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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी जन औषधि दिवस की शुभकामना,समजाया महत्व


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नई दिल्ली – भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) योजना ने न केवल देश के करोड़ों लोगों की इलाज के खर्च को लेकर चिंता दूर की है, बल्कि उनका जीवन भी आसान बना दिया है. उन्होंने कहा कि योजना की उपलब्धियां काफी संतोषजनक हैं। केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मंगलवार को देश में 5वां जन औषधि दिवस मनाया जा रहा है। इस योजना का भारत के आम लोगों के जीवन पर सीधा सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। देश के 12 लाख से अधिक नागरिक प्रतिदिन जन औषधि केंद्रों से दवा खरीद रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा, जन औषधि योजना सेवा और रोजगार दोनों का माध्यम बन रही है। जन औषधि केंद्रों में सस्ती दवाई के साथ-साथ युवाओं को आय के साधन मिल रहे हैं। 1,000 से ज्यादा जन औषधि केंद्र तो ऐसे हैं, जिन्हें महिलाएं ही चला रही हैं। यानी ये योजना बेटियों की आत्मनिर्भरता को भी बल दे रही है। इस योजना से पहाड़ी क्षेत्रों में, नॉर्थईस्ट में, जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले देशवासियों तक सस्ती दवा देने में मदद मिल रही है।

आज 7,500वे केंद्र का लोकार्पण किया गया है तो वो शिलांग में हुआ है। नॉर्थईस्ट में जनऔषधि केंद्रों का कितना विस्तार हो रहा है। 7500 के पड़ाव तक पहुंचना इसलिए भी अहम है, क्योंकि 6 साल पहले देश में ऐसे 100 केंद्र भी नहीं थे। हम जितना जल्दी हो सके, उतना जल्दी 10,000 का लक्ष्य पूर्ण करना चाहते हैं। इस योजना से फार्मा सेक्टर में संभावनाओं का एक नया आयाम भी खुला है। आज मेड इन इंडिया दवाइयां और सर्जिकल्स की मांग भी बढ़ी हैं। मांग बढ़ने से उत्पादकता भी बढ़ी है, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।

फार्मास्यूटिकल्स विभाग 7 मार्च को 5वां जन औषधि दिवस मना रहा है। 1 मार्च से 7 मार्च तक विभिन्न शहरों में कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है, जो जन औषधि योजना के बारे में जागरूकता पर ध्यान केंद्रित करेंगे। 31 जनवरी तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों की संख्या बढ़कर 9,082 हो गई है। पीएमबीजेपी के तहत देश के 764 जिलों में से 743 जिलों को कवर किया गया है।

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