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भारत के अनुरोध के बावजूद पाकिस्तान करतारपुर तीर्थयात्रियों से ले रहा है भारी भरकम फीस


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नई दिल्ली – पाकिस्तान सिख धर्म के अनुयायियों की सबसे पवित्र जगहों में से एक श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर के जरिए तीर्थयात्रियों से फीस वसूल रहा है. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने बताया है कि सरकार को करतारपुर साहिब जाने के लिए कॉरिडोर के माध्यम से पासपोर्ट-मुक्त यात्रा के लिए आवेदन मिले हैं. भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय समझौते में तीर्थयात्रियों को वैध पासपोर्ट के साथ यात्रा करने की अनुमित है.

पाकिस्तान प्रत्येक यात्रा के लिए भारत के तीर्थयात्रियों से शुल्क लेना जारी रखे हुए है. मुरलीधरन ने अपने जवाब में बादल को बताया, “भारत सरकार ने लगातार पाकिस्तान सरकार से आग्रह किया है कि तीर्थयात्रियों की इच्छाओं के सम्मान में, करतारपुर साहिब कॉरिडोर के माध्यम से गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जाने वाले तीर्थयात्रियों पर कोई शुल्क नहीं लगाया जाना चाहिए. हालांकि, पाकिस्तान प्रत्येक यात्रा के लिए प्रत्येक तीर्थयात्री से 20 अमरीकी डॉलर का शुल्क वसूल रहा है.” तीर्थयात्रियों की गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जाने की सुविधा के लिए भारत और पाकिस्तान सरकार ने एक समझौते पर 24 अक्टूबर, 2019 को हस्ताक्षर किए थे. 9 नवंबर, 2019 को इसके उद्घाटन के बाद से लगभग 1,70,000 तीर्थयात्री करतारपुर गए हैं. करतारपुर साहिब कॉरिडोर सप्ताह के सभी सातों दिन खुला रहता है.

श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोलने की लंबे समय से मांग चल रही थी. इसके बाद भारत और पाकिस्तान सरकार ने 24 अक्टूबर 2019 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. करतारपुर कॉरिडोर गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के पंजाब के गुरदासपुर में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जुड़ता है.

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