x
लाइफस्टाइल

Navratri 2023 : नवरात्रि के दूसरे दिन होती है ब्रह्मचारिणी रूप पूजा आराधना


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्ली – नवरात्रि 2023 (द्वितीया तिथि) के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं. इसलिए, आइए मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, भोग और आरती के बोलों पर एक नजर डालते हैं.

मां ब्रह्माचारिणी के नाम में ही उनकी शक्तियों की महिमा का वर्णन मिलता है. ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ होता है आचरण करने वाली. अर्थात तप का आचरण करने वाली शक्ति को हम बार-बार नमन करते हैं. माता के इस स्वरूप की पूजा करने से तप, त्याग, संयम, सदाचार आदि की वृद्धि होती है. जीवन के कठिन से कठिन समय में भी इंसान अपने पथ से विचलित नहीं होता है.

नवरात्रि के दूसरे दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान-ध्यान करने के बाद मांं ब्रह्मचारिणी की फोटो को चौकी में रखकर गंगाजल छिड़ककर स्नान कराएं और उसके बाद देवी को वस्त्र, पुष्प, फल, आदि अर्पित करें. देवी की पूजा में आज विशेष रूप से सिन्दूर और लाल पुष्प जरूर अर्पित करें. मान्यता है कि नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में केसर की खीर, हलवा या फिर चीनी का भोग लगाने पर शीघ्र ही देवी कृपा प्राप्त होती है और साधक को सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं.

मां ब्रह्मचारिणी ने राजा हिमालय के घर जन्म लिया था. नारदजी की सलाह पर उन्होंने कठोर तप किया, ताकि वे भगवान शिव को पति स्वरूप में प्राप्त कर सकें. कठोर तप के कारण उनका ब्रह्मचारिणी या तपश्चारिणी नाम पड़ा. भगवान शिव की आराधना के दौरान उन्होंने 1000 वर्ष तक केवल फल-फूल खाए तथा 100 वर्ष तक शाक खाकर जीवित रहीं. ब्रह्मचारिणी इस लोक के समस्त चर और अचर जगत की विद्याओं की ज्ञाता हैं। इनका स्वरूप श्वेत वस्त्र में लिपटी हुई कन्या के रूप में है, जिनके एक हाथ में अष्टदल की माला और दूसरे में कमंडल है। यह अक्षयमाला और कमंडल धारिणी ब्रह्मचारिणी नामक दुर्गा शास्त्रों के ज्ञान और निगमागम तंत्र-मंत्र आदि से संयुक्त हैं.

कठिन तपस्या के कारण ही मां ब्रह्माचारिणी का नाम तपश्र्चारिणी भी पड़ा. दूसरे दिन मां ब्रह्माचारिणी को प्रसन्न करने के लिए ह्रीं श्री अम्बिकायै नम: और या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्माचारिणी रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: मंत्र का उच्चारण अवश्य करें.

Back to top button