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भारतीयों को होगा फायदा,अमेरिका H-1B और L1 वीजा पर ला रहा नया कानून


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नई दिल्ली – बाइडेन प्रशासन H-1B और L1 वीजा पर एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की पहल कर रहा है. अमेरिका (America) अगले कुछ सालों में इसे बढ़ाने के लक्ष्य के साथ पायलट आधार पर कुछ श्रेणियों में घरेलू वीजा पुनर्वैधीकरण (Domestic Visa Revalidation) को फिर से शुरू करने की योजना पर काम कर रहा है.

2004 तक H-1B वीजा को अमेरिका में ही रिन्यू किया जाता था। लेकिन 2004 के बाद से अमेरिका में काम करने वाले माइग्रेंट वर्कर्स को इसे रिन्यू कराने के लिए अपने देश लौटना पड़ रहा है। लेकिन इस नए पायलट प्रोजेक्ट के तहत H-1B वीजा अमेरिका में ही रिन्यू किए जाएंगे। यानी किसी भी माइग्रेंट वर्कर को इसे रिन्यू करवाने के लिए अपने देश नहीं जाना पड़ेगा।

अगर कोई अमेरिका से बाहर यात्रा पर जाना चाहता है या फिर से यूएस में एंट्री करना चाहता है, तो ये जरूरी है. फ़िलहाल अमेरिका में H-1B वीज़ा रीस्टैम्पिंग की इजाजत नहीं है. रीस्टैम्पिंग सिर्फ किसी भी अमेरिकी वाणिज्य दूतावास में की जा सकती है. ये विदेशी श्रमिकों और कर्मचारियों के लिए भी एक बड़ी असुविधा थी, खासकर ऐसे समय में जब वीजा वेटिंग समय 800 दिनों से अधिक या दो वर्ष से अधिक हो.

क्या है H-1B?
H-1B वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को खास व्यवसायों में नियोजित करने की अनुमति देता है. प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस पर निर्भर करती हैं. एच-1बी वीजा एक बार में तीन साल के लिए जारी किया जाता है.

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि नए नियम से आवेदकों को वीजा नवीनीकरण (Visa Renewal) के लिए विदेश यात्रा करने की जरूरत खत्म हो जाएगी.

L-1A और L-1B वीजा टेम्परेरी इंट्राकंपनी ट्रांसफरीज के लिए उपलब्ध हैं जो मैनेजीरिअल पोजीशन पर काम करते हैं या स्पेशलाइज्ड नॉलेज रखते हैं। एल-1बी वीजा के तहत कंपनियों को एंप्लॉइज को कम से कम एक साल के लिए अमेरिका भेजने की अनुमति होती है। ये ऐसे लोगों को दिया जाता है जो वहां स्थायी तौर पर रहने नहीं जाते।

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