मुंबई – एक्ट्रेस से सांसद बनी नुसरत जहां का नाम धोखाधड़ी के एक मामले में सामने आ रहा है. बीजेपी के नेता शंकुदेब पांडा ने ईडी में नुसरत जहां के खिलाफ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की है, जिसमें कहा गया है कि नुसरत जहां ने इंडियन ओवरसीज बैंक के करीब 429 कर्मचारियों से अपार्टमेंट के नाम पर पैसे लिए हैं. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रश्नों से क्षुब्ध तृणमूल कांग्रेस सांसद व अभिनेत्री नुसरत जहां मीडिया पर ही बरस पड़ीं। मंगलवार को नुसरत जहां ने कोलकाता के प्रेस क्लब में कॉन्फ्रेंस बुलाई थीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ मीडिया ट्रायल चल रहा है। बिना जाने किसी पर आरोप न लगाएं। आधा सच बहुत भयानक होता है।कंपनी ने इन लोगों को धोखा दिया और नुसरत जहां ने डाउन पेमेंट से मिले पैसा का इस्तेमाल अपने पर्सनल यूज के लिए किया है.
नुसरत का दावा आंकड़ों से मेल नहीं खा रहा, क्योंकि 2014 में जब यह गड़बड़ी हुई थी तब वह कंपनी की निदेशक थीं। वह 2014 से 2017 तक उस कंपनी के निदेशकों में से एक थीं। तीन साल में 2017 के अंदर फ्लैट देना था। इसी बीच उस वक्त उन्होंने उस कंपनी से लोन लिया और अपना फ्लैट खरीदा। नुसरत जहां ने दावा किया-मैं शूटिंग के लिए बाहर थी। इसलिए मैं कल नहीं आ सकी। मैं यहां सफाई देने के लिए नहीं आई हूं। गलती करने वाले स्पष्टीकरण देते हैं। जिनके मन में अन्याय होता है। मैं आपके पास इसलिए आई हूं, क्योंकि मीडिया ट्रायल चल रहा है। यह मामला कोर्ट में लंबित है और इस मामले में हस्तक्षेप करना सभ्य समाज का काम नहीं है।हालांकि बीजेपी को इस पूरे मामले में टीएमसी को घेरने का अच्छा मौका मिल गया है. बीजेपी नेता शंकुदेब पांडा ने आरोप लगाया है कि खुद नुसरत जहां ने पैसे लिए और सबूत के तौर पर उनके पास बैंक चेक भी हैं. बीजेपी का आरोप है कि नुसरत जहां ने 1 करोड़ 98 लाख रुपये लिए थे, जिसका निजी उपयोग किया गया.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कुछ भी कहने से बचती नज़र आईं.ममत बनर्जी ने कहा कि उन्हें इस मामले में कोई जानकारी नहीं है साथ ही अपनी सांसद का बचाव करते हुए ये भी कह दिया कि ‘अगर मालिक कुछ गलत करता है तो डायरेक्टर क्या कर सकता है?’नुसरत का दावा है कि मैंने एक मार्च, 2017 को इस कंपनी से इस्तीफा दे दिया था। मेरा घर भ्रष्टाचार के पैसे से नहीं खरीदा गया। मैं उस कंपनी से लोन लिया था। एक करोड़ 16 लाख 30 हजार 285 रुपये का लोन था और मैंने छह मई, 2017 को उक्त कंपनी को ब्याज सहित एक करोड़ 40 लाख 71 हजार 995 रुपये लौटा दिए।हालांकि इस मामले पर नुसरत जहां का भी बयान सामने आया है. सांसद का कहना है कि वो डायरेक्टर्स में से एक थी लेकिन 2017 में उन्होंने कंपनी से इस्तीफा दे दिया था. नुसरत जहां ने ये भी माना कि उन्होंने कंपनी से 1 करोड़ 16 लाख लोन के रूप में लिए थे जो ब्याज के साथ वापस कर दिए. नुसरत जहां ने इस बात का सबूत देने की भी बात कही.