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पाकिस्तान की कंगाल हालत पर भारत से आर्थिक मदद मिलेंगी ?


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नई दिल्ली – पाकिस्तान का भविष्य काफी हद तक उसके अपने कार्यों और विकल्पों से निर्धारित हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि यह पड़ोसी देश को सोचना है कि वह अपनी आर्थिक परेशानी से बाहर निकले कि नहीं। उन्होंने श्रीलंका से पाकिस्तान की तुलना को भी खारिज करते हुए कहा कि दोनों देशों के साथ भारत के संबंध अलग हैं। पाकिस्तान इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। हालात इतने बुरे हैं कि पाकिस्तान को 1.1 मिलिन डॉलर की मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के हाथ-पांव जोड़ने पड़ रहे हैं।

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली के लिए खुद उसे जिम्मेदार बताया है। साथ ही पाकिस्तान की श्रीलंका से तुलना को निरर्थक बताया है। पाकिस्तान की मदद किये जाने पर उन्होंने कहा है कि हमारे श्रीलंका के साथ सम्बन्ध अलग रहे हैं वहीं पाकिस्तान के साथ अलग। पाकिस्तान का भविष्य काफी हद तक उसके अपने कार्यों और विकल्पों से निर्धारित हुआ है।

पाकिस्तान को अपनी मुसीबत से निकलने का हल खुद ढूंढना होगा. वह अपनी आर्थिक परेशानी से बाहर कैसे निकले, उसे खुद सोचना होगा। कोई भी अचानक ऐसी स्थिति में नहीं पहुंच जाता। इसके लिए पड़ोसी देश खुद जिम्मेदार है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ सीमा पर हमेशा आतंकवाद को प्रायोजित करता रहा है, जिसने द्विपक्षीय संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। ऐसे में पाकिस्तान को भारत से मदद की उम्मीद नहीं लगाना चाहिए।

जयशंकर ने श्रीलंका के आर्थिक संकट के दौरान भारत की सहायता का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि श्रीलंका के साथ भारत के संबंध बहुत ही अलग हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पाकिस्तान का भविष्य काफी हद तक पाकिस्तान के कार्यों और पाकिस्तान की पसंद से निर्धारित होता है। कोई भी व्यक्ति अचानक और अकारण किसी कठिन परिस्थिति में नहीं पहुंचता। यह उनके लिए है कि वे कोई रास्ता निकालें। आज हमारा संबंध ऐसा नहीं है जहां हम उस प्रक्रिया के लिए सीधे तौर पर प्रासंगिक हो सकें।

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