मुंबई – क्रिस्टोफर नोलन निर्देशित फिल्म ओपेनहाइमर साइंटिस्ट जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर पर आधारित है जिन्हें परमाणु बम का जनक कहा जाता है। मूवी में एक विवादित सीन है जिसमें गीता की लाइन बोली गई है। इस पर बवाल मचा तो महाभारत फेम एक्टर नितीश भारद्वाज ओपेनहाइमर का सपोर्ट करते हुए नजर आए। साथ ही उन्होंने मूवी में दिये जाने वाले मैसेज पर भी बात की। नितीश भारद्वाज के बयान के बारे में जानने से पहले ये जान लीजिए कि ‘ओपेनहाइमर’ पर आखिर क्यों विवाद हुआ है? फिल्म में साइंटिस्ट ओपेनहाइमर का किरदार निभा रहे सिलियन मर्फी, जीन टैटलर के साथ इंटीमेट सीन करते हुए ‘भगवद गीता’ की एक लाइन पढ़ते नजर आए, जो लोगों को रास नहीं आया। लोग इसकी वजह से ‘ओपेनहाइमर’ का विरोध कर रहे हैं।
अब नितीश भारद्वाज ने फिल्म की साइड लेते हुए ‘भगवद गीता’ का सार समझाया है।नीतीश भाद्वाज का कहना है कि “गीता मूल रूप से युद्ध के मैदान के बीच में कर्तव्य की भावना सिखाती है। हमारी लाइफ का स्ट्रग्ल भी मुख्य रूप से इमोशनल, युद्ध के मैदान हैं। श्लोक 11.32 में अर्जुन को एक योद्धा के रूप में अपना कर्तव्य निभाने के लिए भी कहा गया था, जो कि बुराई से लड़ना है। कृष्ण के पूरे श्लोक को ठीक से समझना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि मैं शाश्वत काल हूं जो हर चीज को मार डालूंगा; इसलिए हर कोई मर जाएगा, भले ही आप उन्हें न मारें, इसलिए अपना कर्तव्य निभाएं।”
नीतीश ने आगे कहा कि “मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे ओपेनहाइमर की लाइफ के महत्वपूर्ण क्षणों के इस इमोशनल पहलू के बारे में सोचें। क्या वह सही साबित नहीं हुए हैं कि अब हम सभी विस्फोटक टेक्नीक का इस्तेमाल कर अपनी ही जाति को मारते हुए देखते हैं। आज स्थिति कुरूक्षेत्र जैसी ही है, यही वजह है कि ब्राह्मणों और क्षत्रियों ने जानबूझकर इसका प्रचार नहीं किया। युद्ध का वेद-धनुर्वेद, संयुक्त राष्ट्र को परमाणु निरस्त्रीकरण को गंभीरता से लागू करना चाहिए। नोलन का मैसेज जोरदार और क्लियर है।”शुक्रवार यानी 21 जुलाई को फिल्म रिलीज हुई है। एक तरफ तो ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ फिल्म विवादों में भी फंस गई है। फिल्म भारतीय बॉक्स ऑफिस पर अब तक 55.86 करोड़ की कमाई कर चुकी है। डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म ‘ओपेनहाइमर’ में एक आपत्तिजनक सीन को लेकर हंगामा मचा है।