नए संसद भवन किसने और कितने खर्चे में बना जानिए
नई दिल्ली – नए संसद भवन का उद्घाटन किया. इस अवसर पर 75 रुपये का सिक्का और एक विशेष स्मारक डाक टिकट भी जारी किया गया. नई पार्लियामेंट कई मायनों में पुराने भवन से अलग है. आइये आपको बताते हैं कि संसद का नया भवन बनाने में कितना समय लगा, साथ ही कितनी लागत आई और पुराने भवन से यह कितना अलग और बड़ा है.
संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दिया है. इस नये संसद को बनाने में 1200 करोड़ की लागत से बनकर के तैयार हूई है. इस नये संसद भवन का क्षेत्रफल 64,500 वर्ग मीटर है. और इस भवन को बनाने में टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कंपनी ने कंस्ट्रक्शन का काम किया है. और वहीं इस भवन का आर्किटेक्ट का काम मशहूर आर्किटेक्चर बिमल पटेल ने किया. जिसका पूरा नाम विमल हंसमुख पटेल है.
बिमल पटेल ने सिटी प्लानिंग में मास्टर्स और बर्कले यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से सिटी एंड रीजनल प्लानिंग में PhD की है. पटेल ने 1960 में एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की. वर्ष 2028 में पटेल के पिता का निझन हो गया.लेकिन भारत सरकार ने उनकी स्थापित की हुई कंपनी को नए संसद भवन और कर्तव्य पथ परियोजना का काम दिया था. इस कंपनी के चेयरमेन और एमडी खुद विमल पटेल हीं हैं. बिमल पटेल की फर्म को नई संसद सहित कई महत्वाकांक्षी परियोजना और परामर्श सेवाओं के लिए 229.75 करोड़ रूपये का भुगतान किया जाएगा.
इस इमारत के तीन मुख्य द्वार- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार हैं. इसमें वीआईपी, सांसदों और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार हैं. नई संसद में ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल’ को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप स्थापित किया गया है. लोकसभा कक्ष को राष्ट्रीय पक्षी मोर की थीम पर और राज्यसभा कक्ष को राष्ट्रीय फूल कमल की थीम पर बनाया गया है.