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शिंदे गुट ने शिवसेना के विधानसभा कार्यालय पर कर लिया कब्जा


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मुंबई – शिवसेना पार्टी कार्यालय को शिंदे समूह ने अपने कब्जे में ले लिया है. चुनाव आयोग के फैसले के बाद शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और तीर-धनुष का चुनाव चिह्न मिल गया है. एबीपी मांझा के अनुसार आज शिंदे गुट के प्रतोद भरत गोगावले के साथ कुछ विधायक विधानमंडल में घुस गए और शिवसेना कार्यालय पर कब्जा कर लिया. पहले इस कार्यालय पर ठाकरे समूह का नियंत्रण था. यहां लगे बोर्ड और बैनर हटा दिए गए हैं. उसके बाद भरत गोगावले ने विधायकों सहित इस कार्यालय को अपने नियंत्रण में ले लिया और कहा, “अब शिवसेना हमारी पार्टी है. अब से, हम अन्य कार्यालयों को लेने के लिए कानूनी प्रयास करेंगे.”

इस बीच संजय राउत का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा, ‘अमित शाह सही मायनों में महाराष्ट्र और मराठी मानुस के दुश्मन हैं। इसमें गलत क्या है? उन्होंने उस शिवसेना को तोड़ा है, जिसे बालासाहेब ने मराठी मानुस को ताकत देने के लिए बनाया था। पैसों के दम पर हमारी पार्टी खत्म करने की साजिश हो रही है। लेकिन वो भूल रहे है कि शिवसेना आग है।’राउत ने कहा, ‘बीजेपी के महाराष्ट्र से मुंबई को अलग करने और उनके गलत इरादों के खिलाफ मजबूती से शिवसेना ही खड़ी है। इसलिए पार्टी को खत्म करने की साजिश रच रहे हैं। उद्धव ठाकरे शरद पवार के पैरों में गिरने बात कर रहे है, उनकी बेतुकी बात पर क्या बयान दूं, छोड़ दीजिए।’

एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना में अंदरूनी फूट आ गई थी. तब से महाराष्ट्र की राजनीति में शिंदे ग्रुप और ठाकरे ग्रुप नाम के दो ग्रुप देखे गए. दोनों गुटों की ओर से कई दावे और प्रतिदावे किए गए. साथ ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला. वहां से यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची और वहां से मामला कई दरारों में बंट गया. इसी तरह शुक्रवार (17 फरवरी) को केंद्रीय चुनाव आयोग ने शिवसेना के नाम और पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर बड़ा फैसला सुनाया. महाराष्ट्र राजनीतिक संकट में उद्धव ठाकरे के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है.

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