
नई दिल्ली – मोदी सरकार ने कक्षा एक में प्रवेश की न्यूनतम उम्र 6 साल तय की जाए. बुधवार को यह जानकारी अधिकारियों ने दी. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, शुरुआती पांच साल की उम्र सीखने का फंडामेंटल स्टेज है. जिसमें तीन साल का प्री स्कूल एजुकेशन और इसके बाद क्लास-1 और 2 शामिल हैं. शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति प्री स्कूल से कक्षा 2 तक के बच्चों के निर्बाध सीखने और विकास को बढ़ावा देती है.
शिक्षा मंत्रालय की तरफ से जो आदेश जारी हुआ है, उसमें कहा गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रथम चरण में बच्चों की शिक्षा को मजबूत करने के लिए उनकी आयु सीमा बढ़ानी जरूरी है. केंद्र ने राज्यों से पूर्व-स्कूली शिक्षा (DPSE) पाठ्यक्रम में दो साल का डिप्लोमा डिजाइन करने और चलाने की प्रक्रिया शुरू करने का भी अनुरोध किया है. मार्च 2022 में लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, राज्यों में पहली कक्षा में दाखिले की उम्र सीमा में काफी भिन्नताएं हैं. देश के 14 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां छह साल उम्र से पहले बच्चों को पहली कक्षा में दाखिले की अनुमति है.
असम, गुजरात, पुदुचेरी, तेलंगाना और लद्दाख में पांच साल के बच्चों का पहली कक्षा में दाखिला हो सकता है. वहीं, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, गोवा, झारखंड, कर्नाटक और केरल में कक्षा 1 में दाखिले की न्यूनतम उम्र पांच साल से अधिक है.केंद्रीय स्कूलों के अलावा कई राज्यों में पहली कक्षा में दाखिले की न्यूनतम उम्र पहले से ही 6 साल रखी गई है. वहीं कई राज्यों में ये पांच या साढ़े पांच साल रखा गया है. अब इस नए बदलाव को राज्य स्तर पर सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जा रहा है.