विक्टोरिया गौरी को एडिशनल जज बनाए जाने के खिलाफ
नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को रद्द करने की मांग की थी और दलील देते हुए कहा था कि शपथ लेने वाले जजों को संविधान में आस्था रखनी चाहिए लेकिन जिनके नाम की अनुशंसा की गई है, उनके सार्वजनिक बयानों के चलते उनके नाम की सिफारिश को रद्द करना चाहिए।
मद्रास हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार ने एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि गौरी व चार अन्य को मंगलवार सुबह 10.35 बजे शपथ दिलाई जाएगी। विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से आई थी और सरकार ने उसे मानते हुए नियुक्ति कर दी। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 जनवरी को गौरी को मद्रास हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश सरकार को भेजी थी। मद्रास हाई कोर्ट के तीन वरिष्ठ वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर विक्टोरिया गौरी को मद्रास हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने का विरोध किया था।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें एडिशनल जज को स्थायी जज के तौर पर नियुक्ति नहीं मिली क्योंकि उनकी परफॉर्मेंस अच्छी नहीं थी। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जहां खास राजनीतिक जुड़ाव वाले लोगों को नियुक्ति मिली है। उन्होंने कहा कि जो तथ्य पेश किए गए हैं, वह साल 2018 में दिए एक भाषण के हैं और हमें लगता है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने भी विक्टोरिया गौरी के नाम की सिफारिश करने से पहले इन्हें देखा होगा।