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चीनी हैकरों का निशाना बने अमेरिकी राजदूत,ईमेल में लगाई सेंध


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नई दिल्लीः चीन में मौजूद अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स के साथ हैकिंग का मामला सामने आया है। आज के समय युद्ध हथियारों से नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी के जरिए लड़ा जाता है। चीन ने अब अमेरिका पर भी टेक्नोलॉजी के जरिए हमला बोला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके ईमेल में चीनी हैकरों ने सेंध चीन के हैकरों ने बीजिंग में अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स के ईमेल खाते में सेंधमारी की है। इससे पहले पूर्वी एशिया के सहायक सचिव डैनियल क्रिटेनब्रिंक के खाते को भी हैक कर लिया गया था। इस मामले में विदेश मंत्रालय से पूछा गया तो विभाग ने किसी भी तरह के विवरण को देने से साफ तौर पर इनकार कर दिया।

चीन के हैकरों ने बीजिंग में अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स के ईमेल खाते में सेंधमारी की है। समाचार एजेंसी रायटर ने अमेरिकी अखबार स्ट्रीट जर्नल के हवाले से यह जानकारी दी है। इससे पहले पूर्वी एशिया के सहायक सचिव डैनियल क्रिटेनब्रिंक के खाते को भी हैक कर लिया गया था। वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है, जिसके बाद आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका के हजारों प्रमुख लोगों के ईमेल भी सुरक्षित नहीं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस महीने की शुरुआत में माइक्रोसॉफ्ट की ओर से खुलासा किया गया था कि पूर्वी एशिया के सहायक सचिव डैनियल क्रिटेनब्रिंक का अकाउंट भी हैक हुआ था।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में चीन के दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने ईमेल के जवाब में कहा, ‘चीन हर तरह के साइबर हमलों और चोरी का विरोध करता है और उनका मुकाबला करता है। हमारी इस मामले पर स्थिति साफ है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘साइब हमलों के सोर्स की पहचान करना एक जटिल तकनीकी मुद्दा है। हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष निराधार अटकलें लगाने की जगह प्रोफेशनल तरीका अपनाए।’उन्होंने इसी ईमेल के माध्यम से कम से कम हजारों व्यक्तिगत अमेरिकी सरकारी ईमेल से समझौता किया है। मालूम हो कि वाशिंगटन में चीन के दूतावास ने इस मामले पर अभी कोई जवाब नहीं दिया है। हालांकि, चीन के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दुष्प्रचार करार दिया था।

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