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कोविड Omicron के नये वंशज Eris ने उड़ाई WHO की नींद,नए मरीजों में एक इस वैरिएंट से संक्रमित


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नई दिल्लीः एरिस (ईजी.5.1) को ओमिक्रॉन का ही वंशज बताया जा रहा है। यह स्ट्रेन यूके के बाद भारत में भी मिल चुका है। आइए जानते हैं कि इसके लक्षण क्या हैं?ब्रिटेन में एक बार फिर कोरोना वायरस का खतरा बढ़ गया है। यहां कोरोना के नए वैरिएंट एरीस ने हेल्थ डिपार्टमेंट को चिंता में डाल दिया है। स्वास्थ अधिकारियों के मुताबिक, एरीस वैरिएंट का साइंटिफिक नाम EG.5.1 है और ये ओमिक्रॉन से पैदा हुआ है।इसे ब्रिटेन में जून में पहली बार डिटेक्ट किया गया था। तब से हर दिन इसके नए मामले सामने आ रहे हैं। 31 जुलाई को इसे एक नए वैरिएंट के रूप में क्लासिफाई किया गया।

UK हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) ने बताया कि EG.5.1 हर सात नए कोविड केस में एक का कारण बन रहा है। एशिया में बढ़ते मामलों के कारण ब्रिटेन में इसके मामले बढ़े हैं। हालांकि UKHSA ने ये नहीं बताया कि एशिया के कितने देशों में नए वैरिएंट एरीस के मामले सामने आए हैं।वैक्सीन की वजह से लोग सुरक्षित, लेकिन अलर्ट रहें : WHO चीफ वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने EG.5.1 वैरिएंट पर दो हफ्ते पहले ही नजर रखनी शुरू कर दी थी। WHO चीफ टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने कहा- लोग वैक्सीन की वजह से काफी सुरक्षित हैं, लेकिन किसी भी देश को कोरोना के खिलाफ अपनी लड़ाई और सतर्कता में कमी नहीं लानी चाहिए।

UKHSA के रेस्पिरेटरी डेटामार्ट सिस्टम के जरिए रिपोर्ट किए गए 4,396 सैंपल में से 5.4 प्रतिशत कोरोना से संक्रमित पाए गए। जबकि पिछली बार रिपोर्ट किए गए 4,403 सैंपल में से 3.7 प्रतिशत ही कोरोना से संक्रमित पाए गए थे।वहीं, हॉस्पिटल एडमिशन रेट भी बढ़ा है। ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि एक लाख की आबादी पर 1.97% कोविड मरीज अस्पताल में भर्ती हुए थे। पिछली UKHSA रिपोर्ट में यह दर 1.17% थी। UKHSA की डॉ. मैरी रामसे ने कहा- हमें इस हफ्ते कोविड-19 मामलों में वृद्धि देखने को मिली है। ज्यादातर संक्रमित लोग बुजुर्ग हैं। हम सभी चीजों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।जब भी लगता है कोरोना से पीछा छूट रहा है, तभी कोई नया वेरिएंट आ धमकता है। काफी दिनों से लोग कोविड के डर से दूर थे। लेकिन ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट ने एक्सपर्ट्स की नींद उड़ा कर रख दी है। विभिन्न रिपोर्ट्स में एरिस वेरिएंट (EG.5.1) को ओमिक्रॉन का ही वंशज बताया गया है।

UKHSA ने कहा कि EG.5.1 वैरिएंट से हमें कितना खतरा हो सकता है, इसका संकेत हमें तीन जुलाई 2023 को होराइजन स्कैनिंग के दौरान ही मिल गया था। तब से ही हमने इस पर नजर रखना शुरू कर दिया था।3 जुलाई को इसे मॉनिटरिंग सिग्नल के तौर पर देखा गया, लेकिन ब्रिटेन में जीनोम की बढ़ती संख्या और सभी देशों में इसकी बढ़ती रफ्तार की वजह से इसे 31 जुलाई 2023 को वैरिएंट V-23JUL-01 के रूप में क्लासिफाई किया गया। हालांकि अभी इसके लक्षण के बारे में नहीं बताया गया है।टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड एरिस वेरिएंट यूके में दूसरा सबसे आक्रामक स्ट्रेन है। इसके मामले भारत के महाराष्ट्र में भी देखने को मिल चुके हैं।अभी कोविड Eris वेरिएंट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओमिक्रॉन के पिछले वेरिएंट की तरह ही यह भी तेजी से फैल सकता है। इसलिए डब्ल्यूएचओ इसे लेकर लापरवाही नहीं बरतना चाहता।

यूके की हेल्थ सिक्युरिटी एजेंसी (UKSHA) के मुताबिक, इस वेरिएंट का पहला मामला 3 जुलाई 2023 को यूके में मिला। जिसके एक हफ्ते बाद ही इसमें काफी बढ़ोतरी देखी गई। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस पर लगातार निगरानी रखने की सलाह दी है।कोविड नए वेरिएंट के लक्षण अभी तक ओमिक्रॉन के पुराने लक्षणों के जैसे ही देखे गए हैं। Zoe Health Study के मुताबिक, इसकी वजह से गले में दर्द, नाक बहना, बंद नाक, छींक आना, बलगम वाली खांसी, सिरदर्द, सूखी खांसी, बदन दर्द और सूंघने की क्षमता कम हो सकती है।विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में नई लहर का खतरा अभी न के बराबर है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, यूके में मौसम की वजह से मामलों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है।कोरोना के किसी भी वेरिएंट से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और आइसोलेशन बहुत जरूरी है। बाहर मास्क लगाकर निकलें और हाथों को साबुन व पानी से अच्छी तरह धोएं।

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