुंबई – दक्षिण सिनेमा के बेहतरीन कलाकारों का जिक्र हो तो महेश बाबू का नाम जरूर लिया जाता है. आलम यह है कि वह तो प्रिंस ऑफ टॉलीवुड के नाम से भी मशहूर हैं. सिर्फ साउथ ही नहीं, बल्कि नॉर्थ इंडिया में भी उनकी फैन फॉलोइंग कम नहीं है. दरअसल, आज महेश बाबू का बर्थडे है तो आइए हम आपको उनकी जिंदगी के चंद किस्सों से रूबरू कराते हैं.
महेश बाबू का जन्म 9 अगस्त 1975 को चेन्नई में साउथ इंडस्ट्री के मशहूर एक्टर प्रोड्यूसर-डायरेक्टर शिवा राम कृष्णा घट्टामनेनी के घर हुआ। उन्होंने बचपन से ही घर में सिनेमा का माहौल देखा, क्योंकि उनके पिता साउथ इंडस्ट्री के मशहूर एक्टर-प्रोड्यूसर और डायरेक्टर शिवा राम कृष्णा घट्टामनेनी है. यही वजह रही कि महेश बाबू ने सिनेमा की दुनिया में उस वक्त ही कदम रख दिया था, जब वह महज चार साल के थे.महेश बाबू मशहूर भारतीय एक्टर और प्रोड्यूसर हैं। वह दक्षिण सिनेमा का एक बड़ा नाम हैं। इन्हें टॉलीवुड का प्रिंस कहा जाता है। उनकी हिंदी में डब फिल्मों को काफी पसंद किया जाता है। महेश बाबू इस साल मई में आई अपनी फिल्म ‘सरकारू वारी पाटा’ को लेकर काफी चर्चा में रहे।
महेश बाबू एक्टिंग के साथ-साथ फिल्म प्रोडक्शन की दुनिया में भी एक्टिव हैं। महेश बाबू एंटरटेनमेंट के नाम से इनका अपना प्रोडक्शन हाउस है। इस साल आई मेजर संदीप उन्नीकृष्णन की बायोपिक ‘मेजर’ इन्हीं के प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले बनी है, जिसमें अदिवी शेष ने मुख्य रोल प्ले किया। एक्टिंग और फिल्म प्रोडक्शन के अलावा महेश बाबू सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहते हैं। हील-ए-चाइल्ड नाम से इनका एनजीओ है। इसके अलावा इन्होंने दो गांव भी गोद ले रखे हैं। सिनेमा से दूरी बनाने के बाद महेश बाबू अपनी नानी के घर चले गए. उनका बचपन यहीं गुजरा, जिसके बाद उन्होंने चेन्नई के लोयोला कॉलेज से कॉमर्स में ग्रैजुएशन किया. वहीं, एक्टिंग की ट्रेनिंग उन्होंने निर्देशक एल सत्यानंद से ली और अभिनय की ऐसी तालीम हासिल की कि कोई भी उनका मुकाबला नहीं कर पाता है.
इन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपने करियर की शुरुआत की थी। महेश बाबू ने चार साल की उम्र में फिल्म ‘नीडा’ में अभिनय किया। मगर बतौर अभिनेता इन्होंने अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘राजकुमारुडु’ से की। इस फिल्म के जरिए इन्होंने टॉलीवुड में कदम रखा। इस फिल्म से उन्हें इतना प्यार मिला कि उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।अपने अभिनय से महेश बाबू ने भले ही लाखों फैंस बनाए हैं, लेकिन आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि उन्हें तेलुगू पढ़नी और लिखनी नहीं आती. ऐसे में वह अपने डायलॉग्स रटकर याद करते हैं. बता दें कि महेश बाबू अब तक आठ नंदी अवॉर्ड, पांच फिल्मफेयर साउथ अवॉर्ड, चार साउथ इंडियन इंटरनेशनल मूवी अवॉर्ड, तीन सिनेमा अवॉर्ड और एक आईफा उत्सव अवॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं.